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Rj Gabbar

कौन है नागा साधू 'अघौरी'? "भारत की बात" #rjgabbar0 #gabbarthinks #nagasadhu #aghori #Sadhu #sant #sanatandharm #Sanatan #Hindu #hinduism #Society

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Rj Gabbar

नागा साधु part - 2 "अघौरी" "भारत की बात" 🙏🏻🙏🏻 #rjgabbar0 #gabbarthinks #nagasadhu #aghori #shivji #Bholenath #baba #God #shriram #jayshriRAM #Society

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Ashwani Dixit

'चरणदास संग्रह' भाग १ मान सरोवर घूमते, जनेऊ धारी लोग। बियर से होता आचमन, मटन चिकन से भोग। मटन चिकन से भोग, भटूरे छोले खावें। दोपहर के बाद ह

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मान सरोवर घूमते, जनेऊ धारी लोग।
बियर से होता आचमन, मटन चिकन से भोग।

मटन चिकन से भोग, भटूरे छोले खावें।
दोपहर के बाद ही, अनशन करने जावें।।

लगता है अब कुम्भ में, बनेंगे बाबा नागा।
आंख मारकर सदन में, फिर हंसेंगे RAGA।। 'चरणदास संग्रह' भाग १
मान सरोवर घूमते, जनेऊ धारी लोग।
बियर से होता आचमन, मटन चिकन से भोग।

मटन चिकन से भोग, भटूरे छोले खावें।
दोपहर के बाद ह

sukoon

जग में एक अभागा बचपन जन जन से हूँ दुत्कारा बचपन हर दर दर मैं हूँ भागा बचपन होटल, मंदिर, मस्जिद, सड़को पर भूखा वो हूँ अभागा बचपन #Child

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मैं हूँ एक अभागा बचपन जग में एक अभागा बचपन

जन जन से हूँ दुत्कारा बचपन
हर दर दर मैं हूँ भागा बचपन

होटल, मंदिर, मस्जिद, सड़को
पर भूखा वो हूँ अभागा बचपन

Hasanand Chhatwani

सुमिरन का महत्व सुमिरन छूट गया तो समझो गुरु रूठ गया और जिसका गुरु रूठ जाये उसका क्या हाल होता है यह तो साईं बुल्ले शाह जी से पूछो, कबीले वा #fourlinepoetry

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#FourLinePoetry सुमिरन का महत्व ,,

सुमिरन छूट गया तो समझो गुरु रूठ गया और जिसका गुरु रूठ जाये उसका क्या हाल होता है यह तो साईं बुल्ले शाह जी से पूछो, कबीले वालो के पास जाकर नाचना गाना सीखा, पता चला कि गुरु इधर आ रहे है, तो वहा जा कर वेश बदल कर नाचना शुरू कर दिया.... इतना नाचे कि थक कर गिरने लगे..... गुरु ने हाथ पकड़ कर संभाला और पूछा कि तुम बुल्ला हो, तो उन्होंने कहा कि मैं बुल्ला नहीं ... मैं तो भुल्ला हु ...... गुरु ने उसी समय उसे गले से लगा लिया ........ एक दिन का भी सुमिरन में नागा हमे एक महीना पीछे कर देता है, इसलिए हमे हमेशा अपना ध्यान सुमिरन में रखना चाहिए , सुमिरन का महत्व 
सुमिरन छूट गया तो समझो गुरु रूठ गया और जिसका गुरु रूठ जाये उसका क्या हाल होता है यह तो साईं बुल्ले शाह जी से पूछो, कबीले वा

Mohit Mudita Dwivedi

" शहीद हरिदास का ख़त " सरस्वती, मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा ? मेरी रेजिमेंट के लगभग सारे जवान शहीद हो गयें हैं मेरे भी पैर में गोली लगी #कहानी #nojotohindi #themodernpoets #kahani #nojotovideo #mohit #tmpianmohit #tmpnojot

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KP EDUCATION HD

📕भारत के पर्वत, पहाड़ियाँ व राज्य 🔳कराकोरम, कैलाश श्रेणी – भारत एवं चीन 🔳लद्दाख श्रेणी – भारत (जम्मू कश्मीर) 🔳जास्कर श्रेणी – जम्मू कश्मी #न्यूज़

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Devang shukla

मेरे हिसाब से अगर लड़की पैसे से प्यार करती है तो कुछ गलत नहीं है, बल्कि लड़के भी करते पैसे से प्यार करते है। आज कल ऐसा कौन है जो पैसे से प्य #lovequotes #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes #yqmythoughts #yqdiary #yqrealityoflife

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मेरे एक दोस्त ने बोला था कि लड़कियां सिर्फ पैसों से प्यार करती है।]

तो मेरे भाई......... किसी लड़की का पैसों से प्यार करना गलत नहीं है। हां, पैसे ना होने पर प्यार ना करना गलत है।

 (full read in caption)

 मेरे हिसाब से अगर लड़की पैसे से प्यार करती है तो कुछ गलत नहीं है, बल्कि लड़के भी करते पैसे से प्यार करते है। आज कल ऐसा कौन है जो पैसे से प्य

N S Yadav GoldMine

#City भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} व #पौराणिककथा

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भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀
{Bolo Ji Radhey Radhey}
वराह भगवान मंदिर :- भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार, वहां स्नान करने मिलता है पुण्य अपार मिलता है।

