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Yogi Sonu
1. या तो आसन लगा कर बैठे या विचारो को देखे दो ही मार्ग है परमात्मा को पाने का दृष्टा भाव साक्षी बन जाना हरेक पल का हरेक घटना हरेक अनुभव का मन का विचारो का शरीर का भाव का सबसे अपने को अलग कर लेना सिर्फ़ साक्षी भाव हो इसी को बनाए रखना पाओगे की किसी दिन अंकुर फूंटा फूल खिला । ©Yogi Sonu #navratri 1. या तो आसन लगा कर बैठे या विचारो को देखे दो ही मार्ग है परमात्मा को पाने का दृष्टा भाव साक्षी बन जाना हरेक पल का हरेक घटना हरेक
Internet Jockey
प्रेम भक्ति है और भक्ति शुक्राने का नाम है प्रेम किंतु परंतु नहीं, प्रेम, निशकाम भाव है ©Internet Jockey प्रेम भक्ति है और भक्ति शुक्राने का नाम है प्रेम किंतु परंतु नहीं, प्रेम, निशकाम भाव है
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 रुबरु जय श्री कृष्णा राधे राधे कहने का हमने खोजा यह रास्ता मकसद हमारा सभी को एक दूसरे को जोड़ते रहना अपने हो या पराए कभी तो पड़ता एक दूसरे से वास्ता रूबरू होना चाहते सबसे जिसमे कुछ अपने कुछ पराये क्यों ना एक दूसरे से जय श्री कृष्णा राधे राधे कहा जाये चलो इस बात पर कुछ तो लिखा जाये कुछ और नही तो सुबह-सुबह सबसे राम राम ही कहा जाये सुबह-सुबह के अभिवादन से चेहरों पर मुस्कान आये सुबह-सुबह मंदिरों से घंटे शंख की आवाज आए मन को एक शांति मिल जाये हमारा शीश श्रद्धा से झुक जाये सुबह सवेरे पक्षी भी चहक जाये प्रभु का नाम लेते ही विघ्न दूर हो जाये बिना कहे सबकी मनशा पूरी हो जाये स्वरचित_ सरमन_✍️ 2/222 ©Mansha Sharma #मन के भाव #सुरमन_✍️ #रुबरु
Ghumnam Gautam
भाव बिलखकर माँगते, शब्द-शब्द से ठौर पर अब आने से रहा, कविताओं का दौर #WorldPoetryDay #कवितादिवस ©Ghumnam Gautam #World_Poetry_Day #कविता #भाव #ghumnamgautam
हर्ष कुमार श्रीवस्तव "आज़ाद"
फागुवां मनाएंगे होली खेलेंगे रंग भरे मौसम मे रंग खेलेंगे हो अपने पर भरोसा तो हम कुछ भी करेंगे दूसरे की भैस खोल के अपनी ही भैस कहेंगे फागुवां मनाएंगे होली खेलेंगे रंग भरे मौसम मे रंग खेलेंगे.... फागुन के मौसम मे मगन हो मिल कर रंग ग़ुलाल खेलेंगे जो डरना हैँ रंग ग़ुलाल से तो सब घर पर रहो शान से रंगों की महफिल जो आओगे तो फिर रंग से कहाँ बच पाओगे फागुवां मनाएंगे होली खेलेंगे रंग भरे मौसम मे रंग खेलेंगे.... जो भाँग पियेंगे भी घोटेंगे हो मस्त गुझिया भी खायेंगे फागुवां मनाएंगे होली खेलेंगे रंग भरे मौसम मे रंग खेलेंगे.... ©हर्ष कुमार श्रीवस्तव "आज़ाद" #Seawater भाव
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 तस्वीर जिंदगी बीत रही पल-पल न जाने क्या हो अगले पल जो बीत गया वह था कल जियो तो खुलकर जियो जिंदगी कहीं जिंदगी थमने से थम न जाए रफ्तार जिंदगी नहीं मिलती बार-बार जिंदगी है जिंदा दिल्ली का नाम ना जाने कब हो जाए जीवन की शाम तुमसे लोगों की जुड़ी तकदीर कौन ना जाने कब बन जाए दीवार पर लगी तस्वीर मनशा है जीते जी लोगो के दिलों में बस जाओ तस्वीर बन उनके दिलों में छप जाओ जो हर छोटी-छोटी बात पर तुम्ही याद आओ बस उन्हे तुम्ही याद आओ स्वरचित_सुरमन_✍️ 3/2/22 ©Mansha Sharma #मन के भाव #तसवीर #nojato
Deepa Didi Prajapati
ईश्वरीय सम्पूर्ण सृष्टि का नक्शा रूपी पृथ्वी पर मनुष्य की भाव- संवेदनाओं को नष्ट कर देने वाला स्थल,कारागार रूपी नरक है। ©Deepa Didi Prajapati #भाव- संवेदनाएं
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 तन्हाई दिख रहा है घुप अंधेरा क्या करे इन उजालो का हम जब साथी तु नही है मेरा हमे घेरे रहता है तेरी यादो का घेरा ना जाने कब होगा जीवन मे सवेरा यह तन्हाई हमे लगी डराने क्या करे तेरी याद जो लगी सताने तुम ना आने के ढूंढने लगे बहाने तुम्हे याद करते करते गला रुंध गया अश्क लगे बहने अब क्या कहे हमे तुमसे कुछ लफ्ज़ नही कहने मनशा है लौट आओ अब तुम्हारे बिना हमे तन्हाई के दर्द नही है सहने अगर तुम्हे कुछ लिखना चाहूं लिख ना पाऊं जज्बात कोरे कागज़ पर छलक ही जाती अंसुवन की धार क्यों छोड़ दिया मुझे इस तन्हाई की दुनिया मे बीच मझधार हम तो थे जन्म जन्म के साथी मनशा फिर क्यों बुझ गयी इस दिल की बाती टूट गये सांसो के तार टूट गये सांसो के तार स्वरचित _सुरमन_✍️ 12/8/22 ©Mansha Sharma #मन के भाव #तनहाई #कविता #nojato
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी परस्पर बढे मेल ,संवेदना और करुणा की लौ जगाना है हिंसा का भाव उभरे ना किसी में अपनी शांती और जीवन का मार्ग सुलभ बनाना है जियो और जीने दो सभी को अहिंसा से विश्व में,मानवता का पाठ पढ़ाना है प्रकृति के संसाधनों ने जो दिया है उसी अनुरूप जीने का लक्ष्य बनाना है हर चराचर जीवो का रखो ख्याल खुद के लिये शांति का मार्ग बनाना है उन्मादी बनकर हिंसा प्रतिहिंसा फैलाना नरको को जैसा माहौल संसार मे बनाना है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #God हिंसा का भाव उभरे ना किसी मे #nojotohindi
अविरल अनुभूति
शब्दों में है अर्थ छुपे, अर्थ से लिपटे भाव। कभी मन को ये सुख देते, कभी देते गहरे घाव।। जो समझा ये भाव का खेल। छूटा मन हुआ ईश्वर से मेल।। नाट्य संचालक⚜️🔱 ©अविरल अनुभूति भाव