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healthdoj

यात्रा के "दौरान" यदि "उलटी" होती है तो...? . . . #Trending #trendingreels #healthcoach #Health #Healthy Share With Ur Friends Follow @heal #hunarbaaz

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AYUSH SINGH

सुख का दिन डूबे डूब जाए। तुमसे न सहज मन ऊब जाए। खुल जाए न मिली गाँठ मन की, लुट जाए न उठी राशि धन की, धुल जाए न आन शुभानन की, सारा जग र #शायरी #kabita #Shayar♡Dil☆

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Dk Patil

*॥ धर्मवीर बलिदान मास ॥* *श्लोक क्रमांक. १७* ************************** *#श्रीसंभाजीसुर्यहृदय* ⛳ गोमायु श्वान म्हणूनी जगणें न दीर्घ #पौराणिककथा #धर्मवीर_बलिदान_मास #गुरुवर्य_श्रीसंभाजीराव_भिडे_गुरुजी⛳

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Sangeeta Kalbhor

#outofsight प्रेम मी रे जाणले.. मी वाहत गेले काळीज अन् काळजीत पडले पंख माझेच विहरणारे काळजीने मी खुडले वार होत असता चित्तावर चित्त होते थर #शायरी

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healthdoj

यात्रा के दौरान यदि उलटी होती है तो...? . . . #healthcoach #Health #healthylifestyle #Healthy #healthdoj nojoto healthdoj, @healthdoj डिस् #hunarbaaz

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N S Yadav GoldMine

#mahashivaratri इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर #पौराणिककथा

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का #कविता

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घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल ।
छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।।

लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल ।
आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।।

आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल ।
हे राधा छू लेन दो , यही  नन्द के लाल ।।

हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल ।
मैं कोई नादान हूँ ,  सब समझूँ मैं चाल ।।

भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल ।
तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।।
रिश्ता :-
रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल ।
छुपा किसी से है नही ,  हम दोनो का हाल ।।

रिश्ते की बुनियाद है ,  अटल हमारी प्रीति ।
क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।।

रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप ।
मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।।

रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल ।
लेकिन उनमें आज कुछ ,  बनकर चुभते शूल ।।

एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान ।
जिनका रिश्ता ये जगत  , जोड़ गया भगवान ।।

रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार ।
मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।।

०७/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल ।

छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।।


लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल ।

आज तुम्हारी चाल का

Prasad Shinde

कुणाची तहान कुणाची मान, तळपत्या पातीला, रक्ताची शान, मर्द मराठा आहोत आम्ही आमच्या हाती स्वराज्याची शान!” #मराठीपौराणिक

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