Find the Latest Status about महकता आँचल पीडीऍफ़ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, महकता आँचल पीडीऍफ़.
Rameshkumar Mehra Mehra
Unsplash महकता रहेगा मेरा प्यार सैदब..... तुम्हारे मन में...! तुम करो या ना करो..!! हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे... ©Rameshkumar Mehra Mehra # महकता रहेगा प्यार मेरा सैदब,तुम करो या ना करो,हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे....
# महकता रहेगा प्यार मेरा सैदब,तुम करो या ना करो,हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे....
read moreबेजुबान शायर shivkumar
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं ईश्वर ने खुद को बनाया है एक ख्याल उनके मन में आया है अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है जिसका नाम माँ बतलाया है समंदर से गहरी ममता का होती है उठते तूफान को शांत वो करती है न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है वक्त बदल जाए हालात बदल जाए पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है जब मांँ की आवाज कानों में आती है सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है घर से निकल कर सर को झुका देते है मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं बचपन में हो या हो बड़े आज भी मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है मांँ तेरी उस गोद में आ कर धनंजय शुक्ला✍ ©बेजुबान शायर shivkumar //सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
read moreAnjali Singhal
"ना कोई चिंता थी ना कोई फिक्र, थी बस अपनी ही मस्ती अपनी ही डगर, बेपरवाह से दिन जाया करते थे गुज़र, थक-हारकर खेलकूद से सोते थे बेफिक्र, बुना क
read moreबेजुबान शायर shivkumar
// हमारे प्यारे बुजुर्ग दादाजी // उनके हाथों की लकीरों में वो " संघर्ष " की कहानी है, चेहरे की झुर्रियों में वो " अनुभव " की निशानी है । जिन्होंने देखा है अपने ज़माने का वो हर रंग, वही है जीवन के असली आनंद का संग । चलते वक्त से " सफर " तो उनका आगे का है हर बात में उनकी " सच्चाई " का वो अक्स उभरता है, ज्यों चाँद का असर । खामोश रहते हैं, पर दिल में " ज्ञान " का समंदर है, उनकी सलाहों में " जिंदगी " का असल वो सिकंदर है। वो न हों तो घर वीरान सा अब लगता है, उनकी मौजूदगी में हर कोना अब भी " महकता " है । इस " परिवार " की धरोहर उनसे ही तो है हमारा असली " जोहर " तो हमारे प्यारे बुजुर्ग दादाजी हैं हरेली तिहार से एक दिन पहले मैने अपने घर के सबसे बड़े बुजुर्ग यानी दादाजी को खोया है... जो मेरी हर " सोच " और " सपने " ,आदि का हिस्सा थे ©बेजुबान शायर shivkumar // हमारे प्यारे बुजुर्ग दादाजी // उनके हाथों की लकीरों में वो " #संघर्ष " की कहानी है, चेहरे की झुर्रियों में वो " #अनुभव " की निशानी है
// हमारे प्यारे बुजुर्ग दादाजी // उनके हाथों की लकीरों में वो " संघर्ष " की कहानी है, चेहरे की झुर्रियों में वो " अनुभव " की निशानी है
read more