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Ashraf Fani
White शिकवा करो गिला करो पर गाहे-बगाहे मिला करो ©Ashraf Fani शिकवा करो गिला करो पर गाहे-बगाहे मिला करो #ashraffani #Thinking
शिकवा करो गिला करो पर गाहे-बगाहे मिला करो #ashraffani #Thinking
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी करो मतदान, लोकतंत्र मजबूत बनाना है दिल्ली का दिल दिलवाला जीते हवा पानी की शुद्धता की शपथ खाना है लगे राजधानी भारत की ऐसा मन्त्र उम्मीदवारों को पढ़ाना है क्राइम केपिटल ना बने दिल्ली बढ़ चढ़कर दिल दिल्ली का जीतने का सबको प्रण उठाना है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake करो मतदान
#delhiearthquake करो मतदान
read moreदीप चन्नाल
White कभी कभी तुम भी बिंदी लगाया करो बिंदी में तुम बड़ी कमाल दिखती हो 😘😘 ©दीप चन्नाल कभी कभी तुम भी बिंदी लगाया करो ♥️♥️ #Love #story #Shayari #loveshayri hindi shayari love shayari shayari in hindi shayari on love shayari s
कभी कभी तुम भी बिंदी लगाया करो ♥️♥️ Love #story #Shayari #loveshayri whindi shayari wlove shayari shayari in whindi shayari on wlove shayari s
read moreलेखक 01Chauhan1
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है ©लेखक 01Chauhan1 कभी कभी
कभी कभी
read morevksrivastav
Unsplash अब रोना धोना बंद करो मुस्कान अधर पे मंद धरो अब छोड़ो भी मत द्वंद करो प्यारी दुनिया पर छंद करो रिश्ते नाते सब अच्छे हैं उनसे आशाएं चंद करो कुछ करने का फिर दंभ भरो अब बस ख़ुदको स्वछंद करो ©Vk srivastav अब रोना धोना बंद करो #Poetry #Shayari #Quotes #Life #Love #SAD #vksrivastav
अब रोना धोना बंद करो #Poetry Shayari #Quotes Life Love #SAD #vksrivastav
read moreRUPESH Kr SINHA
......................................... ......... ©RUPESH Kr SINHA #कभी दर्द भी महसूश करो
#कभी दर्द भी महसूश करो
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreMahesh Patel
Unsplash सहेली .... कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते... कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं.. कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..
सहेली... कभी-कभी..लाला..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
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