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Satish Kumar Meena
सीमा पार से प्रेम की हिलोरें उठना दो दिलों में दंश झेल पाने का अनुभव है, उम्मीदें तार तार हो जाती है अगर उम्मीदें कायम रखी हों। ©Satish Kumar Meena सीमा पार प्रेम
सीमा पार प्रेम
read moreRAVI PRAKASH
White घोड़े के पीछे और पैसे वाले के आगे कभी मत चलो क्योंकि वह कभी भी लात मार देते हैं.. ©RAVI PRAKASH #sad_quotes घोड़े के पीछे और पैसे वाले के आगे कभी मत चलो क्योंकि वह कभी भी लात मार देते हैं..
#sad_quotes घोड़े के पीछे और पैसे वाले के आगे कभी मत चलो क्योंकि वह कभी भी लात मार देते हैं..
read moreRam Prakash
White मंडप तक जाते जाते इश्क का लोकेशन कुछ एैसा धीमा है किसी और के चाँद का किसी और को बीमा है ©Ram Prakash #love_shayari चाँद
#love_shayari चाँद
read moreParasram Arora
White कुछ कदम तुम चलो कुछ कदम हम चले मजा तो तभी है जब चलना ही हमारी जिंदगी बने ©Parasram Arora कुछ कदम तुम चलो
कुछ कदम तुम चलो
read moreShraddha
ऐ चाँद ,क्यों तेरा दीदार मुझे उनकी याद दिलाता है तुझे निहारकर बैचैन दिल को सुकून मिल जाता है देखते हैँ वो भी मुझे तुझमे कहीं ,तू उनका भी सुकून होगा कभी, शुक्रिया ऐ चाँद तू आकर हमारा मिलन करा जाता है। हमारा मिलन करा जाता है। ©Shraddha # चाँद
# चाँद
read moreParasram Arora
White मै रात भर चाँद को पतंग बना कर उडाता रहा फिर बादलों से पेच लड़ा बैठा और पता नहीं वो चाँद कट कर कहा जा कर गायब हुआ था ©Parasram Arora चाँद नहीं पतंग
चाँद नहीं पतंग
read morekevat pk
White "जब राहें अकेली हों, तो अपने अंदर की ताकत को पहचानो, क्योंकि अकेले चलने से ही खुद की मंजिल तक पहुँचने का रास्ता साफ होता है।" "अकेले चलने की हिम्मत रखो, क्योंकि सबसे बड़ी यात्रा खुद से शुरू होती है।" ©kevat pk #चलो अकेले ही
#चलो अकेले ही
read moreParasram Arora
White क्षितिज के उस पार उड़ कर पहुंचने की आस हैँ आदमी को. सदियों से लगता हैँ उसे कहीं अपने कमज़ोर पंखो पर भरपूर भरोसा न आ गया हो ©Parasram Arora उस पार
उस पार
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
कुछ तो है या कुछ हुआ हुआ सा लगता है तेरी उल्फ़त में उठा धुंआ धुंआ सा लगता है तेरी निगाहें तेरी जुबाँ से मेल नहीं खातीं तेरा अंदाज-ए-बयाँ जुदा जुदा सा लगता है क्या हुआ कि किसी ने कुछ कहा तुझसे मेरी ओर बढ़ता कदम रुका रुका सा लगता है एक मुद्द्त बाद तो दिल ने पाई है रोशनी वो चिराग़ ही मुझे बुझा बुझा सा लगता है तेरी छत पे देख चाँदनी छिटकी नहीं क्या ये चाँद मुझे उखड़ा उखड़ा सा लगता है आईना-ए चश्म अश्कों से भरा न कर मेरा अक्श ही मुझे धुंधला धुंधला सा लगता है जिस मोड़ के बाद साहिल को आना था उसी मोड़ पे तूफाँ खड़ा खड़ा सा लगता है जिसे झुका पाने की जुर्रत न थी जमाने में वही सर आज झुका झुका सा लगता है तुम्हारी उदासियाँ हवायें चुरा लाई जैसे मिजाज़ उनका खफ़ा खफ़ा सा लगता है ©अज्ञात #चाँद
Parasram Arora
White प्राणो मे ज़ब तक साँसों की ज्योति जलती रहेगी. तुम तो रोशन होओगे ही ये जगत भी तुम्हारी रौशनी से चमकता रहेगा जिस दिन तुम्हारा ख्वाहिशो से मोह भंग हो जाएगा तुम्हारे जीवन की किश्ती भी उस पार तुम्हे पंहुचा देगी ©Parasram Arora उस पार
उस पार
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