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Haleema Ali
बात वही छपती है जो मशहूर होती है,,, वरना गोपनीय बात तो दीवार के कानों से भी दूर होती है,,,!! हलीमा✍ #NojotoQuote #विरोधाभास #अलंकार #अखबार #में #छपकर #तो #कुछ #भी #गोपनीय #नहीं #रहता
Ranu Gupta
छाई छाई छपा छाई छपक छाई पानियों पे छींटे उड़ाती हुई लड़की।
kavi amit kumar
मैं तुम्हारी नशीली आंखों की क्या तारीफ करूं । ये परेशान करती है ,छपक छपक के मुझे । जिस दिन से तुम्हें देखा परी के लिवाज में । ये दिल परेशान करता है ,धड़क-धड़क के मुझे ।। ।।............ अमित कुमार.".ढक्कन "....।। मैं तुम्हारी नशीली आंखों की क्या तारीफ करूं । ये परेशान करती है ,छपक छपक के मुझे । जिस दिन से तुम्हें देखा परी के लिवाज में । ये दिल परे
Swati Tyagi
मेट्रो का सफर वो शहर की सड़के नींद की छपकी और वो तुम्हारी बातें ©Swati Tyagi मेट्रो का सफर वो शहर की सड़के नींद की छपकी और वो तुम्हारी बातें #safar #nind #Baat #baatein #swatityagi #Nojoto
Atit Arya
कुछ किताबे छपकर कहीं दब जाती है, कुछ कहाँनिया कहीं भीड़ में चुप हो जाती है, निखर पाती है वही कहाँनिया लोगो में, जो लोगो के दिलो मे अपनी छाप छोड़ पाती है ! कुछ किताबे छपकर कहीं दब जाती है, कुछ कहाँनिया कहीं भीड़ में चुप हो जाती है, निखर पाती है वही कहाँनिया लोगो में, जो लोगो के दिलो मे अपनी छाप छ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बारिश की बूंदे छपक से उछलती एक और बूंद का निर्माण करती एक दूसरे को प्यार का एहसास कराती यूं ही पनपती और मचलने को मचलती सहारा बनती और बूंद को एक पल तरसती #cinemagraph #lifequotes #inspiration #yqshayari #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बारिश की बूंदे छपक से उछलती एक और बूंद
Shubham Mishra (Raj)
इक दिन वो दिन आयेगा, जब वो शख्स भी करीब आयेगा.... मुस्कुराकर इतराऊंगा ज़रा सा मैं भी उसे देखकर...! क्योंकि , शादी के कार्ड पर मेरे अब किसी और का नाम छपकर आयेगा! ©Shubham Mishra (Raj) #aahat #Love #Pain #revenge #Nojoto #Heart इक दिन वो दिन आयेगा, जब वो शख्स भी करीब आयेगा.... मुस्कुराकर इतराऊंगा ज़रा सा मैं भी उसे देखक
✍ अमितेश निषाद
मुड़ मुड़ कर किसको देखा जाए दरवाजे तक किसको छोड़ा जाए सारा सामान बांध वो रुखसत हो चली अब किस किस के द्वार जाके पूछा जाए गाँव में सबकी नजर रहती थी उस पर मन ही मन सब चाहते तू मेरी राधा बन जाए मैं एक भोला था जो कुछ न कह पाता था बस इतनी ख्वाहिश थी तेरा जीवन सजग हो जाए जब भी आऊँ तेरे द्वार छपकर अखबारों में मुझे पढ़ कर तू मुस्का भर दे मेरा जीवन सफल हो जाए ✍️ अमितेश निषाद मुड़ मुड़ कर किसको देखा जाए दरवाजे तक किसको छोड़ा जाए सारा सामान बांध वो रुखसत हो चली अब किस किस के द्वार जाके पूछा जाए गाँव में सबकी नजर रहत
Mateen Parwez
Tera Sukhi
तुम वसंत मेरे तुम धूप हो क्या रोशन चाँद बनकर आए हो क्या चाँदनी जो छत पर मेरे आने लगी उसमें छुपकर तुम आए हो क्या FULL READ IN CAPTION 👇 * मेरा हर मौसम तुमसे * तुम वसंत मेरे तुम धूप हो क्या रोशन चाँद बनकर आए हो क्या चाँदनी जो छत पर मेरे आने लगी उसमें छपकर तुम आए हो