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Tarique Azmi
अपने चेहरे से ज़ुल्फें हटा दीजिए चांद बदली में कैसे नज़र आयेगा हुस्न की की होगी तौहीन साक़िब मियां नाम होंठों पे उसका अगर आयेगा साक़िब आज़मी साक़िब आज़मी 9454913801
Mehfil-e-Mohabbat
कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया मैं कैसा ज़िंदा आदमी था इक शख़्स ने मुझ को मार दिया ©Mehfil-e-Mohabbat ✍️♥️ उबैदुल्लाह अलीम ♥️✍️
Tarique Azmi
किसने कहा उदास है साक़िब तेरे बगैर बस लुत्फ ले रहा है तेरे इंतजार का साक़िब आज़मी एक शेर @ साक़िब आज़मी
B.L. Paras
मैं ढूँडता हूँ जिसे वो जहाँ नहीं मिलता, नई ज़मीन नया आसमाँ नहीं मिलता । नई ज़मीन नया आसमाँ भी मिल जाए, नए बशर का कहीं कुछ निशाँ नहीं मिलता । वो तेग़ मिल गई जिस से हुआ है क़त्ल मिरा, किसी के हाथ का उस पर निशाँ नहीं मिलता । वो मेरा गाँव है वो मेरे गाँव के चूल्हे, कि जिन में शोले तो शोले धुआँ नहीं मिलता । जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ, यहाँ तो कोई मिरा हम-ज़बाँ नहीं मिलता । खड़ा हूँ कब से मैं चेहरों के एक जंगल में, तुम्हारे चेहरे का कुछ भी यहाँ नहीं मिलता । नमन कैफ़ी आज़मी साहब !!
Tarique Azmi
ज़ुल्फ लहराये जब बाम पर आयेगा मुद्दआ दिल के मारो का बर आयेगा उंगलियां जाने कितनों की कट जायेंगी बज़्म में जब वो रश्के क़मर आयेगा साक़िब आज़मी चार मिसरा@ साक़िब आज़मी
Tarique Azmi
अश्क से चेहरे से अपने वो अयां करता है हाल ए दिल अपना वो कुछ ऐसे बयां करता है वो तो हर हाल में राजी है रजाए रब पर अपनी तक़दीर का वह शिक्वा कहां करता है साक़िब आज़मी चार मिसरा @साक़िब आज़मी
Mehfil-e-Mohabbat
बस्ती में अपनी हिंदू मुसलमां जो बस गए इंसां की शक्ल देखने को हैं तरस गए ©राहुल रौशन कैफ़ी आज़मी साहब ♥️