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Vedantika
मल्बूस पर लगे दाग मिट गए किसी के आँसुओं से, रूह पर लगे जो दाग न मिटे किसी बरसात से भी। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "मल्बूस" "malbuus" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है कपड़े एवं अंग्रेजी में अर्थ होता ह
Nitin Kr Harit
"थोड़े दिनों की बात भाइयों, अपने घर में रह लेना" एक भगत था, देश की खातिर, हंसकर फांसी झूल गया, एक खान था, देश की खातिर अपनी सुध बुध भूल गया । एक थी लक्ष्मीबाई जो खुद बलिदानों को रानी थी, लड़ी अकेली देश की खातिर कैसी गजब कहानी थी। और वो चेतक, देश की खातिर जी जान से दौड़ा था, जान गई थी, कब इंसा था, वो तो केवल घोड़ा था ।। फिर से देश पड़ा खतरे में, साथ देश का छोड़ो ना, देश में देखो फैल रहा है, चारों ओर ये कोरोना । बहता है जो खून रगों में, फितरत इसकी तूफ़ानी, बाद में हिन्दू मुस्लिम हैं हम, पहले हैं हिन्दुस्तानी। देश की खातिर, तनहाई में, दर्द मिले तो सह लेना, थोड़े दिनों की बात भाइयों, अपने घर में रह लेना । थोड़े दिनों की बात भाइयों, घर के अंदर रह लेना ।। "थोड़े दिनों की बात भाइयों, अपने घर में रह लेना" एक भगत था, देश की खातिर, हंसकर फांसी झूल गया, एक खान था, देश की खातिर अपनी सुध बुध भूल गया
Dr Upama Singh
किसी के मल्बूस से चरित्र आँका नहीं करते जो उठाते उंँगली वो ख़ुद के गिरबान में पहले झाँक लें ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "मल्बूस" "malbuus" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है कपड़े एवं अंग्रेजी में अर्थ होता ह
साहस
मल्बूस की दुकान डालने की चाहत रही तो दुकान तो डाल ली। क्या मालूम था उसी मल्बूस की दुकान में हैवान बसेरा करने लगेंगे। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "मल्बूस" "malbuus" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है कपड़े एवं अंग्रेजी में अर्थ होता ह
Tarot Card Reader Neha Mathur
कोरा काग़ज़ तीसरा चरण:- रिमझिम कहानी शीर्षक :- साज़िश-ए-रात की बरसात कौन थी माया? उस बरसात की रात उसे कौन चिप दे गया था? क्या था उसमें जो माया की ज़िन्दगी में तूफान ले आया? कहानी कृप्या अनुशीर्षक में पढ़िए। तूफ़ानी बारिश ने टेक्सास,अमेरिका पूरी तरह अपनी चपेट में ले रखा था।तेज़ हवाओं के साथ बहुत ज़ोर से बिजली भी कड़क रही थी।माया अपनी लाईब्रेरी मे
अशेष_शून्य
~© अंजली राय मेरी उदासियों में भी तुम्हारी मुस्कान होठों तले वैसे बची रह जाती है जैसे पूरी रात्रि के तूफ़ानी थपेड़े सहने के बाद भी क्यारी का सबसे नन्हा
Ankita Tripathi
चंद अल्फाज़ों पर ऐतबार कर बैठे तुम दिल को अपने बीमार कर बैठे आसान तो सबको ही लगता है ये तभी सब इश्क़ का कारोबार कर बैठे मज़ाक ही है इस चलन की वफ़ा हाँ वक़्त को सब दावेदार कर बैठे फ़ना कर दो अब हर जज़्बात को आजकल लोग़ इसे बेकार कर बैठे फ़ित्ना हो जाता है तेरी हर एक अदा पर तुम ये तमाशा भी क्या शानदार कर बैठे पलकें झुका के अपनी खामोशी सुना दो शायद इससे ही सब अपनी हार कर बैठें नफ्स़ को झुलसाओ न इस हवस की आग में नफ्स़ ही तो है जो हर तूफ़ानी दरिया पार कर बैठे फ़ित्ना-विद्रोह एक और क़लाम पेश है ❤ ज़रा मन लगा के पढ़ना 😂🤣😀 पूरी आंखों के सुकून के लिए यहाँ 😂🤣 चंद अल्फाज़ों पर ऐतबार कर बैठे
*Nee₹
#Tarini #InternationalWomen'sDay जिसे समझा जाता रहा हमेशा सिर्फ़ रसोईया आज वो ख़ुद है इस तूफ़ानी क़श्ती की खेवईया #Tarini #स्त्री #YQdidi #WomenEmpowerment #Courage This #InternationalWomensDay, celebrated the power and determination of women with 'Tarin
*Nee₹
#Abhinandan फ़ौलादी इरादों को कभी, तोड़ सका है कोई तूफ़ानी परिंदों को कभी, रोक सका है कोई.. Fauladi Iraado'n ko Kabhi Tod sakaa hai koi Toofani Parindo'n ko Kabhi Rok sakaa hai koi.. #Abhinandan #घरलौटके @Abhinandan फ़ौलादी इरादों को कभी, तोड़ सका है कोई तूफ़ानी परिंदों को कभी, रोक सका है कोई.. Fauladi Iraado'n ko Kabh
Aarchi Advani Saini
आजादी भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था उस इन्कलाब के नारे में काले बादल से छाए थे जब चमकी एक किरण उजाले की फिर एक जुट होकर किया उजाला और लाठी आगे कर दी बापू ने मिला सहारा जिसको थी जरूरत तब सहारे की उठकर लोगों ने उठा दिया जो बैठ पेश हुकूमत करते थे उठी नहीं आवाज कभी जो, तो हमको अपना गुलाम समझते थे वो साले अंग्रेजी कुत्ते इस देश को अपने बाप की जागीर समझते थे तूफ़ानी सी लहर थी मानो भीड़ थी लाखों में मर मिटने को राजी थी आजादी की भूख थी सबको फिर नया इतिहास लिखा तब सबकी एक कहानी थी।। तुम तो देखो भूल गए हो सबकी ये कुरवानिया नानी ने क्या बंद कर दी सुनाना आजादी की वो कहानियां अपना फर्ज तुम अर्पण करके निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करके अवसर है ये पास तुम्हारे कहलाओ भारत मां के बेटी बेटा बनके... ©Aarchi Advani आजादी भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था उस इन्कलाब के नारे में काले बादल से छाए थे जब चमकी एक किरण उजाले की फिर ए