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Stories related to कदम मिलाकर चलना होगा कविता

Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है

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White पल्लव की डायरी
सर फिर से उठा चुके अधर्मी
मर्यादा तब तार तार है
होती तपस्या भंग सच्चाई की
राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है
माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन
साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है
असत्यता का कद बढ़ा कर
त्यागी तपस्वी को मिटाने की 
धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
चीटी भी ना मारी हो जिसने
उसे विधर्मी बताकर
नींव धर्म की हिलायी जा रही है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है

neelu

#GoodMorning जो दो #कदम #चल सकते हैं वह #चार कदम भी चल सकते हैं जो #चार कदम चल सकते हैं वह क्या 8 कदम भी #चल सकते हैं

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White जो  दो कदम चल सकते हैं 
वह चार कदम भी चल सकते हैं

जो चार कदम चल सकते हैं वह
क्या 8 कदम भी चल सकते हैं

©neelu #GoodMorning जो  दो #कदम #चल सकते हैं 
वह #चार कदम भी चल सकते हैं

जो #चार कदम चल सकते हैं वह
क्या 8 कदम भी #चल सकते हैं

Riyanka Alok Madeshiya

#चलना है विश्राम नहीं है

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White चलना है विश्राम नहीं है.... 
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चलना है विश्राम नहीं है। 
व्यर्थ में करना आराम नहीं है। 
अमूल्य समय गंवाने से, 
बनता कोई काम नहीं है। 

समय जो एक बार चला जाएगा। 
वापस वह लौट कर नहीं आएगा। 
चाहे तुम जितना जोर लगा लो, 
समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। 

जीवन को ना समझो  सुमन-पथ। 
यह तो है ;बिन पहियों का रथ। 
खींच कर तुमको ले जाना है, 
और पार करना है यह अग्निपथ। 

 संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। 
तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। 
अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, 
तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। 

स्वरचित और मौलिक

रियंका आलोक मदेशिया

©Riyanka Alok Madeshiya #चलना है विश्राम नहीं है

punit shrivas

#talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता

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तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही

सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही

एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत 

कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही 


पुनीत कुमार नैनपुर

©punit shrivas #talaash       देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता
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