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New पक्की सड़क Quotes, Status, Photo, Video

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Ravi_bhagat11

देखो सड़क तोड़ने की मशीन ✅ अनमोल विचार #trenging

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theABHAYSINGH_BIPIN

#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से

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White बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से मैं ना घबराता हूँ।
हुंकार भरूंगा फिर से मैं,
संकल्प का फल मैं पाता हूँ।

वचन ही मेरा शस्त्र बना,
हर कदम पर धार लगाता हूँ।
हिम्मत मेरी कभी ना टूटे,
महादेव का ध्यान लगाता हूँ।

पक्की करती जीत मेरी,
जब ईश्वर का गुण गाता हूँ।
लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा,
संघर्षों का मैं आदि हूँ।

थकूंगा नहीं बिना जीत के,
विजयी विश्व का वासी हूँ।

©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से

Krisswrites

मकान मालिक ने सड़क पर फेंक दिया किराएदार का सामान... बल्लभगढ़ जेसीबी चौक, संजय कॉलोनी नजदीक रेलवे पावर हाउस.. #FaridabadNews #Ballabhgarh J

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Ramlakhan

सड़क निर्माण हेतु आन्दोलन

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Shivkumar barman

बारिश और साथ तुम्हारा ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम

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ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के,
ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी ..
ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो ,
तुम मुझे अपने बांहों की चादर से ढंकना चाहूँगी...

ये बारिश की बूंदे भी ये प्यासी धरती को भींगा रही,
अपने प्रेम की सदा से उसकी प्यास बुझा रही..
तुम भी अपनी प्रेम से मुझे भी सजाओ न
मैं तुम्हारे उस प्रेम से संवरना चाहूँगी 

*
माना कि कुछ खता हमसे हुई तो कुछ तुमसे हुई है
मै अब सब कुछ भूलना चाहूँगी जो मैने किया 
फिर से मैं तुम संग यु जीना चाहूँगी 
मैं-और तुम फिर से एक नए सपने को बुनना चाहूँगी 

मौसम की ये पहली बारिश और तुम्हारे संग भींगना चाहूँगी 
थाम के तेरा हाथ सदा से भीगी सड़क पे चलना चाहूँगी 
मैं बेफिक्र होकर अब तुझमें ही खोना चाहूँगी 
तुमसे कभी रूठना तो कभी तुझे मनाना चाहूँगी

हमसे जो खुशियों के पल कही खो गए है
उन्हें तुम संग फिर से संयोज कर जीना चाहूँगी

©Shivkumar barman 
बारिश और साथ तुम्हारा

ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के,
ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी ..
ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो ,
तुम

IG @kavi_neetesh

Extraterrestrial life Entrance examination Kalki Hinduism Aaj Ka Panchang ॐ---( स्तुति भगवान शिव की )----ॐ 🎉 हर हर भोले , भोले नाथ ,

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Jitendra Giri Hindu

प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी #nojohindi Life #Constitution #hinduism गाय: धर्म, संविधान और समाज का आईना (संक्षिप्त

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"धर्म का आधार सेवा है, राजनीति का आधार न्याय है, और समाज का आधार नैतिकता। यदि गाय के मामले में हम तीनों को भूल जाएँ, तो हमारा पतन निश्चित है।"

©Jitendra Giri Goswami  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
#nojohindi #Life #Constitution #hinduism 

गाय: धर्म, संविधान और समाज का आईना (संक्षिप्त

anil kumar12

#Funny 🤣दस्ती पक्की हैं 🤣🤪 #funnyशॉर्ट्स 'कॉमेडी वीडियो कॉम'

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gudiya

#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

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Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच 
तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि 

धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता 
और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर 
जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता 


और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती 
यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में 

सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके 
वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह

 घर के आंगन में वह  नवोढ़ा भीगती नाचती और 
काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते 
और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो 

कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ
 आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै 
तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की 
लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में 

खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे
 लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए 
यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां 
धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर 
छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है 
पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर 
सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के 
यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के 

यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ 
उनके माथे पर हाथ फेर दो मां 
इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से 
तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि 
मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं 
नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच।
-अरुण कमल

©gudiya #NatureQuotes 
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आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

Koushal

सड़क हादसे में युवक की हालत गंभीर

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