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CK JOHNY
या रब कैसी बुरी हमारी ये हालत हो गई वो खुद ही मुंसिफ और अदालत हो गई। जमानत मिली न लाख कोशिशों के बावजूद पहली ही पेशी में हमें उम्र कैद की सजा हो गई। मुंसिफ
Devang shukla
आंखो में चाहे जितना उजला इश्क दिखे। एक दिन मुंसिफ को साबित करना होता है। मैं खुद से चाहे कितना कह लूं,साथ रहेगा तू मेरे। तेरी बातें सुनकर पीछे कदम हटाना होता है। घड़ी दी थी ये सोच कर,वक्त मिलेगा अब ज्यादा। खुद से बांध के रखना तुमको,खुद को घाव लगाना होता है। मुद्दत के साथ बड़े चाहे कितनी भी सिद्दत। एक तरफ से चाहे हो कुछ भी, वो खुद को धोखा देना होता है। खुद का दिल ना दुख जाए फिर एक बार कहीं। यही सोच कर तुमसे नजर हटाना होता है। मुंसिफ= Judge.
Waseem Choudhary
वक्त भी बहुत बड़ा मुंसिफ है जब हिसाब करने पर आता है सारे हिसाब बेबाक कर देता है वक्त मुंसिफ है
Ashish Thakur
स्याही आज अपनी मेहरबान करदे मेरी कायनात रंग दे मेरी किस्मत रंग दे मेरे दिन रंग दे मेरी रात रंग दे इश्क़ में कर कुछ मेरा ऐसा हशर कि मेरी काया तो काया ,रूह भी रंग दे। बन आ कर मुंसिफ मेरा 🌹।
Varsha ✍️
मोहब्बत में कुछ ज्यादा , मोहब्बत जताता है मुझे, अपनी पलको पे मोती , सा सजाता हैं मुझे ,, परछाई तो सिर्फ रोशनी ,में साथ देती हैं, अंधेरी रातो में रोशनी सा नज़र आता है मुझे ,, जब कभी खड़ी हूँ मैं ज़िन्दगी के मुंसिफ के सामने, दलील सारे मेरे हक़ के, समझता हैं मुझे,, मिट्टी सा हैं वज़ूद मेरा, निरंकार सा, वो कुज़ागर बन ,एक आकार बनाता हैं मुझे, बेहशी से भरी इस दुनिया मे, महफूज रखने को, अपने आगोश में छुपाए ,रखता हैं मुझे,, खुद के लिए भी ,जिसे वक़्त नही पल भर, सुनने मेरे हर ज़ज़्बात ,पास बैठता हैं मुझे,, थक न जाऊ मैं किसी दिन, दुनिया के कयामत से, हर जंग लड़ने की , तरकीब बताता हैं मुझे जो रूठ जाऊ उससे तो , मानता नही कभी, गुस्से में ही सही पर, प्यार जताता है मुझे,, न राँझे सी मोहब्बत है उसे, न मजनूं सा जनून हैं, बस टूट के इश्क़ करता है, वही सीखता हैं मुझे,, #Nojotoapp#Nonotonews मुंसिफ=न्यायकर्ता कुज़ागर = कुम्हार
Rudra Pratap Singh
रातें तन्हा सही, तन्हाइयों में काट लेता हूं। अब हसीन लम्हों को, ख़ुद में ही बांट लेता हूं। कमबख्त दिल मुंसिफ नहीं है, जो तोहमत_ए_इश्क़ अता करता है। नादान ये भी है, अक्सर ही ख़ता करता है। निकालकर तस्वीरें तेरी, यादों की दराज़ से। नज़रों के आसमां को पाट लेता हूं। हां हसीन लम्हों को, बस ख़ुद में बांट लेता हूं। रातें तन्हा सही, तन्हाइयों में काट लेता हूं। :- रुद्र प्रताप सिंह १. मुंसिफ :- Judge २. तोहमत_ए_इश्क़ :- इश्क़ का इल्ज़ाम
Rafik Diwan
अदू गुलशन का बागबाँ हो जाता हैं, चमन में खिजाओ का शमा आता हैं.. हुक्मरानों से अब शिकायत कैसे करें, मुंसिफ जब जुर्म में शामिल हो जाता हैं.. ग़ैर तो ग़ैर हैं बचकर ही निकलेंगे, घर का भेदी ही लंका को जलाता हैं... इतना आसान नही उसका संभल जाना, चोट जो इश्क़ की दिल पर खाता हैं... अहद उसने भी पढ़ा होगा बेवफ़ाई का, चलती राहों में छोड़कर कोई नहीं जाता हैं... वो मल्हार था कस्ती को डुबाकर लौटा, ख़ुदा डूबते को भी वरना बचाने आता हैं... ख़याल उसको "रफ़ीक़" बाबा का आया हैं, यूँही नही वो मुकरता चाहत से जाता हैं.... #Nashad💔👉👀 #अदू #मुंसिफ #अहद #शामिल Diya A. S. SHAILJA GUPTA Shivam-The Untold Story