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Preeti Karn
सर्द आहें ...सिसकियां ...और बेतुकी.... कुछ...ख्वाहिशें खुद ही ...खुद से ....रुठकर मनाने की.... फरमाइशें बेसबब रिसती रही....जर्ब- ए -जमीर की आजमाइशें सब तो थे....बस मैं न ..था दम तोड़ती.... गुंजाइशें...!!! प्रीति #जर्ब-ए-जमीर : (मन के जख्म) #yqhindiurdu
AK__Alfaaz..
फरेब-ओ-फितरत देखकर ज़माने की.., दर्द-ए-ज़र्ब जो मिला जिन्दगानी में.., दिल शकेबा रख कहता रहा..दिल-ए-अज़ीज़ मेरा वो बेरहम.., #जरा_सा_इश्क़_में ..दिल-ए-अज़ीज़ जब हो गया बेरहम.., *जर्ब --आघात,चोट *शकेबा --धीरज,धैर्य #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqhindi #yqthoughts #yqlove
THE EVENT IN EVERY STREET (R K C)
मनवा रे ए ए ए मनवा रे ओ ओ ए ओ मेरे मनवा तू कँहा छोड़ आयी अपनी चंचलवा सुन रे। सुन रे सुन रे सुन रे बावरी कोई है जो सो गया , गहराई में खो गया तू आई न वो छोड़ गया, ©R K Choudhary(T.E.I.E.S) मनवा रे ए ए
yogitaupadhyay45gmailcom
#MessageOfTheDay ए सखी सुन तो सखी तेरे बिन हम अधूरे हे जीवन में आज भी अकेले हे यूँ न समझ हम भूल गए हे कुछ मजबूरियों में धूल गई हैं सुन सखी हम तेरे बिन अधूरे हे बचपन की यादें जवानी की यादें कुछ ओर ही आलम था कुछ ओर ही मस्ती थी बस अब यादों का भवर हे सुन सखी हम तेरे बिन अधूरे हे वो रातो को तारे गिनना फिर मिलने का वादा करना वो चिल्ला ना व चीखना सब कुछ बदला सा हे सुन तो सखी हम तेरे बिन अधूरे हे वो सावन की फुहार वो मस्ती की बहार वो अठखेलिया तेरा रूठना मेरा मनाना सब कुछ याद हे मुझें सुन सखी हम तेरे बिन अधूरे हे ©yogitaupadhyay45gmailcom #ए सखी #@ए सहेली
fahmi Ali
सर छुपाने के लिए कोई ठीकाना चाहिए भूख से हम जां-ब-लब हैं आब-ओ-दाना चाहिए दूसरों के घर बनाना काम ये भी ठीक है हां मगर अपने लिए भी घर बनाना चाहिए सुन रहा हूं कुछ रक़म मिलती है मर जाने के बाद गर है ऐसा, तो मोक़द्दर आज़माना चाहिए ,✍️Fahmi आवाज़-ए-दिल-ए-मज़दूर
Shiv Narayan Saxena
मुनव्वर राणा को रात ख़्वाब में योगी महाराज जी शपथ ग्रहण करते हुए दिखाई दिये, तो डर के मारे शायर सा'ब का सोते हुए पेशाब निकल गया। बीवी ने पूछा ?? ये क्या कर दिया शायर सा'ब? तो उन्होंने ने जवाब दिया ............................. नाकामी-ए-राजनीति का इतना असर है गालिब कि आँसू निकल रहे हैं, रास्ते बदल - बदल कर। ©Shiv Narayan Bharatee बेदर्दी-ए-ख़्वाब-ए-शायर .........