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Himanshu Prajapati
लाखों मिले फिर भी उसका ही आस है, वह मिल जाए तो फिर सब कुछ ही खास है, ढूंढ रहा हूं उसे जिसे देखते ही मिलें मेरे दिल और मेरी दुनिया को सुकून, बस ऐसे ही एक शख्स की तलाश है..! ©Himanshu Prajapati #lovetaj लाखों मिले फिर भी उसका ही आस है, वह मिल जाए तो फिर सब कुछ ही खास है, ढूंढ रहा हूं उसे जिसे देखते ही मिलें मेरे दिल और मेरी दुनिया क
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रहता खुला , कहता ऊँची शान ।। बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , अब सब बे अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली खास ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , म
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रखकर खुला , कहता ऊँची शान ।। बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , हमसे सब अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली आस ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव
Kushal - कुशल
Autumn दर्द को उलझाए रखो, औरों से छुपाये रखो, चाहे कितने भी मिलें ग़म, मुस्कान चेहरे पर बनाये रखो। 💚💯💯 ©Kushal - कुशल चाहे कितने भी मिलें ग़म, मुस्कान चेहरे पर बनाये रखो। #autumn #Poetry #Shayari #Quotes #Thoughts #Nojoto #Hindi Anshu writer अदनासा- 0 Anil
Salim Saha
मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद, वक़्त-बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं, मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर, रुबरू होने पर सलाम किया करते हैं। ©Salim Saha #मस्केलो से कह दो उद्या ना करे हमसे हमे आरा हालत मे जीना आता है
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- अब उसे आफताब कैसे दें । प्यार का हम हिसाब कैसे दें ।। जिनको इतना पसंद करता हूँ । उनको बासी गुलाब कैसे दें ।। हुस्न की आज मल्लिका वह है । सोचता हूँ ख़िताब कैसे दें ।। चंद कतरे मिलें हमें खत में । तू बता दे जवाब कैसे दें ।। गीत जिनके लिए लिखे हम थे । हम उन्हें वो किताब कैसे दें ।। प्यार उम्र भर जवान रहता है । तू बता फिर ख़िज़ाब कैसे दें ।। हसरतें दीद की लिए दिल में । अब प्रखर ये नक़ाब कैसे दें ।। १३/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- अब उसे आफताब कैसे दें । प्यार का हम हिसाब कैसे दें ।। जिनको इतना पसंद करता हूँ । उनको बासी गुलाब कैसे दें ।। हुस्न की आज मल्लिका वह
Dr.Vinay kumar Verma
Himanshu Prajapati
For Others- प्यार के मामले में थे गरीब आज वह सब नवाब हो गए..! For Me- वह मिलें भी तो इत्तफाक से, और फिर पल में ख्वाब हो गए..! ©Himanshu Prajapati #lovetaj For Others- प्यार के मामले में थे गरीब आज वह सब नवाब हो गए..! For Me- वह मिलें भी तो इत्तफाक से, और फिर पल में ख्वाब हो गए..!
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुश्किलों में बड़ी पले हम हैं । आज भी होंठ ये सिले हम हैं ।। अपनी तकदीर से गिले कम हैं । क्योंकि पहले नहीं मिले हम हैं ।। माँगने से कहाँ मिली रोटी । उसकी खातिर देखो चले हम हैं ।। इतनी आसान थी नहीं मंज़िल । देख लो ऐड़ियाँ मले हम हैं तुम क्या जानो कशिश मुहब्बत की । चाँदनी रात में मिलें हम हैं ।। हाथ जब गैर का थामा उसने । क्या कहें किस तरह जले हम हैं ।। पी गये अश्क़ हम ज़फ़ाओ के । इतना देखो प्रखर भले हम हैं ।। ०२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुश्किलों में बड़ी पले हम हैं । आज भी होंठ ये सिले हम हैं ।। अपनी तकदीर से गिले कम हैं । क्योंकि पहले नहीं मिले हम हैं ।।