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Shivkumar
White आया- आया पावन त्योहार आओ चुने हम अपनी सरकार मत देने का मिला है अधिकार उपयोग करो उसे हर बार आया -आया पावन त्यौहार । प्रजातंत्र एक मंदिर है मतदान से हम नमन करें पावन-स्वच्छ रहे वतन मेरा सदाचरण का चुनाव करें जनता का है यह दरबार आया -आया पावन त्यौहार । अधिकारों का दावा करते हैं तो कर्तव्यों पर भी काम करें एक ही सिक्के के हैं दो पहलू विश्व पटल पर देश का नाम करें मत देना प्रजातंत्र का है आधार आया -आया पावन त्यौहार । बूंद बूंद से घट भरता है एक वोट से तंत्र बदलता है रिश्वत-भ्रष्टाचार में नहीं फँसेंगे यहाँ जनता का शासन चलता है मेरे लिए मेरी पसंद से बने सरकार आया -आया पावन त्यौहार। ©Shivkumar #election_2024 #election #electiontime #election2025 #election2026 #Nojoto आया- आया पावन त्योहार आओ चुने हम अपनी #सरकार
Irfan Saeed
वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है हमारा बनाया चमन चाहता है गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो लैला से मजनू मिलन चाहता है होठों पे मुस्कान दिल में है खंजर मोहब्बत का दुश्मन दफ़न चाहता है शब ए फुरकत में मिलो तो बताऊं कितना ये तुझको सजन चाहता है इरफ़ा को तुझसे मोहब्बत है भारत रहना वो अपने वतन चाहता है ©Irfan Saeed वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है हमारा बनाया चमन चाहता है गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो लैला से मजनू मिलन चाहता है
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।। प्रेम की एक वो कहानी है । अब भी सागर में जो निशानी है ।। यूँ तो मिल जाते नैन ही सबसे । जो उतर जाये दिल में रानी है ।। झूठे वादे नहीं करो हमसे । प्रीत अपनी बहुत बखानी है ।। लौट कर आ गये वतन अपने । दीप हर-घर कहो जलानी है ।। दूर कब तक रहे सजन तुमसे । क्या यही मेरी जिन्दगानी है ।। प्यार को जब बना लिया मक़सद । डर न अब जाँ पड़े गवानी है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदायत तो यही सबको मिली है । कि भूलोगे न फिर अपने वतन को ।।३ न जाने पाये वो बचकर इधर से । डगर में आज बैठा दो नयन को ।।४ नहीं आती हमें है नींद तुम बिन । करूँ क्या मैं भला जाके शयन को ।।५ उठी आवाज है दिल से अभी ये । निभाना है हमें सारे वचन को ।।६ वफ़ा का नाम मत लेना प्रखर तुम । तरसते रह गये वह सब कफ़न को ।।७ १२/०४/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदा
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Village Life ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं उनकी की चाहत का महीना है ।।२ चुनावी हो रहे दंगल गली घर में लगे पर्चे । करो मतदान तुम बस अब सियासत का महीना है ।।३ लड़ेगी आँख तेरी भी किसी दिन तो हसीनों से । जिगर तू थाम लेना बस मुहब्बत का महीना है ।।४ अभी आयी जवानी है सँभलकर तुम जरा चलना । कदम बलखा न जाये अब नज़ाकत का महीना है ।।५ खिले जो फूल गुलशन में उन्हें कच्ची कली मानों भँवर को भी बता दो अब हिफ़ाज़त का महीना है ।।६ प्रखर से सीख लो कुछ इल्म झूठी इन रिवायतों के । बता देगा तुम्हें वो भी तिज़ारत का महीना है ।।७ २८/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं
Arora PR
कभी किया था वादा हमने साथ रहने का जीवन भर के लिए पर तुम्हे लुभाया महलो ने और तुम छोड़ गए खंडहर मेरे लिए केवल भारत ही एकमात्र वतन नहीं है मेरे लिये इस धरती का चप्पा चप्पा है मेरा वतन मेरे लिए ©Arora PR मेरा वतन
Shivkumar
कभी वतन के लिए सोच के देख लेना , कभी मां के उस चरण को चूम के देख लेना ।। कितना मजा आता है मरने में यारों , कभी अपने देश के लिए मर के देख लेना ।। ©Shivkumar #shaheeddiwas2024 #shaheeddiwas #Nojoto #nojotohindi #शायरी कभी #वतन के लिए सोच के देख लेना , कभी #मां के उस #चरणों को चूम के देख ले
अदनासा-
कभी मैं इनके काम कर पाया तो कभी मैं उनके काम आया मगर लानत है जिंदगी मुझपर अगर वतन के काम ना आया ©अदनासा- #भारत #देश #वतन #एकता #ताकत #जिम्मेदारी #IndependenceDay #Instagram #Facebook #अदनासा
Devesh Dixit
चूमकर अपने वतन की मिट्टी चूमकर अपने वतन की मिट्टी, हिंद की रक्षा को वह चला। धूल चटा कर शत्रु को उसने, टाली वतन के सर से बला। हमको सुरक्षित रखा है उसने, स्वयं ही दुश्मन से जा लड़ा। उन्हें गोलियों से छलनी करके, नाम कर लिया अपना बड़ा। सभी की आँखों का तारा है, देश का अपना वीर जवान। धरती माता भी इसको चाहे, ऐसा ही देखो ये है धनवान। नई - नई वे तरकीब लगाता, रिपु को दे मुंँह तोड़ जवाब। तिरंगे को देख जोश जगाता, पा जाता फिर वह खिताब। चूमकर अपने वतन की मिट्टी, हिंद की रक्षा को वह चला। हो गया छलनी गोलियों से पर, मुश्किल से नहीं वह टला। लड़ते लड़ते बलिदान दे दिया, ऐसा था वो कर्मठ बलवान। तिरंगा भी उससे लिपटा आया, पाया उसने ऐसा सम्मान। ........................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #चूमकर_अपने_वतन_की_मिट्टी #nojotohindi #nojotohindipoetry चूमकर अपने वतन की मिट्टी चूमकर अपने वतन की मिट्टी, हिंद की रक्षा को वह चला। धू
Poet Kuldeep Singh Ruhela
जो जिंदगी से चले जाते है वे लोट के कहा आते है रह जाती हैं उनकी सिर्फ यादें जो हर पल हम उनकी गजलों में गुननाते रहेंगे सच में बहुत याद आओगे फिर वो चिट्ठी कहा से लाओगे जो तुम वतन को के नाम भेजते थे बड़े दिनों के बाद सो जतन के बाद बहुत दुखी मन से मेरे प्यारे गजलों के बादशाह आपको मेरी और से श्रद्धा की पुष्पांजलि अर्पित मेरे पंकज उदास जी को ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Preying जो जिंदगी से चले जाते है वे लोट के कहा आते है रह जाती हैं उनकी सिर्फ यादें जो हर पल हम उनकी गजलों में गुननाते रहेंगे सच में बहुत