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Sdm Jaypur
Unsplash आसमां के परींदो से उड़ना सीख लो,सूरज की गर्मी की तरह तपना सीख लो, चाहे कैसा भी रास्ता हो मंज़िल का, बस सपनों की राहों में चलना सीख लो। 🚶♀️🚶♂️ ©Sdm Jaypur #snow सन्तोष त्रिपाठी
#snow सन्तोष त्रिपाठी
read moreIG @kavi_neetesh
महाकुंभ ************ संगम तट पर त्रिवेणी के, अमृत जल स्नान करें। महाकुंभ का दर्शन करने, हम प्रयाग प्रस्थान करें। मित्रों बारह वर्ष बाद ही, महाकुंभ ये आता है। हरिद्वार, नासिक, प्रयाग या, ये उज्जैन दिखाता है।। देखो आया है प्रयाग में, चलकर हम सम्मान करें।। महाकुंभ का दर्शन करने.......... भारत भू की भव्य अस्मिता, नवरंगों में दिखलाते। महाकुंभ संस्कृति के गौरव, आर्ष मनीषी बतलाते।। पुण्य सलिल अवगाहन करके, दूर सभी अज्ञान करें।। महाकुंभ के दर्शन करने........ पुण्य मिलेगा, मोक्ष मिलेगा, अमृतमय जीवन होगा। वेद बताते, शास्त्र बताते, मंगलमय हर मन होगा।। अंतर्मन ज्योतित हो कैसे, आओ अनुसंधान करें।। महाकुंभ का दर्शन करने.......... ©IG @kavi_neetesh #river Hinduism Entrance examination Kartik Aaryan Aaj Ka Panchang Extraterrestrial life महाकुंभ ************ पुण्य सलिल अवगाहन कर
#river Hinduism Entrance examination Kartik Aaryan Aaj Ka Panchang Extraterrestrial life महाकुंभ ************ पुण्य सलिल अवगाहन कर
read moreDevanand Jadhav
#Balaji #vyankateshwar Hinduism भक्ति सागर श्री वेंकटेश्वर ॐ निरंजनाय विद्महे । निरपाशाय धीमहि । तन्नः श्रीनिवासः प्रचोदयात् ॥ ॐ श्री वे
read moreकाव्य महारथी
प्रो शरद नारायण खरे,मंडला, मप्र कविता कविता कोश प्रेम कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moregudiya
White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya #love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
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