🌴 भगवान वराह की नगरी कासगंज जिले का सोरों। देश के विभिन्न राज्यों की श्रद्धा एवं आस्था से जुड़ी हरिपदी गंगा। आने वाले 15 दिन यहां पर देश भर से श्रद्धालुओं का आना होगा। 16 दिसंबर से शुरू हो रहे मार्ग शीर्ष मेले को लेकर आस्था की नगरी तैयार है। त्रयोदशी को नागा साधुओं का शाही स्नान होगा। साल में एक बार लगने वाली पंचकोसीय परिक्रमा भी एकादशी को वराह मंदिर से शुरू होती है। पूर्णिमा को अंतिम एवं चतुर्थ स्नान के साथ में मेले का समापन होता है।

🌴 कासगंज से करीब 12 किमी दूर स्थित सोरों में हरिपदी गंगा (हर की पैड़ी) के तट पर लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। उप्र के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान से तो लोग यहां आते ही हैं, अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के लिए यहां आते हैं। पूर्णिमा तक चलने वाले मेले में चार स्नान होते हैं। सबसे ज्यादा महत्व एकादशी के स्नान का है। माना जाता है इस दिन वराह भगवान ने यहां पर व्रत रखा था। त्रयोदशी को होने वाला तीसरा स्नान सिर्फ साधु संतों एवं नागा बाबाओं का ही खास तौर पर रहता है। एकादशी एवं द्वादशी को श्रद्धालु स्नान करते हैं तो अंतिम एवं चौथा स्नान पूर्णिमा को होता है। द्वादशी को वराह भगवान की यात्रा निकलती है। N S Yadav. 

यह है मान्यता :- 🌴 भगवान विष्णु ने वराह अवतार के रूप में दैत्यराज को मारकर उसके द्वारा रसातल में रखी गई पृथ्वी को दंत के अग्रभाग पर धारण कर जल से बाहर इसी स्थान पर निकाला था। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को व्रत रखा था, दूसरे दिन द्वादशी को वराह रूप त्याग दिया। इस पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में यह मेला प्राचीन काल से यहां लगता आ रहा है।

हिरण्याक्ष से पृथ्वी को मुक्त कराया :- 🌴 कासगंज जनपद की सोरों तीर्थ नगरी रहस्यों की नगरी कहा जाता है। सृष्टि का उद्धार करने के लिए भगवान विष्णु ने वराह के रूप में अवतार लिया था। यह अवतार भगवान ने वराह (शूकर) के रूप में लिया, तभी से इस नगरी का नाम शूकर क्षेत्र हो गया। शूकर क्षेत्र सोरों में एक नहीं अनेक आस्था के केन्द्र हैं। वराह भगवान मंदिर के महंत विदिहानंद बताते हैं कि शूकर सोरों तो महिमा से भरा पड़ा है। हमारे यहां कई अवतार हुए हैं।  

🌴 दशावतारों में दो जलचर और दो वनचर, दो भूप, चार विप्र के अवतार हैं। जलचर में कक्ष और मक्ष आते हैं। वनचर वराह भगवान और नरसिंह भगवान हैं। दो भूपों में श्रीराम और श्रीकृष्ण आते हैं। चार विप्र हैं- परशुराम, बावन, बुद्ध, कपिल भगवान। ये सभी दशावतार में आते हैं। इस अवतार में भगवान वराह ने हिरण्याक्ष का वध कर और पृथ्वी को जल पर स्थापित किया था। हिरण्याक्ष ने जल के अंदर पूरी पृथ्वी को छिपा दिया था। बहुत बलशाली था दैत्य। उससे देवता भी हार गए थे। भगवान ने वराह का अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी को मुक्त कराया

भगवान ने रखा था एकादशी का व्रत :- 🌴 तीर्थ पुरोहित सोरों विक्रम पांडे बताते हैं कि मान्यता है कि यहां भगवान ने वराह (तृतीय अवतार) के रूप में एकादशी के दिन व्रत रखकर पंचकोसी की परिक्रमा की थी। बाद में हिरण्याक्ष का वध कर हरिपदीय गंगा कुंड को नाखूनों से खोदकर अपने प्राण कुंड में त्याग दिये थे। तभी से इस कुंड में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। मृत पूर्वजों की अस्थियां विसर्जन करने से उनकी आत्मा का शांति मिलती है। विसर्जन की जाने वाली अस्थियां 72 घंटे यानि तीन के दिन के अंदर पानी में घुल मिलकर रेणु रूप हो जाती है। तभी से मार्गशीर्ष मेले का शुभारंभ हुआ था।

©N S Yadav GoldMine #City भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀
{Bolo Ji Radhey Radhey}
व

Muskan Jain

सुनो ये खामोश रातें ।। आज भी मुझे तुम्हारी याद दिलाती है पता है ना तुम्हे ।। मुझे अंधेरों से कितना डर लगता है।। ऐसी खामोशियों से डर लगता है

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"Tumhari yaad"





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ये खामोश रातें ।। आज भी मुझे तुम्हारी याद दिलाती है
पता है ना तुम्हे ।। मुझे अंधेरों से कितना डर लगता है।।
ऐसी खामोशियों से डर लगता है
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