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New आनंद पर शायरी Quotes, Status, Photo, Video

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Ranjit Singh 8742

sad_quotes शायरी हिंदी शायरी हिंदी में जिंदगी पर शायरी

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White 
"ज़िंदगी एक सफर है सुहाना,
कभी हंसाए, कभी रुलाए ये जमाना।"

©Ranjit Singh 8742 #sad_quotes  #शायरी #हिंदी #शायरी #हिंदी में #जिंदगी #पर #शायरी

Ranjit Singh 8742

Thinking मोहब्बत पर शायरी 'दर्द भरी शायरी'

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White 
"तेरी यादों में दिन गुज़र जाता है,
तेरी बातों में दिल बहल जाता है,
सोचता हूँ तुझसे रूठ जाऊँ कभी,
पर हर बार तेरा चेहरा सामने आ जाता है

©Veeru Kumar #Thinking #मोहब्बत #पर #शायरी 'दर्द #भरी #शायरी'

Akash

'15 अगस्त पर शायरी' दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी दोस्त शायरी

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❤️❤️❤️❤️❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

©Akash  '15 अगस्त पर शायरी' दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी दोस्त शायरी

Popular

#Thinking शायरी attitude '15 अगस्त पर शायरी'

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White hello guys 👦 ☺️

©Popular #Thinking  शायरी attitude '15 अगस्त पर शायरी'

Naveshpal Yadav

hfafhzngxkgxkgzjfzncsnngsj दोस्ती शायरी '15 अगस्त पर शायरी'

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naveshpalyadav4085

©Naveshpal Yadav hfafhzngxkgxkgzjfzncsnngsj दोस्ती शायरी '15 अगस्त पर शायरी'

lovely boy

#SunSet '15 अगस्त पर शायरी' हिंदी शायरी शायरी लव

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset निगाह 👀 उठे ☝ #तो सुबह 🌅 हो #झुके 😌 तो शाम 🏙 #हो_जाये 😉

वो 👉👩 एक #बार 😊 मुस्कुरा 😋 #भी🙄 दे तो💘 #कत्ले_आम 🔪हो #जाये😘

©lovely boy #SunSet  '15 अगस्त पर शायरी' हिंदी शायरी शायरी लव

Mohd Arbaaz

शायरी वीडियो '15 अगस्त पर शायरी' शेरो शायरी

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Shailendra Anand

मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,1, दिसंबर 2024,,
वार  रविवार
समय सुबह पांच बजे
्््भावचित्र ््
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
्््आंतकवाद क्या है और वह किस अंन्दाज में फलता फूलता है,,
उस पर देश और दुनिया भर में एक अंकूश बहुत जरूरी प्रयास होना ,
मानव सभ्यता संस्कृति के लिए सम्पूर्ण विश्व में सबसे अधिक प्रभावित करती है 
निजविचार  ्््््् 
प्रिय मित्र,,
सादर वन्दे,
आंतकवाद किसे कहते हैं ््
आतंक से आत्ममंथन तक सामान्य रूप से जोअपराध  अपराधी के चाल चरित्र से जो चौकस रहते मुस्तैद होकर लक्ष्य विद्रोह ,खौफ, भय, दहशत, मानव जीवन में जिसने भी फैलाया उसका तात्कालिक मकसद अराजकता और दमनकारी और अपने धर्म और नीति नियत पर अक़ामकता से घात प्रतिघात संघर्ष का रुप धारण जिस किसी का विरोध करने वाले राजसत्ता विरोध ही जनमानस में खतरा बन जाना ही आतंकवाद कहते हैं ।।
जो उस अपराध में डुबता है वह आतंकवादी कहलाता है ।।
अपराधी सिर्फ अपराधी होता है।।
माना कि एक वर्ग विशेष समुह के लोग अधिकांश देश भक्त होते हैं।।
ठीक विपरीत एक वर्ग विशेष समुह समाज का के लोग विश्व में अधिकांश साम्यवादी विचारधारा आक़ोश खौफ दहशत के साथ और समर्पित होकर अपने 
कर्म लक्ष्य पर मर मिट जाता है।। यही जस्बा विद्रोह बन जाता है।।
वही आगे चलकर अफगानिस्तान में शासक वर्ग बनकर राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित देश का अंग बन जाता है।।्््
््््््निजविचार ्््
्््
 यह प्रक्रियाओं से जन्मा विचार सच में एक त्रासदी है ्

