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BROKENBOY
White सब जान के अनजान बन रहा हू मै, कुछ इस तरह इस दिल पर मेहरबान हो रहा हु में। ©BROKENBOY #sad_quotes सब जान के अनजान बन रहा हू मै, कुछ इस तरह इस दिल पर मेहरबान हो रहा हु में। #Life
Pyari si Aahat
White तुम क्या जानो मैं खुद से शर्मिंदा हूं, छूट गया है साथ तुम्हारा, फिर भी जिंदा हु..!!! ©सत्यमेव जयते #फिर भी जिंदा हु..!!!
प्रेम कुमार रावत
तुम सुन लो मेरे दिल की बात,,,, मै किसी और से कह सकता नही,, बस इतना ही कह सकता हु मै, तुम्हारे बिना तुम्हारा डफर रह सकता नही ©प्रेम कुमार रावत #KhaamoshAwaaz तुम सुन लो मेरे दिल की बात,,,, मै किसी और से कह सकता नही,, बस इतना ही कह सकता हु मै, तुम्हारे बिना तुम्हारा डफर रह सकता नह
Arora PR
Men walking on dark street इसी दुनिया ने एक दिन मुझे ठुकराया था याद है मुझे आज वही मै हूँ और इसी दुनिया क़ो अब ठोकरो मे रखता हु ©Arora PR l वही हु मै
Rose Rehan
यूं तो उसे दिल की तह में समेट रखता हूं मगर जाने अनजाने में आ जाता है ख्याल उसका सारी तहें तहस नहस कर जाती है और वो दिलो-दिमाग में छा जाती है बन जाती है जिद्दी बच्ची मेरे एहसासों से खेल जाती है मेरे ज़हन में, मेरी आँखों में मेरे लफ्ज़ो में अपनी छाप छोड़ जाती है मुझे उलझा कर अपनी यादों में खुद मुस्कुरा जाती है आती है जाती है खुद अपनी मर्ज़ी से मुझे मझधार में पहुंचा जाती है थक जाता हूं कर देता समर्पण सामने उसके वो जीत जाती है, मै हार जाता हूं । Happy Birthday Rose... 🌹 ©Rose Rehan वो जीत जाती है, मै हार जाता हूं ।
purnima
कट रहा था सफर मेरा धूप मै चलते चलते, वो रहो मै मेरी भीगे बादल बनके आ गये ।। ©purnima कट रहा था सफर मेरा धूप मै चलते चलते, वो रहो मै मेरी भीगे बादल बनके आ गये ।।
Radhey Ray
मै इसलिए नही लिखता, ताकि तुम पढ़ सको, मै इसलिए लिखता हु, ताकि जिंदा हु अभी भी, तुम ये जान सको ll 🚫ADDICTED ©Radhey Ray अभी भी जिंदा हु...
Gondwana Sherni 750
"मैं कौन हूँ, बतलाने के लिए तस्वीरों की जरूरत है क्या ? आचरण को चमकाने के लिए हीरों की जरूरत है क्या ?" जो पहले से प्यार के महीन धागों से बंधा हुआ है, उसको बांधने के लिए जंजीरों की जरूरत है क्या ? हम मेहनत के भरोसे जिये, न की किस्मत के भरोसे, हाथ ही काफी हैं, हाथों में लकीरों की जरूरत है क्या ? इंसान बने रहिये, इंसानियत में असंख्य संभावनाएं हैं, गरीबों की जरूरत है क्या, अमीरों की जरूरत है क्या ? मैं अकेली ही काफी हूँ, टूटकर संभलने-बढने से लिए, मंजिल तक पंहुचने के लिए राहगीरों की जरूरत है क्या ?" Preeti uikye 750 17/03124 ©Gondwana Sherni 750 अकेले काफी हु