Find the Latest Status about ततः मीनिंग इन संस्कृत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ततः मीनिंग इन संस्कृत.
Unique Gaurav
यह जान लो संगत का असर आएगा ही आएगा, इसलिए जो माहौल में आप रह रहे हैं, जो आपके दोस्त हैं सोच समझकर चुनो। ©Unique Gaurav #friends मोटिवेशनल कोट्स इन इंग्लिश मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
#friends मोटिवेशनल कोट्स इन इंग्लिश मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
read moreKuchh Panne Zindagi Ke
White वहम और अहम में फर्क बस इतना होता है कि वहम इंसान को तब होता है जब कोई उसके लिए ख़ास होता है और अहम तब होता है जब इंसान दूसरों के लिए ख़ास होता है। ©Kuchh Panne Zindagi Ke #GoodMorning मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
#GoodMorning मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
read moreMishra Agency
बेटी बहु बहुत पढी लिखी हो , न हो लेकिन संस्कारी होनी चाहिए वरना परिवार के नाम नहीं बच्चों की सही दिशा-निर्देशन नहीं सास ससुर की सेवा नहीं ननद _जेठ _देवर की बात ही छोड़िए Reel अवश्य बन जाते हैं, ©Mishra Agency कोट्स इन हिंदी
कोट्स इन हिंदी
read moreSinger Er Jk nigam
मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन इंग्लिश
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
White मातामही मातामहः ग्राम: अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः इति ज्ञातम्। पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म, हिन्दी अनुवाद नाना नानी के गांव वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था जो गांव में बिता करता था पगडंडी पर खेत खलिहानों का जायजा लिया जाता था, सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा करता था जब नाना नानी के गांव बचपन में जाना हुआ करता था, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru #Po
स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru Po
read moreJitendra Giri Hindu
"1. **यथा वा वदति सदा तद्वदन्तु तत्त्वदर्शिनः।** - "जैसा कोई कहता है, वैसा ही सदैव सच को कहो।" 2. **कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।** - "आपका अधिकार केवल कार्य पर है, फलों पर नहीं।" 3. **सर्वधर्मान्परतित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।** - "सभी धर्मों का त्याग करके केवल मेरी शरण में आओ।" 4. **वक्तव्यं न हि नष्टं न चान्यस्य समृद्धि।** - "किसी के अपमान के लिए शब्दों का अनर्थ नहीं होना चाहिए।" 5. **आगमोऽपि सदा शान्ति यस्तु संकल्पयेत् सदा।** - "जो संकल्प करता है, वह सदा शांति प्राप्त करता है।" 6. **विद्या ददाति विनयं विनयाद्यति पात्रताम्।** - "ज्ञान विनय को देता है, विनय से पात्रता प्राप्त होती है।" 7. **सत्यं वद धर्मं चर।** - "सत्य बोलो और धर्म का पालन करो।" 8. **दृष्ट्वा वा ज्ञात्वा वा परार्थं त्यजेत् स्वार्थम्।** - "दृष्टि से या ज्ञान से, स्वार्थ का त्याग कर देना चाहिए।" ©Jitendra Giri Hindu "संस्कृत उद्धरण: ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत" संस्कृत, उद्धरण, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन, धर्म, सत्य, विनय, कर्म, संस्कृति, शांति, राजा, उत्कर्ष, स
"संस्कृत उद्धरण: ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत" संस्कृत, उद्धरण, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन, धर्म, सत्य, विनय, कर्म, संस्कृति, शांति, राजा, उत्कर्ष, स
read moreKrishna king
मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन इंग्लिश
read more