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Praveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी नजाकत खोट दिलो मे डाल रही है सोहरत की गारंटी लेकर मोहब्बते अब दौलतों में नहा रही है थम गया इश्क का पागलपन नजरिया दिलो का बदल रहा है महंगा हो गया दिल लगाना गरीबो पर सितम प्यार ढहा रहा है दिल भर जाने पर हर्जाना करोड़ो पर जा रहा है मालामाल हो चला इश्क बाजारबाद के इस दौर में चोट सच्चा प्यार खा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है
#lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है
read morepuja udeshi
छुपा लो यू दिल ❤️मे प्यार मेरा,के जैसे मंदिर मे लो 🔥 दिए की....... ©puja udeshi #pyaar #लो #pujaudeshi
puja udeshi
Unsplash सो जाओ अगले दिन के इंतज़ार मे अच्छा हैं आप इंसान हैं खूटे से बधे पशु बकरी, भेड़,नहीं, पिजडे मे ठुसे चिकन नहीं,जो हर दिन बेरहमी से काट मार दिए जाते हैं आप की थाली मे पिरसने की खातिर और आप राक्षक उन्हें खाते हैं उनकी चिता की आग से अपना पेट गर्म करते हैं, कैसे लोग हैं आप मासाहरी 👆🏻🤔🤔😥🤢😡 ©puja udeshi #खाना #pujaudeshi
ritesh Kumar
White भावनाओं के समंदर में डुबकी मत लगाया करो यारों.... अक्सर भोलेपन का परिणाम दु:खद हीं हुआ करता है। जांचे परखे बगैर न तो संबंध तय करो और न हीं कुछ भी क्रय करो! ©ritesh Kumar पहले जांच परख लो
पहले जांच परख लो
read morepramod malakar
@ हाथों में तलवार थाम लो @ चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो । तुम्हारा सनातन ख़तरे में है , यही सच है तुम मान लो । कांग्रेस,सपा,राजद और , झामूमो का साथ छोड़ दो। जो धर्म विरोधी है देश विरोधी, उसका राह मोड़ दो। दुनिया से हिन्दू खत्म, पाकिस्तान में हिन्दू खत्म , बंगलादेश में खून बह रहा है। चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो । कल औरंगजेब बाबर ने मंदिर तोड़ा, आज पाकिस्तान बंगलादेश में टूट रहा है। नहीं जागे तो तुम्हारा खत्म होना तय है, हो रहा भारत इस्लाम मय है । वक्त कम है खून गर्म करो , दिल कठोर करो नहीं नर्म करो। चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो ।। #################### प्रमोद मालाकार ... 26.11.24 ©pramod malakar #हाथों में तलवार थाम लो ।
हाथों में तलवार थाम लो ।
read moreVs Nagerkoti
White बहुत दूर पहुंचना है वक्त रहते मुझे । कौन जाने राहों पे रात भी हो जाए । कोशिश पूरी करूंगा वहा पहुंचने की क्या पता सफर अधूरा ही रह जाए । ज्यादा बड़ी ख्वाहिशें भी नही मेरी। क्या पता कहीं पर शकून मिल जाय मैं औरों जैसा नहीं जो वैसा ही सोचूं वो जो भी दे उसी मैं आराम मिलता हैं कैसे भी ये इम्तिहान पार कर लूं मैं । क्या पता जन्मों का उद्धार हो जाए। ©Vs Nagerkoti #sad_quotes मुसाफिर खाना
#sad_quotes मुसाफिर खाना
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