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kavi amit kumar
White ये दिल उसकी याद में कभी तो पिगलेगा मै जानता था वो शख्स बेवफा निकलेगा ©kavi amit kumar #good_night ये दिल उसकी याद में कभी तो पिगलेगा मै जानता था वो शख्स बेवफा निकलेगा
#good_night ये दिल उसकी याद में कभी तो पिगलेगा मै जानता था वो शख्स बेवफा निकलेगा
read moreAbhay Shaw (8100233007)
#poetryunplugged #LIFENEVERDIES किसी के दिल में प्यार हमेशा के लिए रहता है ...!! Love ❤️
read moreLili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreI͓̽n͓̽n͓̽o͓̽c͓̽e͓̽n͓̽t͓̽ b͓̽e͓̽w͓̽a͓̽f͓̽a͓̽
White हो सकता हैं कुछ लोगो को मेरे मरने के बाद सुकून मिले 😭 ©+-InNocEnT BeWafa-+ लिखने को तो बहुत है मगर आज लिखूँगा नही जिसके लिए ये post h 😝
लिखने को तो बहुत है मगर आज लिखूँगा नही जिसके लिए ये post h 😝
read moreF M POETRY
White फिर से दुबारा पाएंगे तुझको ये ख्वाब है.. मिलना था खुश्नसीबी बिछड़ना अज़ाब है.. यूसुफ़ आर खान ल... ©F M POETRY #मिलना था.....
#मिलना था.....
read moreAnjali Singhal
"खोला जब मैंने पिंजरा अल्फ़ाज़ का, उड़ चला मन लिए मुझे ऊँची उड़ान सा। एक तसव्वुर से सजा मुझमें ख़्वाबगाह था, ख़्वाब-ओ-ख़्याल रहता था जिसमें
read moreVinod Mishra
"स्वार्थ साधना जिसके लिए साध्य हो ; जिसके लिए साधक अपनी नित नई निष्ठा बदलता रहता हो ऐसा साधक जीवन में कुछ भी पा सकता है परन्तु प्रतिष्ठा कभी
read moreRajeet
White तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो ©Rajeet #good_night तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था #sh
#good_night तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था sh
read moreपूर्वार्थ
White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ #जख्म से जीता
#जख्म से जीता
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