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अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
कर्म का सिद्धान्त आंख ने पेड़ पर फल देखा .. लालसा जगी.. आंख तो फल तोड़ नही सकती इसलिए पैर गए पेड़ के पास फल तोड़ने.. पैर तो फल तोड़ नही सकते इसलिए हाथों ने फल तोड़े और मुंह ने फल खाएं और वो फल पेट में गए. अब देखिए जिसने देखा वो गया नही, जो गया उसने तोड़ा नही, जिसने तोड़ा उसने खाया नही, जिसने खाया उसने रक्खा नहीं क्योंकि वो पेट में गया अब जब माली ने देखा तो डंडे पड़े पीठ पर जिसकी कोई गलती नहीं थी । लेकिन जब डंडे पड़े पीठ पर तो आंसू आये आंख में क्योंकि सबसे पहले फल देखा था आंख ने यही है कर्म का सिद्धान्त कर्म का सिद्धान्त
vishnu prabhakar singh
लोग कहते हैं अजीब मिट्टी का बना है कैसी मिट्टी भाय, तितली सी, बिजली, सी या, आदर को अपना सबकुछ समर्पित करने वाली समाज को ऊर्जा देने वाली कर्तव्य को आँच पर सेकने वाली भाव को गीली आँखों से देखने वाली लज्जा को मूर्ति रूप देने वाली बल को खपड़ा में ढालने वाली देश को उपजाऊ बनाने वाली, कैसी मिट्टी भाय? "सिद्धान्त" मेरा शिशु। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #musings #filmymeme
Siddhant Mishra
#OpenPoetry प्यार में पागल मत बन कि एक दिन मरना पड़े , या किसी से बिछुड़ना पड़े , बस जितने दिन जिओ ऐसे की, सारे जग की खुशियां तेरे कदमों में झुकी मिले जिसके साथ जिओ कि तुम उसके और वो तुम्हे सब कुछ दिखे , न वो कोई और हो न तुम कोई और बस इंसान अलग हों पर दिल एक मिलें । 😊 ©सिद्धान्त मिश्रा की कविता #प्यार_में_पागल_मत_बन Jayanta Kumar Dansana , Pragati Maurya फैला दो कविता जीवन की । । सिद्धान्त की कविता...☺️☺️
coach ravishankar
हर एक नई शुरुआत इंसान को थोड़ा डरा देती है पर याद रखो सफलता मुश्किलों के पार ही नजर आती है। संघर्ष करना ही सफलता पाने का एकमात्र सिद्धान्त है। ©coach ravishankar #coachravishankar #Motivatinal #sunrays हर एक नई शुरुआत इंसान को थोड़ा डरा देती है पर याद रखो सफलता मुश्किलों के पार ही नजर आती है। संघर्
Anurag Tiwari
Good morning 😊 यदि सपने सच नही हो रहे तो रास्ते बदलो, सिद्धान्त नहीं…!! क्योंकि पेड़ हमेशा पत्तियाॅं बदलते है, जड़ें नहीं…!!
vishnu prabhakar singh
फलसफा जिंदगी का जिल्द है नशा रहता है ताउम्र रूप का यह एक अचल सम्मति है आपको ईंधन का भरोसा देती है इसमें कभी जंग नहीं लगता है जबकि लोहे जैसी ही तासीर होती है इसका स्थिरता से यारी है पर इसका तेज अलग कर देता भीड़ से इसे सत्य भड़काता रहता है यद्धपि दोनों संगी हैं सिद्धान्त शक्ति है,सिद्ध है।मानव से यही उम्मीद की जाती है। सुप्रभात। हर व्यक्ति का जीवन को लेकर अपना नज़रिया होता है, अपना फ़लसफ़ा होता है।
Sumit Upadhyay
जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले, सीने में चाहे धुन्ध पले, सिद्धान्त रहे न कभी टले ।। सुमित उपाध्याय जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले, सीने में चाहे धुन्ध पले, सिद्धान्त रहे न कभी टले ।। सुमित उपाध्याय #principle #सिद्धां
Sumit Upadhyay
Bhaskar Anand