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Sanatan_Sanskriti_Shubhash
सावन और हरिद्वार -- एक उत्कृष्ट संयोग Sawan and Haridwar - a wonderful combination Follow for more.... #mahadev #harharmahadev #lordshiva
read moreLalit Saxena
Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena #Book दिल से
#Book दिल से
read moreVinod Mishra
अनुज
देख कर नयन श्री राम के चरण सिया मुस्कानी स्वयंवर में शिव के धनुष तोड़ रघुवर ने रच दी नई कहानी जयघोष से गूंजा नगर सारा राजा राम की दुल्हन बनी सिया रानी.. #सियाराम_विवाह🙏🚩 ©अनुज देख कर नयन श्री राम के चरण सिया मुस्कानी स्वयंवर में शिव के धनुष तोड़ रघुवर ने रच दी नई कहानी जयघोष से गूंजा नगर सारा राजा राम की दुल्ह
देख कर नयन श्री राम के चरण सिया मुस्कानी स्वयंवर में शिव के धनुष तोड़ रघुवर ने रच दी नई कहानी जयघोष से गूंजा नगर सारा राजा राम की दुल्ह
read moreMahesh Patel
White सहेली...... तन को न देख मेरे मन को देख.. फूलों को न देख चमन को देख.. अपनी बदकिस्मती पर रोने वाले.. खुद को न देख मेरे भीगे नयन को देख.. लाला...... ©Mahesh Patel सहेली... नयन... लाला...
सहेली... नयन... लाला...
read moreneelu
White मेरी नानी कहती थी जो सवाल तक नहीं रुकते वह जवाब तक कैसे रुकेंगे.. जो सावन में नहीं भीगते वह कार्तिक कैसे नहाएंगे ©neelu #sad_quotes मेरी #नानी कहती थी जो सवाल तक नहीं रुकते वह जवाब तक कैसे रुकेंगे.. जो सावन में नहीं भीगते वह कार्तिक कैसे नहाएंगे
#sad_quotes मेरी #नानी कहती थी जो सवाल तक नहीं रुकते वह जवाब तक कैसे रुकेंगे.. जो सावन में नहीं भीगते वह कार्तिक कैसे नहाएंगे
read moreपूर्वार्थ
White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ #जख्म से जीता
#जख्म से जीता
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