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Ravi Shankar Kumar Akela
यह हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे समाज, वास्तव में हमारे अस्तित्व को रेखांकित करता है । हमारे जंगल, नदियाँ, महासागर और मिट्टी हमें वह भोजन प्रदान करते हैं जो हम खाते हैं, जिस हवा में हम सांस लेते हैं, जिस पानी से हम अपनी फसलों की सिंचाई करते हैं। हम अपने स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि के लिए कई अन्य वस्तुओं और सेवाओं के लिए भी उन पर निर्भर हैं। ©Ravi Shankar Kumar Akela #adventureयह हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे समाज, वास्तव में हमारे अस्तित्व को रेखांकित करता है । हमारे जंगल, नदियाँ, महासागर और मिट्टी हमें वह भ
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ समस्त देशवासियों, भाइयों एवं बहनों को प्रेम, विश्वास व सर्वकल्याण की भावना से ओत-प्रोत अनुपम स्नेह-पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ....। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भाई-बहन के पारस्परिक असीम स्नेह और विश्वास का प्रतीक यह पर्व पारिवारिक मूल्यों, कर्तव्य, आत्मीयता व सामाजिक संबधों की प्रगाढ़ता के महत्त्व को रेखांकित करता है...। ✍️Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ समस्त देशवासियों, भाइयों एवं बहनों को प्रेम, विश्वास व सर्वकल्याण की भावना से ओत-प्रोत अनुपम स्नेह-पर्व रक्षाबंधन की हार
शिवानन्द
अभिव्यक्ति, को उजागर कर देते हैं शब्दों के कार्टून। हर बोली कि लेखनी है शब्दों का मानसून। 🕊️🕊️ #नदान_परींदा 🕊️🕊️ आर के लक्ष्मण का जन्म 24 अक्टूबर 1921 को हुआ था। उनका पूरा नाम रासिपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण था। विश्व के महान कार्टूनिस्ट में उनका शुमार होत
शिवानन्द
अभिव्यक्ति, को उजागर कर देते हैं शब्दों के कार्टून। हर बोली कि लेखनी है शब्दों का मानसून। 🕊️🕊️ #नदान_परींदा 🕊️🕊️ आर के लक्ष्मण का जन्म 24 अक्टूबर 1921 को हुआ था। उनका पूरा नाम रासिपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण था। विश्व के महान कार्टूनिस्ट में उनका शुमार होत
शिवानन्द
अभिव्यक्ति, को उजागर कर देते हैं शब्दों के कार्टून। हर बोली कि लेखनी है शब्दों का मानसून। 🕊️🕊️ #नदान_परींदा 🕊️🕊️ आर के लक्ष्मण का जन्म 24 अक्टूबर 1921 को हुआ था। उनका पूरा नाम रासिपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण था। विश्व के महान कार्टूनिस्ट में उनका शुमार होत
JALAJ KUMAR RATHOUR
प्रतिविम्बो में प्रदर्शित होता है चेहरा तुम्हारा, नयनो से नीर बन बहता है अश्क हमारा, प्रत्यर्पण ही गर करना था इस ज़माने के दरमियाँ, फिर क्यूँ रेखांकित क़ी मेरे मन मेँ , साथ अपने भविष्य क़ी आकृतियाँ, विचलित हो मन चिंतन आज भी करता है, तेरे नाम क़ी माला प्रतिदिन जपता है, होता हूँ जब भी अकेला सर्द रातों में, एहसास तेरा पाता हूँ सांसों में, क्या याद है तुझे वो वक़्त, जब थाम तू मेरा हाथ अपने हाथो में, उलझाती थी मुझको अपनी बातों में .... #जलज "राठौर " प्रतिविम्बो में प्रदर्शित होता है चेहरा तुम्हारा, नयनो से नीर बन बहता है अश्क हमारा, प्रत्यर्पण ही गर करना था इस ज़माने के दरमियाँ, फिर क
Nadbrahm
बेच कर स्व आत्मा हैं मौज से सब जी रहे! कायरों का झुंड देखो तुम को कायर कह रहे!! मानता हूं जिंदगी यह एक बड़ा कुरुक्षेत्र है! पर जहाँ सब लाश हैं और रूह कैदी है बना!! जिंदगी के नाम पर फिर युद्ध यह बस छल ही है! जितने वाला भी इसमें हार बैठा आत्मा !! तुम बचा लाए जिसे उस सत्य से सब कांपते ! त्याग तेरे वस्त्र का सब आत्महत्या मानते!! ©BK Mishra मैं एक कवि के नजरों से सुशांत के जीवन यात्रा को देखने का प्रयास कर रहा हूँ न कि बॉलीवुड के कुकर्मियों का कुकर्म छिपाने का मेरा कोई उद्देश्य
Gumnaam
और दो पल का सुकून और क्या चाहिए। सुप्रभात। आज इंटरनेशनल टी डे यानी अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य चाय बाग़ानों में काम करने वाले मज़दूरों की समस
LOL
साथ हो जाए इसी बहाने तेरी-मेरी मुलाकात हो जाए.. सुप्रभात। आज इंटरनेशनल टी डे यानी अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य चाय बाग़ानों में काम करने वाले मज़दूरों की समस
Roohi Bhargava
और किताबे। बनाती है एक हसीन मुलाकात। सुप्रभात। आज इंटरनेशनल टी डे यानी अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य चाय बाग़ानों में काम करने वाले मज़दूरों की समस