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Vikas Sharma Shivaaya'
*सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों?* *हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इसके लिए संस्कार रचे गए और दिनचर्या तय की गई। दिनचर्या का आरंभ नींद खुलने के तत्काल बाद शुरू हो जाता है। दिन की शुरुआत का पहला कदम है- कर दर्शनम् अर्थात हथेलियों को देखना। सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। *सुबह सुहानी हो तो दिन अच्छा गुजरता है। दिन अच्छा हो इसके लिए हम सुबह अपने अंदर और बाहर अर्थात मन में और घर में शांति और प्रसन्नता चाहते हैं। हम आंख खुलते ही कोई ऐसी चीज देखना पसंद नहीं करते जिससे हमारा दिन खराब हो। हमारा दिन हमारे लिए शुभ हो इसके लिए ऋषियों ने कर दर्शनम् का संस्कार हमें दिया है।* *⚜️कैसे करें कर दर्शनम्* सुबह जब नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस मे मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें- *🚩कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।* *कर मूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्॥* *🌷अर्थात-* (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में ब्रह्मा का निवास है। *⚜️हथेलियों के दर्शन करते समय एक और मंत्र भी बोला जाता है...* *🚩कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।* *करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥* *🌷अर्थात-* (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है। हथेलियों के दर्शन का मूल भाव तो यही है कि हम अपने कर्म पर विश्वास करें। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे कर्म करें जिससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त करें। हमारे हाथों से ऐसा कर्म हों जिससे दूसरों का कल्याण हो। संसार में इन हाथों से कोई बुरा कार्य न करें। हथेलियों के दर्शन के समय मन में संकल्प लें कि मैं परिश्रम कर दरिद्रता और अज्ञान को दूर करूंगा और अपना व जगत का कल्याण करूंगा। *⚜️हाथों का ही दर्शन क्यों* हमारी संस्कृति हमें सदैव कर्म का संदेश देती है। जीवन के चार आधार- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को पुरुषार्थ कहा गया है। ईश्वर पुरुषार्थी मनुष्य की ही सहायता करते हैं। कर्म से हम अपने जीवन को स्वर्ग बना सकते हैं और नर्क में भी ढकेल सकते हैं। मनुष्य के हाथ शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे दो हाथ पुरुषार्थ और सफलता के प्रतीक हैं। *⚜️इस परंपरा के संबंध में वेद कहते हैं* *🚩कृतं मे दक्षिणेहस्ते जयो मे सष्य आहित:।* *•- अथर्ववेद 7/50/8* *🌷अर्थात-* मेरे दाहिने हाथ में पुरुषार्थ है और बाएं हाथ में सफलता। भावार्थ यही है कि हम यदि परिश्रम करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है। हमे अपने कर्म में पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि- *🚩अयं मे हस्तो भगवानयं मे भगवत्तर:।* *•- ऋग्वेद 10/60/12* *🌷अर्थात-* परिश्रम से हमारे हाथों में श्री और सौभाग्य होते हैं। अर्थ यह है कि हम परिश्रम करेंगे तो ही हमें धन मिलेगा। धन से हम सुख-समृद्धि का सौभाग्य पाएंगे। वेद हमें यह भी सचेत करते हैं कि हमारे हाथ से कोई बुरा काम न हो। *🌷हस्तच्युतं जनयत प्रशस्तम्।* *•- सामवेद -72* *🌷अर्थात-* हमारे हाथों से सदा श्रेष्ठ का निर्माण हो। हम सदा अच्छे काम करें। किसी का बुरा न करें। किसी को दु:ख न पहुंचाएं। *⚜️शिक्षा-* प्रभाते कर दर्शनम् का यही संदेश है। हम सुबह उठते ही अपनी हथेलियों के दर्शन कर अच्छे कार्य करने का संकल्प लें, ताकि दिनभर हमारे मन में कोई बुरे विचार न आएं। अच्छे कार्यां से ही हमारी अलग पहचान बनती है। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 730 से 741 नाम 730 यत् जिनसे सब भूत उत्पन्न होते हैं 731 तत् जो विस्तार करता है 732 पदमनुत्तमम् वह पद हैं और उनसे श्रेष्ठ कोई नहीं है इसलिए अनुत्तम भी हैं 733 लोकबन्धुः जिनमे सब लोक बंधे रहते हैं 734 लोकनाथः जो लोकों से याचना किये जाते हैं और उनपर शासन करते हैं 735 माधवः मधुवंश में उत्पन्न होने वाले हैं 736 भक्तवत्सलः जो भक्तों के प्रति स्नेहयुक्त हैं 737 सुवर्णवर्णः जिनका वर्ण सुवर्ण के समान है 738 हेमांगः जिनका शरीर हेम(सुवर्ण) के समान है 739 वरांगः जिनके अंग वर (सुन्दर) हैं 740 चन्दनांगदी जो चंदनों और अंगदों(भुजबन्द) से विभूषित हैं 741 वीरहा धर्म की रक्षा के लिए दैत्यवीरों का हनन करने वाले हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' *सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों?* *हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इस
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" अंजलि " ( अनुशीर्षक ) Dedicating a #testimonial to Anjali Rai🦋💚 " अंजलि " यह नाम तो सुना ही होगा,!? साधारण शब्दों में कहूँ तो 'अंजलि ' का अर्थ सम्मानपूर्वक दोन
