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निर्भय निरपुरिया
White एक हरे भरे पेड़ मिल गया था कारपेंटर को किस्मत से। अब पेड़ तो अपनी मर्जी से पला बढ़ा बेतरतीब किंतु विशाल और छायादार।मीठे फल वाला। परंतु अब अपनी श्रेष्ठता की जंग जीतने के लिए , वो उसकी एक एक टहनी काट अलग अलग कलाकृतियां बनाने लगा। फिर एक दिन पेड़ की जगह ठूंठ रह गया।। ना छाया न फल।। पीछे उसकी टहनी से बने एक विशाल काष्टकृति में बना बेतरतीब पेड़ मुस्कुरा रहा था इस कला पर और किस्मत पर।।। नकली पेड़ शोभा है,नायाब है,घर के अंदर लटका हुआ।। पर एक दिन लग जायेगा उसमे भी घुन.... समाप्त! ©निर्भय निरपुरिया #love_shayari Vishalkumar "Vishal" Anshu writer करम गोरखपुरिया mautila registan(Naveen Pandey) Madhusudan Shrivastava
#love_shayari Vishalkumar "Vishal" Anshu writer करम गोरखपुरिया mautila registan(Naveen Pandey) Madhusudan Shrivastava #विचार
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White गया क्या तेरा बता यार मुस्कुराने में। जमाना लगता है एक दर्द को भुलाने में। खतों में लिपटे हुए फूल तुम निकालो तो मजा मुझे भी तो आए तुम्हें सताने में । फकीर करके मुझे अपना इश्क़ ले जाओ । बची हुई है ये दौलत मेरे खजाने में यकीन तेरी बफाओं का अब भी करता पर वफा दिखी ही नही पर तेरे बहाने में अभी तो भा गया हमको ये दिल का वीराना बहुत ही देर लगा दी हुजूर आने में हमीं ने तुमको कभी टूट करके चाहा था हमें ही शर्म क्यों निर्भय है ये बताने में ©निर्भय निरपुरिया #Sad_Status Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Anshu writer Anup Joshi Madhusudan Shrivastava
#Sad_Status Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Anshu writer Anup Joshi Madhusudan Shrivastava #शायरी
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White जैसे आती है दुआ लब पे है ऐसे आई वह तेरा नाम तेरी याद और तन्हाई तेरे दिल में कमोबेश रह गया हूं मैं या मेरे दिल से यूं ही कोई सदा आई। रात को उठ के हिचिकिया तू भी लेता है सुबह तलक फिर तुझको भी नींद ना आई बस इसी चाह में औरत बनी रही औरत जुबां पे बच्चों की पहली पहल है मां आई आग है निकली अभी बेसाख्ता दरिया से सफेद साड़ी में लड़की कोई नहा आई कोई लड़का खुली किताब है जिसके लिए फाड़ के पन्ने वही नाव है बना लाई। अब तो शादी के पहले हुए सारे लफड़े दूसरी शादी हुआ करती थी कभी सगाई चारों कांधे कम पड़ने लगे घर के लिए पूरी पड़ती रही है बस बाप की कमाई मिन्नतें करके ओयो में लाने के बाद लड़का बोल पड़ा लड़की से बेहया आई ©निर्भय निरपुरिया #Hope एक Mohabbati विधार्थी Rakhee ki kalam se Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava
निर्भय निरपुरिया
White दर्द की दवा भी मरीज़ बतावे। यह हकीम कौन तरीज़ बतावे।। एक तरफा रास्ता है ये दिल का। बेवफा इसे भी अरीज़ बतावे।। दिल किसी नबाब का नोचने को है। मूल्ला हरम कु हरीज़ बतावे। क्या गजल कहूं बोल उस बदन पर अंधा जिसका हुस्न करीज़ बतावे। ©निर्भय चौहान #GoodMorning Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se Nazar
#GoodMorning Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se Nazar #शायरी
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White विरह वेदना की जो सारी दहन हो। पतित चेतना का यही आचमन हो। बने चाह का फूल जब प्रेम का फल। हमारा हो अनुनय तुम्हारा भी मन हो।। ©निर्भय चौहान #Moon #Muktak #trust Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se Nazar Madhusudan Shrivastava
निर्भय निरपुरिया
Men walking on dark street वक्त पे हम कभी,यार मिल जाते तो। वक्त के हाथ में दिल न देते कभी। वक्त बेवक्त ये प्यार क्यों लाया है। छोड़ कर जा रहे जब अपने सभी। क्या कोई फूल है ,अब जो सूखा नहीं। क्या कोई आह है जो कि भूखा नहीं। क्या मुझे आ गई है तिजारत सनम, इश्क करके छुपाना क्या धोखा नहीं। हर घड़ी जिंदगी एक व्यापार है, जिसमे मुझको मुनाफा न होगा कभी। चल चलें गांव के मंदिरों की तरफ, वो शिवाला जहां हम मिले थे कभी। देख कर के नदी के भंवर डर गए। भावनाओं के पर, पर हिले थे कभी। अर्चना आरती सारे ही व्यर्थ हैं, फिर से अब मुकुराना ना होगा कभी। क्या तुम्हें याद है,अपनी अंतिम घड़ी, वो मुलाकात जिसमे लगी थी झड़ी। एक भींगे हुए खत को हाथो में ले, तुम सिसकती हुई भींगती थी खड़ी। सूखे उस खत में अब ढूंढता हूं तुम्हे, कुछ तो बोलोगी कुछ तो कहोगी कभी।। निर्भय चौहान ©निर्भय चौहान #Emotional Vishalkumar "Vishal" Snehi Uks Anshu writer Kapil Nayyar Madhusudan Shrivastava
#Emotional Vishalkumar "Vishal" Snehi Uks Anshu writer Kapil Nayyar Madhusudan Shrivastava #कविता
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Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. तुम को चाहते रहना, ये खुशी हमारी है। बादलों सा उड़ता हूं चढ़ रही खुमारी है। हम जो एक दूजे के वास्ते मुहब्बत हैं। जिंदगी से रिश्ते हैं , मौत से भी यारी है। खत के बाद का मौसम खुशनुमा रहा लेकिन । बाद वस्ल के कैसी दिल में बेकरारी है । कल जहां मुंडेरों पे वो पतंग उतारी थी । कल थी सूट में लड़की अब बदन पे साड़ी है। मैं था सिर्फ दीवाना इसलिए दगा खाई। वो है जिसकी दीवानी पास उसके गाड़ी है। हर तरफ से आई है शोहरतें मेरे जानिब। मां ने आज फिर निर्भय यूं बला उतारी है । निर्भय चौहान २१२१ २२२ ©निर्भय चौहान #holi2024 एक Mohabbati विधार्थी Kumar Shaurya Madhusudan Shrivastava Vishalkumar "Vishal" Sukoon Ki Baat
निर्भय निरपुरिया
Blue Moon किसी गम को भी बद्दुआ ना लगे। खुशी को भी मगर बुरा ना लगे। तुम्हे दिल और को भी देना है। किसी से दिल मगर तेरा ना लगे। गले में मां ने बांधी थी दुआएं। किसी के प्यार की हवा ना लगे।। कहीं भी आना जाना छोड़ आया । पता मेरा उसे पता ना लगे। मुझे धीरज बंधा के जा रहा है । खता उसकी कहीं खता ना लगे।। उसी का हाल उस से पूछता हूं । उसे भी हक मेरा अता ना लगे ।। 2122 1212 112 ©निर्भय चौहान #bluemoon #gazal #shayari #nojoto Kumar Shaurya Snehi Uks Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se Madhusudan Shrivastava