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Parasram Arora

सुनी अनसुनी कस्र्णा

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White सुन कर किसी बात को.
अनसुना कर देना 
ये तुम्हात्री पुरानी आदत है 

लेकिन आज तो तुम्हारे दिल ने तुम्हे पुकार कर कोई बात कहनी चाही थीं 
इसके बावजूद तुम वो पुकार सुनते क्यों नही?

©Parasram Arora सुनी अनसुनी कस्र्णा

BANDHETIYA OFFICIAL

#sad_quotes #भांड में जा!❤️

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White किरदार किरायेदार का,
दिल के जैसे घर - द्वार का,
भाड़ा दे,न बोल भांड़ में जा,
चाय ले चुस्की,रस भांड़ का,
मिट्टी हो, मिट्टी मिल भी काम का,
मत समझे तू, मैं बेकार का।

©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_quotes #भांड में जा!❤️

Shakeel Jaan

आ जा 💝

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आजा कि अभी जब्त क मौसम नही गुजरा।
आजा कि पहाड़ी पर अभी बर्फ जमी है 
खुशबू के जजिरो से महक रहा है जमाना सारा 
इस शहर में सब कुछ है बस तेरी कमी है

©Shakeel Jaan आ जा 💝

tripathi

#SunSet जा छोड़ दिया तुझे तेरे कहने पर जा खुश रह 💔💔💔

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जा छोड़ दिया तुझे तेरे कहने पर
जा खुश रह 💔💔💔

©Rishu singh #SunSet जा छोड़ दिया तुझे तेरे कहने पर
जा खुश रह 💔💔💔

अनिल कसेर "उजाला"

बात कर

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Tripurari Pandey

सच्ची बात

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Tripurari Pandey

सच्ची बात

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Unsplash किताबों के साथ - साथ
आंखों को भी पढ़ने का हुनर रखिए ।
क्योंकि चेहरे गुमराह कर सकती है मगर आँखें नहीं ।

©Tripurari Pandey सच्ची बात

Tripurari Pandey

सच्ची बात

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Unsplash आपके जो सबसे दिल के करीब लोग होंगे वो कोई गैर होंगे 
वहीं आपके जो सबसे दिल  के दूर के लोग होंगे वो कोई अपने होंगे ।

©Tripurari Pandey सच्ची बात

Tripurari Pandey

सच्ची बात

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Unsplash जिसके हिस्से में मां होती है 
उसके किस्से में सारा जहां होती है ।

©Tripurari Pandey सच्ची बात

Shashi Bhushan Mishra

#दिन निकलता जा रहा#

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आज, कल, परसों पे  टलता जा रहा,
साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा,

तैरने   वाले   गये   उस  पार   कबके,
कुछ  किनारे   हाथ  मलता   जा रहा,

भूलने   वाले   भुला    बैठे   अदावत,
टीसने   वाले   को   खलता   जा रहा,

जम   गई   है    बर्फ़   सी   संवेदनाएं,
वेदना   से    ग़म   पिघलता   जा रहा,

कोई   बच  पाया  नहीं  इस  काल से,
समय  की  चक्की में  दलता  जा रहा,

संभलकर  ही   कर्म  करना  जगत में,
भाग्य  बनकर  बीज  फलता  जा रहा,

ज्ञान दीपक  से मिटे  अंधियार 'गुंजन',
हृदय  में  सुख-शांति  पलता  जा रहा,
  ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
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