््कवि शैलेंद्र आनंद ््
1, दिसंबर 2024






कवि शैलेंद्र आनंद,,
1,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
      कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

लव शायरी हिंदी में कवि शैलेंद्र आनंद

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््रचनादिनाक ,29,, नवम्बर,,2024
वार,, शुक्रवार
समय दोपहर 11,00
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
््लफ्ज़ निकले ध्वनि स्वर पुकार में मुखर हो गये,
शायर और शायरा कवियत्री के अल्फाज़ नगीना में,,
वो लफ्जो में दर्द नज़्म,ग़ज़ल, शायरी से इल्म का मक्ता 
जेहन से निकले, वो लफ्जो में मेरे रच बस गया ््
भावचित्र ््
आपके लफ्ज़ निकले मुखर हो गये ््नज्म, ग़ज़ल ्,शायरी, से ,,
अपने इल्म का मक्ता जेहन से निकले वो दर्द का जूनून इस दिल में रच बस गया।।1।।
 ,वो््भावचित्र सेनयन सजल नेत्रों में झलक उठें,,
 समझो दिल के दरवाजे पर दस्तक हुई,।।2।।
और अपने आप में ,,
कोई बदलाव रिश्ते में तब्दील हो ।।3।।
वो रिश्ता क्या कहलाता है यही इस मुहब्बत के लिये,,
 खुद ही जिंदगी में इन्सान से,प्रेम करते हुए।।4।‌।
 रब के मुलाज़िमों में,,
 वो शिरकत करने वाले हो जाते है ।।5।।
               ््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
29,, नवम्बर,2024

©Shailendra Anand  लव शायरी हिंदी में
       कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

हिंदी शायरी ्््भावचित्र ््््् कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,28,,11,,2024
वार,, गुरुवार
समय,, सुबह पांच बजे
्््भावचित्र ््
््््निज विचार ््
्््शीर्षक ्््
््ये मोहब्बत में दिल से, जन्मा ये आत्मप्रेम का मन्ज़रनामा््््रचना्््भावचित्र ्््
््ये मोहब्बत और दिल से,
 जन्मा आत्म मन्ज़रनामा््््
वाह बहुत खूब जनाब ने फ़रमाया है,,
 यह दिल बाजार से उठकर,
 किसी नक्काशी वाले के हाथ पत्थर के बुत में,
 हथौड़े छिनी और उस पत्थर के बुत में समा गई।।
 वो मोहब्ब्त जो निकलती भी नहीं,
 और मेरे घर आंगन में किराये के,,
 इस दिल के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी है ।।
अब बताओ मैं करु तो क्या करु,
,,हरुफ से स्वरुप में विराज रही है, 
प्रेम शब्द की शब्दावली से धड़कने बनकर,
 दिलों में बारुद लेकर विस्फोट कर चुकी हैं ,,
अब जाय तो मस्तिष्क रुपी चक्की में पीस पीस कर देख रहा हूं।।
 मैं इस पत्थर की बेजान शिला मैं शैलेंद्र जो पत्थर ही मेरा शाब्दिक अर्थ,
 मौलिक कल्पना में ही आनंद है,,
 जो कला संस्कृति साहित्य में ,
एक जीवंत कलाकृति होती है।।
यही है मोहब्बत का मन्ज़रनामा,
 जो हर पल हर क्षण हरहाल में,, 
अपने वज़ू में इल्म नूरानी मोज्जां ,
चमत्कार से कम नहीं है।।
हम तो बस एक फानूस है, 
किसी की मोहब्बत भरी नज़रों के,,
आप मेरे दिल का आयना नजरिया है,।।
यह दरिया दिल के समन्दर में,,
मिले ना मिले ये मोहब्बत,
 ये मन्ज़रनामाये दिलों की पालकी है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
28,,, नवम्बर 2024,,

©Shailendra Anand  हिंदी शायरी
्््भावचित्र ्््््
कवि शैलेंद्र आनंद
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