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Mohanbhai आनंद
मौन सर्वार्थ साधनम्।। ब्रम्ह की अनुभूति अनिर्वचनिय है, जब आत्मा को,देह अध्यास में इन्द्रियों के विषय का उपभोग मिलता है,तब वह तृप्त हो कर मौन हो जाती है। मगर उनका बहाव प्राकृतिक है। इसलिए चलायमान ही रहती है। यह सुविचार की फलश्रृति, विषय वस्तु और परिस्थिति अनुकूल होती है,तबमन सुखानुभूति पाकर शांत होता है।। सुप्रभात 🙏 ©Mohanbhai आनंद मौन सर्वार्थ साधनम्।। ब्रम्ह की अनुभूति अनिर्वचनिय है, जब आत्मा को,देह अध्यास में इन्द्रियों के विषय का उपभोग मिलता है,तब वह तृप्त हो कर मौ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
🌹माता-पिता , गुरू और स्वयं का जीवन दर्शनशास्त्र से कम नहीं है।🌹🙏 ©नागेंद्र किशोर सिंह # अनमोल दर्शन के विषय।
Ruchika Deswal
याद आता है वो वक़्त जब स्कूल इसकुल हुआ करता था जहाँ शोर मचाना संगीत से कम नहीं लगता था साथी एक नहीं था सारे दोस्त हुआ करते थे उस ब्लैक बोर्ड पर सफ़ेद चोक से लिखना फिर मजे से कोने मे पडी चोक की धूल को,, फेर उंगली नीचे गिराना का मजा अलग हुआ करता था वो बेंच जो दोस्ती की मिसाल होता था कही S+R तो कहीं लिखा अकेला नाम होता था क्लास का वो फ्री पिरियड जिंदगी का अहम हिस्सा हुआ करता था वो बिच क्लास में बातें करना फिर मैडम का हमे घूरना इक रोज़ हुआ करता था सब जानकर भी आदत का बदलना? ऐसा हुआ कब करता था। आधी छुट्टी से पहले लंच बाक्स हज़म कर जाना वो वक़्त से पहले पूरी छुट्टी की तैयारी करना मानों इक कला से कम नहीं लगता था ये तो वक़्त था लिखना चाहा तब लफ्ज़ नही मिले जब जीना चाहा वो दिन बित चुका था ( रूचू) स्कूल के विषय में #PenPaper
rajkumar shastri
दुःख सब देखता है , वृद्धावस्था सब देखता है , मृत्यु सब देखता है लेकिन जो इस दृश्य को देखकर जीवन बदल ले उसे महात्मा बुद्ध कहते है । महापुरुष के विषय में दिव्य विचार
Bipin Sen
एक बार तुम्हारा सारा भ्रम टूट जाये, इन्द्रियाँ स्वतः वश में हो जायेंगीं। तुम्हे बस अपना भ्रम तोड़ने के उपाय खोजने हैं। #NojotoQuote इन्द्रियों को वश में कैसे करें ? #motivational #quotes #hindi #happiness #life
Surya
आज के विषय का नाम याद है याद एक यही भावना है जो कि जब भी आप को महसूस होगी आप की अखो में आशू ले आएगी क्यों कि याद अच्छी हो या बुरी हो सिर्फ रोलाति है लेकिन हम लोगों को ये कोशिश करनी चाहिए कि अपनी यादों को अच्छी रख्खे एश के लिए हम लोगों को एक काम करना होगा कि जब भी हम किसी से मिले या बात करे या कहीं जाए हो हम सब के साथ अच्छा व्यहा करे अच्छी बाते करे और हो सके तो उनके कुछ काम में मदद करे ये मेरे वि चार है आप का क्या कहना है बताये ©Surya आज के विषय का नाम याद है
काव्याभिषेक
जिनदेव - जिनेंद्र भगवान ( जिन्होंने अपनी इन्द्रियों और कर्म को जीत लिया है ।