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Vikash Bakshi
चन्द्रमा सा खिल रहा है, सूरज की किरणों से उजाला लेकर, मैं खिलती रोशनी तक चल रहा हूं, ढूंढ रहा हूं शायद मैं सुकून जहां में, बस इसी कमी को खल रहा हूं, ख्वाहिश ले अनमोल सी आंखों में, मैं जहान के तानों से जल रहा हूं, गहरी सोच में हैं रातें मेरी, हर सुबह उस मंज़िल को मचल रहा हूं।। #रातकाअफ़साना #collab #cinemagraph #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi #penofasoul #manzil #alfazenazm #yqbaba
Pen of a Soul
चन्द्रमा सा खिल रहा है, सूरज की किरणों से उजाला लेकर, मैं खिलती रोशनी तक चल रहा हूं, ढूंढ रहा हूं शायद मैं सुकून जहां में, बस इसी कमी को खल रहा हूं, ख्वाहिश ले अनमोल सी आंखों में, मैं जहान के तानों से जल रहा हूं, गहरी सोच में हैं रातें मेरी, हर सुबह उस मंज़िल को मचल रहा हूं।। #रातकाअफ़साना #collab #cinemagraph #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi #penofasoul #manzil #alfazenazm #yqbaba
Pen of a Soul
कोई जा कर बता दे उसे, के बांध कर चेहरे पर पर्दा, अगर तुम मेरे नज़दीक आओगे, तो भीड़ में भी पहचान लेना, मेरी आम खासियत है।। भीड़ में पहचान लूंगा, चाहे ओढ़ लो पर्दा चेहरे पर तुझे देखना ज़रूरी नहीं, तुम्हारे होने का एहसास ही काफी है।। #auto #meet #gaurbizpark #penof
Vikash Bakshi
कोई जा कर बता दे उसे, के बांध कर चेहरे पर पर्दा, अगर तुम मेरे नज़दीक आओगे, तो भीड़ में भी पहचान लेना, मेरी आम खासियत है।। भीड़ में पहचान लूंगा, चाहे ओढ़ लो पर्दा चेहरे पर तुझे देखना ज़रूरी नहीं, तुम्हारे होने का एहसास ही काफी है।। #auto #meet #gaurbizpark #penof
Vikash Bakshi
बीमार थी सोच मेरी, आराम में थे लफ्ज़, सन्न थे मेरे कलम, सुना आंगन था कागज़। आराम मिली जो सोच को, लफ्ज़ मचलने लगे, थरथरा रही थी कलम, कागज़ चुपचाप बोलने लगे। इस कदर हवाओं ने सोच को, ऐसा मोड़ दिया, लफ्ज़ दिमाग में तुक बनाने लगे, अल्फाज़ ए कारवां बन गया। पकड़ी जो कलम मिली आवाज़, जाग उठी सोच कर के आगाज़, मीच कर आंखें तन उठे कागज़, जब चल पड़ी स्याही से अल्फ़ाज़ ए नज़्म।। बहुत कर लिया सोच ने आराम, अब ज़िन्दगी को अल्फाजों से सजाना है, हर एक मुश्किलों का तोड़, कलम की स्याही से मिटाना है।। #alfazenazm #alfaz_e_na
Pen of a Soul
बीमार थी सोच मेरी, आराम में थे लफ्ज़, सन्न थे मेरे कलम, सुना आंगन था कागज़। आराम मिली जो सोच को, लफ्ज़ मचलने लगे, थरथरा रही थी कलम, कागज़ चुपचाप बोलने लगे। इस कदर हवाओं ने सोच को, ऐसा मोड़ दिया, लफ्ज़ दिमाग में तुक बनाने लगे, अल्फाज़ ए कारवां बन गया। पकड़ी जो कलम मिली आवाज़, जाग उठी सोच कर के आगाज़, मीच कर आंखें तन उठे कागज़, जब चल पड़ी स्याही से अल्फ़ाज़ ए नज़्म।। बहुत कर लिया सोच ने आराम, अब ज़िन्दगी को अल्फाजों से सजाना है, हर एक मुश्किलों का तोड़, कलम की स्याही से मिटाना है।। #alfazenazm #alfaz_e_na
Pen of a Soul
इंसानों की बस्ती का यही रोना है, ना दिल में जगह है दूसरे इंसान को, ना दिल में जगह है बेजुबान को, फिर भी चैन की नींद नसीब नहीं है इंसान को। यही देख कुदरत भी घबराया, इंसानों को सुधरने का वक़्त दिया, फिर जोर से गुर्राया, लक्षण दिखाए विनाश के, और थोड़ा सबक सिखाया, कुछ इंसानों को भूल समझ आया, कुछ ने पर दोहराया, कुदरत भी पलटा और, अलग अलग वायरस बुलाया, बेजुबान की बद्दुआओं से, इंसान को एक दूसरे का खतरा बताया, जिससे इंसान ना चाहते हुए भी, खुद को घर पर ही महफूज़ पाया, आलम हुआ ये की "कुदरत का महत्व इंसान बंद हो कर समझ पाया"।। कितनी बेदर्दी भरी है इंसानों में, थाली सजा रखी है बेजुबानों नें, फिर भी आस है कि कुदरत संभल जाएगी खुदा को मनाने में।। #इंसान #बेजुबान_बद्दुआ
Vikash Bakshi
इंसानों की बस्ती का यही रोना है, ना दिल में जगह है दूसरे इंसान को, ना दिल में जगह है बेजुबान को, फिर भी चैन की नींद नसीब नहीं है इंसान को। यही देख कुदरत भी घबराया, इंसानों को सुधरने का वक़्त दिया, फिर जोर से गुर्राया, लक्षण दिखाए विनाश के, और थोड़ा सबक सिखाया, कुछ इंसानों को भूल समझ आया, कुछ ने पर दोहराया, कुदरत भी पलटा और, अलग अलग वायरस बुलाया, बेजुबान की बद्दुआओं से, इंसान को एक दूसरे का खतरा बताया, जिससे इंसान ना चाहते हुए भी, खुद को घर पर ही महफूज़ पाया, आलम हुआ ये की "कुदरत का महत्व इंसान बंद हो कर समझ पाया"।। कितनी बेदर्दी भरी है इंसानों में, थाली सजा रखी है बेजुबानों नें, फिर भी आस है कि कुदरत संभल जाएगी खुदा को मनाने में।। #इंसान #बेजुबान_बद्दुआ
Vikash Bakshi
कितनों को रिझाया है, इन आंखों ने, सच्चा प्यार भी दिखाया है, इन आंखों ने, रो कर गम भी भुलाया है, इन आखों ने, दुनिया से अवगत कराया है, इन आखों ने, हर एहसास खुल के बताया, इन आखों की ज़ुबान नहीं होती, मगर खुलकर सच्चाई बयां करना बस इसे ही आया है।। इन आँखों ने क्या क्या देखा। #आँखोंने #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi कितनों को रिझाया है, इन आंखों ने,
Pen of a Soul
कितनों को रिझाया है, इन आंखों ने, सच्चा प्यार भी दिखाया है, इन आंखों ने, रो कर गम भी भुलाया है, इन आखों ने, दुनिया से अवगत कराया है, इन आखों ने, हर एहसास खुल के बताया, इन आखों की ज़ुबान नहीं होती, मगर खुलकर सच्चाई बयां करना बस इसे ही आया है।। इन आँखों ने क्या क्या देखा। #आँखोंने #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi कितनों को रिझाया है, इन आंखों ने,