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *🌹रोज खुद से कहें ये 3 बात और फिर देखें चमत्कार🌹* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *⭕प्यार, पैसा, प्रगति और प्रतिष्ठा के लिए खुद से कहें ये 3 बातें- प्यार धन और शक्ति के लिए उपाय-* *प्यार, पैसा, पावर, प्रगति, प्रभाव, प्रभुत्व, पराक्रम,प्रशंसा, प्रसन्नता,पुरस्कार और प्रतिष्ठा हम में से किसे नहीं चाहिए... आइए जानते हैं बिना किसी बड़े उपाय के हम खुद से ऐसी कौन सी बात बोलें जो हमें ये सब चीजें दे सकती हैं...* *🌻संवाद नंबर 1* 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 1. बिस्तर से उठते ही आपको अपने आप से जो सबसे पहली बात बोलनी है वह यह कि मैं एक चुंबक हूं और प्यार, पैसा, पावर, प्रगति, प्रभाव, प्रभुत्व, पराक्रम,प्रशंसा, प्रसन्नता,पुरस्कार और प्रतिष्ठा सब मेरी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार- *•कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर मध्ये सरस्वती, कर मूले तू गोविंदम प्रभाते कर दर्शनम* बोलने से सारा दिन अनुकूल रहता है। हमारी परंपरा में यह बात कही जाती है कि सुबह उठते ही जो शब्द सबसे पहले बोला जाता है वह सारा दिन हमारे व्यक्तित्व और दिन से जुड़ जाता है। इसलिए पहला वाक्य या शब्द सबसे शुभ, अच्छा, सकारात्मक, मंगलकारी और पवित्र ही बोलना चाहिए। इसीलिए भगवान का नाम लेना सबसे अधिक उत्तम है। हमारी संस्कृति कहती है कि किसी भी वस्तु को पैर से स्पर्श नहीं करना चाहिए, धरती हमारी माता है और उन्हें पैर लगाने से दोष होता है अत: हम सुबह उठकर धरती पर पैर रखने से पहले बोलते हैं। *•समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते। विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमस्व मे पृथ्विया...* कुछ लोग इसे ऐसे भी पढ़ते हैं- *•समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मण्डले, विष्णु पत्नी नमोस्तुभ्यं पाद: स्पर्श क्षमस्वमे।* बहरहाल हम बात कर रहे हैं कि अगर आप कोई श्लोक, मंत्र या उपाय नहीं जानते हैं तो हमें अपने आप से 21 दिनों तक कुछ ऐसा कहना है कि हमारा भाग्य जाग्रत हो जाए और दुनिया की सारी अच्छी चीजें हमसे आकर्षित होने लग जाए चाहे वह धन संपदा हो या व्यक्ति... तो अब आपको अपने आप से अगला वाक्य कहना है कि- *🌻संवाद नंबर 2* 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 मेरी जिंदगी से नकारात्मक, जहरीले बुरे विचारों वाले (टॉक्सिक) लोग दूर जा रहे हैं और अच्छे सकारात्मक विचारों वाले शुभचिंतक मेरे करीब आ रहे हैं, मैं चुंबक होता जा रहा हूं, या होती जा रही हूं... *🌻संवाद नंबर 3* 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 मैं हर दिन बेहतर से बेहतरीन होता जा रहा हूं, बेहतरीन होती जा रही हूं, मेरे रिश्तों में प्यार है, मैं सबसे और सब मुझसे प्यार करते हैं। आज का दिन मेरे लिए यादगार, शानदार और जानदार है... मैं आज प्रसन्न हूं.... मैं खूबसूरत हूं.... मै प्रभावशाली हूं..... *🛑कोई मंत्र नहीं, कोई उपाय नहीं बस आपको अपने आप से बातें करनी है, अपने आप के साथ ब्रह्मांड की हर चीज से यह कहना है कि आप जिंदगी को प्यार करते हैं और अच्छी बातें अपने जीवन में शामिल करने के लिए तैयार है। जीवन में चमत्कार चाहते हैं तो इन 3 बातों को आजमा कर देखें...* *🚩#हरिऊँ🚩* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *🌹रोज खुद से कहें ये 3 बात और फिर देखें चमत्कार🌹* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *⭕प
ARVIND KUMAR KASHYAP
Prerana Jalgaonkar
नाते तुझे माझे स्वप्नात मला दिसते... नमस्कार मित्रहो, आजचा विषय आहे..स्वप्न ते लोचनी वसते तर उचला लेखणी अन लिहा भरभरून. या विषयावर आपल्या मनातलं लिहा..लिहिल्यावर कमेंट बॉक्स
Prerana Jalgaonkar
नाते तुझे माझे स्वप्नात मला दिसते... नमस्कार मित्रहो, आजचा विषय आहे..स्वप्न ते लोचनी वसते तर उचला लेखणी अन लिहा भरभरून. या विषयावर आपल्या मनातलं लिहा..लिहिल्यावर कमेंट बॉक्स
yogesh atmaram ambawale
शोध कवितेत माझ्या,तुझ्यासाठी असलेल्या भावना, जरी न बोललो,वाचून समज काय आहे माझ्या मना. सांगता न आले जे,ते सर्व शब्दात मांडले, प्रेम माझे तुझ्यावरचे,कवितेत उतरविले. संबोधतो काय तुला,तुझ्यासाठी काय मनात असते, वाच कवितेत माझ्या,मला तुझी किती गरज भासते. तसे पाहता तू नेहमीच माझ्या हृदयी असते, इतकी सुंदर तू,की परी बनून माझ्या कवितेत वसते.— % & शुभ प्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो कसे आहात? आताचा विषय आहे शोध कवितेत... #शोधकवितेत चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai
Divyanshu Pathak
तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय ! ना जाने किसके भेष में नारायण मिल जाय !! भावार्थ- कवि तुलसीदास महाराज कहते है कि संसार के कण कण में हर एक मन में प्रभु वसते है ! इसलिए सभी से उत्साह पूर्वक प्रेम भाव से मिलिए ! जान