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Praveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी नजाकत खोट दिलो मे डाल रही है सोहरत की गारंटी लेकर मोहब्बते अब दौलतों में नहा रही है थम गया इश्क का पागलपन नजरिया दिलो का बदल रहा है महंगा हो गया दिल लगाना गरीबो पर सितम प्यार ढहा रहा है दिल भर जाने पर हर्जाना करोड़ो पर जा रहा है मालामाल हो चला इश्क बाजारबाद के इस दौर में चोट सच्चा प्यार खा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है
#lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है
read moreAnjali Singhal
White "नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" ©Anjali Singhal "नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" #AnjaliSinghal #nojoto
"नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" #AnjaliSinghal nojoto
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreनवनीत ठाकुर
तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
read moreनवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
read moreRakesh frnds4ever
White भोला भला था सीधा साधा था मैं तो नादान था दुनियादारी से,,,,,,, होशियारी से मैं तो अंजान था लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे बिखर सा गया टूट के जो धागे से छूटा ये रिश्तों का मोती जुड़ेगा ना अब छुट के जहरिले सपनों ने मेरे ही अपनों ने मुझको है खोखा दिया मेरे ढोल ना सुन ,,,,,,,,,,,,मेरे दर्द की धुन ,,,,,,,,,,,,,,,मेरे ढोलना सुन,,, मेरी नफ़रतें तो फ़िज़ा में बहेगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ज़िंदा रहेगी हो कर फ़ना आधा अदुरा था बदन ये मेरा एक गर्क था जो घर था मेरी जन्नत एक नर्क था ये तख्त ताज सब तेरे ,,,,,,,,,,,,,,,, मैं तो जला के छोड़ूंगा जिंदा बचेगा ना कोई ,,,,,,,,,,,,,,,,सबको मिटा के छोड़ूंगा ये जिस्म ख़तम होता है,,,,,,,,,,,,,, ये रूह तो नहीं मरती चाहे कोई सितमगर हो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये रूह तो नहीं डरती _________sonunigamsong_______ ©Rakesh frnds4ever #भोला_भाला था सीधा साधा था ,,,, मैं तो #नादान था #दुनियादारी से,,,,,,, होशियारी से मैं तो अंजान था लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे बिखर
#भोला_भाला था सीधा साधा था ,,,, मैं तो #नादान था #दुनियादारी से,,,,,,, होशियारी से मैं तो अंजान था लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे बिखर
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