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Aman singh lodhi Aman singh lodhi
ठाकुर अमान सिंह महदेला ©Aman singh lodhi Aman singh lodhi ठाकुर अमान सिंह महदेला
ठाकुर अमान सिंह महदेला #भक्ति
read moreSunil Kumar Sharma
White रोशनी मिल ही जायेगी। धैर्य रखने के बाद, जिंदगी सुधर भी जायेगी। ©Sunil Kumar Sharma #Emotional_Shayari #NojotoHindistory #रोशनी........
#Emotional_Shayari Hindistory #रोशनी........ #Love #nojotohindistory
read morei_m_charlie...
White एक नई रोशनी की तलाश में हररोज दरबदर भटक रहा हूं, पर ना पहले कोई रास्ता मिला था ना आज कोई रास्ता मिल रहा है, इसीलिए बस जो रास्ता दिखता है उसी पे चल पड़ता हु ज्यादा सोचता नही हूं। ©i_m_charlie... #sunset_time अंधेरे में चल रहा हु रोशनी की तलाश है।
#sunset_time अंधेरे में चल रहा हु रोशनी की तलाश है। #Life
read moremalay_28
White जला वो रात भर तिल तिल अँधेरे में पड़ा तन्हा मयस्सर कब चिरागों को पलक भर रोशनी होती. ©malay_28 #मयस्सर कब रोशनी होती
दर्शन ठाकुर
White अपनेपन के वेश में छिपे परायों ने,न जाने कैसी पाल रखी यह गफलत है। कोई रखता मुझे गिराने की हसरत, तो किसी को मेरे नाम से ही नफरत है। ©दर्शन ठाकुर ©दर्शन ठाकुर🖋🖋
©दर्शन ठाकुर🖋🖋 #Life
read moreSantosh 'Raman' Pathak
White लोग कहेंगे क्या सोचेंगे पड़े रहे इस फेरे में रोशनी रोशनी खेल रहे थे डूबे रहे अँधेरे में खून के रिश्ते मधुर तिक्त से आगे विष में माते हैं सब संयुक्त विभक्त हुए एकल परिवार बनाते हैं बचपन और बुढापा दोनों पलने लगे अकेले में.... रोशनी रोशनी खेल रहे थे...... भौतिकता हावी है यूँ चहुँ ओर चमाचम ऊपर है अंध अनुकरण मगन है फिर भी नींद शान्ति की दूभर है भरी घुटन सब भीतर है....… चोर सिपाही बने हुए सब अपने अपने घेरे में.... रोशनी रोशनी खेल रहे थे...... जिस दिन अपनी जड़ को हमने दकियानूसी माना था उसने था बहकाया हमको जिसका नहीं ठिकाना था सेवा धर्म बहाना था.... गेंहुवन से फुँफकार छीन ले... दम ही नहीं सँपेरे में रोशनी रोशनी खेल रहे थे..... उलझन सुलझाने वाले ही उलझे तेरे मे ©Santosh 'Raman' Pathak #रोशनी #अँधेरे
Ramnik
Black तू शमा है हमारी चिरागे जिंदगी का। अपने लिए ना सही, हमारे लिए खुद का ख्याल रखना। ©Ramnik #रोशनी
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
White "रोशनी" अंधकार तो बहुत है,इस जिंदगी में फिर भी रोशनी ढूंढ रहे,इस जिंदगी में अगर भीतर दीप जी रहा हो,बेबसी में बाह्य रोशनी का क्या फायदा जिंदगी में यदि भीतर चराग जिंदा खुद की खुदी में फिर जुगनू रोशनी बहुत गम की घड़ी में जिसने भीतर जोत जलाई,घनी निशी में वो बना फिर ध्रुव तारा,फ़लक जमीं पे जो आखिर तक लड़ा,अमावस निशी से उसने फैलाई रोशनी,पूनम चंद्र चांदनी से आओ लड़े,अपनी अंधेरे जैसी कमी से फिर कैसे न होंगे,रोशन,अपनी खुदी से जो लड़ा मृत्यु जैसे विचार खुदखुशी से उसने ढूंढी खुशी सी रोशनी,आत्म वर्तनी से दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #कविता रोशनी
कविता रोशनी
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