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New 'mahabharat तस्वीर' Quotes, Status, Photo, Video

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Parul Sharma

राहतें जो मिला करती है हिचकियों से 
तेरी तस्वीर का असर कुछ एसा ही है

©Parul Sharma #तस्वीर #हिचकियाँ

Ashutosh Mishra

Sunita Pathania

NOTHING

Dalip Kumar 'Deep'

शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी 🍂🍂✍🏿कभी मेरी तस्वीर से बात की है😔'🥀🥀

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azad satyam

उकेर लेता है हर कोई तस्वीर कोरे कागज पर, दिल पर जो अमिट तस्वीर बना दे, ऐसा हर शख़्स आजाद तुझ सा नहीं होता...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

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उकेर लेता है हर कोई
तस्वीर कोरे कागज पर,
दिल पर जो अमिट तस्वीर बना दे,
ऐसा हर शख़्स आजाद
तुझ सा नहीं होता...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

©azad satyam उकेर लेता है हर कोई
तस्वीर कोरे कागज पर,
दिल पर जो अमिट तस्वीर बना दे,
ऐसा हर शख़्स आजाद
तुझ सा नहीं होता...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

Parasram Arora

पेचीदा तस्वीर

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White घूमता फिरता भटकता 
ये आदमी गुज़रे 
वक़्त की  एक पेचीदा
तस्वीर है

  पता नहीं ये तस्वीर कब 
टूटेगी ज़ब ये आदमी
 तब भटकेगा नहीं  
बल्कि एक जगह ठहर 
कर अपनी
कारगुजारियो पर 
चिंतन करेगा

©Parasram Arora पेचीदा तस्वीर

neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

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White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Anuradha T Gautam 6280

🪞तस्वीर एक आईना है 🧿

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Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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