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F M POETRY
White वो दिल में समाया था सच बोलकर.. मगर था फरेबी निकल भी गया.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मगर था फरेबी.....
#मगर था फरेबी.....
read morevksrivastav
White करने क्या आया था क्या करके जा रहा तू तू जीने आया था यहां मर मर के जा रहा तू ©Vk srivastav करने क्या आया था? #Life #Quotes #Love #Shayari #viral #vksrivastav
करने क्या आया था? Life Quotes Love Shayari viral vksrivastav
read moreAloneBoy
Unsplash कभी रास्ते बदल गए, ❣️ कभी इरादे बदल गए ।📎 हम ना बदले मगर,❤️🩹 तेरे वादे बदल गए ।🤝😢 मोहब्बत के अंधेरे में,🤭 पत्थर भी पिघल गए ।😩❤️🩹 गैरों से कैसा गीला जनाब,😏 जब अपने ही बदल गए।। ❤️🩹🕊️🥺 ©AloneBoy क्या वो सब दिखावा था ??😥😥#Memories #SAD #Feeling #Broken
Lili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreSANIR SINGNORI
'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀 . ©SANIR SINGNORI 'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀
'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀
read moreSANIR SINGNORI
'जानी' को समझाए कोई... एक ही शख़्स था जहां में क्या.. 🥀🥺 . ©SANIR SINGNORI जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या
जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या
read moreF M POETRY
White फिर से दुबारा पाएंगे तुझको ये ख्वाब है.. मिलना था खुश्नसीबी बिछड़ना अज़ाब है.. यूसुफ़ आर खान ल... ©F M POETRY #मिलना था.....
#मिलना था.....
read morePravin Pawade
इश्क का मतलब ... नही जानते... तो क्या कीजीए... प्यार की चाह मे.... राह भुल बैठे... तो क्या कीजीए... इन उदास नजरों का... क्या था केहना.. सु
read moreनवनीत ठाकुर
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था। ©नवनीत ठाकुर जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
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