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Akash Kumar
New Year 2024-25 Do you like new year comments kare aur bataye ©Akash Kumar #NewYear2024-25 #and answers de
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read moreabhay singhaniya
New Year 2024-25 Social science file ©abhay singhaniya Class 10th
Class 10th
read moreWriter Mamta Ambedkar
गद्दारों के शहर में दिल की बात कहे भी तो, किससे कहे, यहां सब गद्दार हैं। चेहरे पर मुस्कान, दिल में खंजर, हर कोई छल-कपट का साकार है। बातों में मलहम, हाथों में नमक, दिखावटी अपनापन हर ओर है। दर्द पूछते हैं, सहला के, फिर घावों को चीरने का जोर है। यहां सच की आवाज़ दबा दी जाती, झूठ के सिक्के खनकते हैं। अपनों के बीच भी परायापन, दिलों में फासले पलते हैं। तो किससे कहें ये दिल की बात, कौन सुनेगा हमारी पुकार? इस अंधेरे में ढूंढ़ रहे रोशनी, जहां हर रिश्ता एक व्यापार। पर दिल है कि उम्मीद नहीं छोड़ता, शायद कहीं कोई अपना भी हो। जो मलहम भी लगाए, सहलाए, और नमक के घावों से बचाए। ©Writer Mamta Ambedkar #Childhood
Avinash Jha
वात्सल्य का स्पर्श जब मुस्काए किलकारी बन, भर दे घर आंगन की चहल-पहल। छोटे हाथों की छुअन से, झूम उठे सारा घर-आलय। नन्हें कदमों की वो आहट, जैसे सुबह का पहला किरण। माँ के आंचल में छुप जाए, पिता के कंधों पर वो सुमिरण। उनकी हँसी का संगीत सुन, दीवारें भी गुनगुनाने लगतीं। खिलौनों की मीठी बातें, हर कोना दर्पण बन जातीं। नटखट शैतानी में छिपा, जीवन का अनमोल ज्ञान। हर बिखरी चीज़ में झलकता, स्नेह का अनुपम सम्मान। माँ के हाथों से खाए निवाले, स्वाद बन जाते हैं अमृत। पिता की उँगली पकड़कर चले, हर सफर लगता है सरल। वो छोटे-छोटे सवाल, जैसे गूंजें नदियों के सुर। उनकी जिज्ञासा से सीखें, हर पल का अद्भुत मर्म। इस वात्सल्य की सुगंध से, महक उठे हर आशियाना। एक बच्चे की मासूमियत से, सजता है सारा जमाना। ©Avinash Jha #Childhood
sakhi_1310
White मै सोचती बहुत हु तुम मुझे शांत कर पाओगे क्या मै उदास बहुत रहती हु तुम मुझे खुश रख पाओगे क्या मै गुस्सा बहुत जल्दी करती हु तुम सहन कर पाओगे क्या मै रोती बहुत हु तुम मुझे संभाल पाओगे क्या मै चीजों की बहुत शौकीन हु तुम नखरे उठा पाओगे क्या मै हर मुश्किल में अकेले होती हु तुम साथ दे पाओगे क्या मै बीमार बहुत रहती हु तुम ख्याल रख पाओगे क्या मै गलतिया बहुत करती हु तुम माफी माँग पाओगे क्या मुझे सर्दी बहुत लगती है तुम कंबल ओढ़ा पाओगे क्या मुझे खाना पीना बहुत पसंद है तुम मेरे लिए खाना बना पाओगे क्या मुझे घूमना बहुत पसंद है तुम घुमा पाओगे क्या ©sakhi_1310 #Question
SUNIL SAXENA SIWAN
White आज की तारीख दो-बारा 2-12 जिन्दगी ना मिलेगी दो - बारा ये दिन ना आएगा फिर 2-12 खुशियां मिलती रहें दो - बारा अपनों का दिल ना तोड़ना 2-12. ये सब फिर ना होगा दो - बारा आपकी याद आती रहे 2-12 बाकी लाइन आप जोड़ों, फिर एडिट कर देंगे दो बारा ©SUNIL SAXENA SIWAN 2-12
2-12
read more#कहेंगे ना...
दुनियां की सबसे बड़ी त्रासदी है, बच्चों से उसका बचपन छीन लेना। ©#कहेंगे ना... childhood
childhood
read moreDear ma'am
बचपन में सबसे अधिक पूछा गया एक सवाल: बड़े होकर क्या बनना है? अब जाकर जवाब मिल रहा है, कि फिर से ही बच्चा बनना है। फर्क बस इतना है. एक बचपन का जमाना होता था, जब खुशियों का जमाना था चाहत होती चांद को पाने की, मगर अब दिल केवल भावना नाम की तितली का दीवाना है क्यों की दिल तो बच्चा है जी Happy Children’s Day! ©Dear ma'am #Childhood