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Jiyalal Meena ( Official )

सनकी तानाशाह || अय्याशी का बादशाह || किम जोंग उन #northkorea #Truth #Januarycreators

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Sunil itawadiya

#cinemagraph प्लीज टिकटोक का भविष्य कार करें आप लोग चाइना का जिंग जोंग का एप्स जाने अनजाने में हम लोग उन्हें करोड़ों कमा कर दे रहे हैं तो प्

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चीन लाशों के ढेर पर खड़ा है
पूरी दुनिया को बर्बाद करने पर तुला है
एक हाथ से जहर और दूसरे हाथ से उसके उत्पाद बेच रहा है
और मेरे देश के लोग आज भी tic tok,uc browser,pubji
जैसी apps चलाकर उसे करोड़ो कमवा रहा है
सच में मरने लायक ही हो😡 #cinemagraph प्लीज टिकटोक का भविष्य कार करें आप लोग चाइना का जिंग जोंग का एप्स जाने अनजाने में हम लोग उन्हें करोड़ों कमा कर दे रहे हैं तो प्

shalini jha

रिस रिस घावों से गुज़रती रही है ज़िन्दगी आक्रोश में पलती पिघलती रही है ज़िन्दगी समय संदर्भ पर उफनती मौन उबाल नयनों से बूंद बूंद ढ़लकती रह #Poetry #writing

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रिस रिस घावों से 
गुज़रती रही है ज़िन्दगी 
आक्रोश में पलती  
पिघलती रही है ज़िन्दगी
समय संदर्भ पर 
उफनती मौन उबाल 
नयनों से बूंद बूंद 
ढ़लकती रही है ज़िन्दगी 
क्या मिला क्या न मिला 
किसका करे मलाल 
हाल से बेहाल में 
बदलती  रही है ज़िन्दगी 
नाव पर सवार 
नदी की बहती धार 
स्नेह संग भीगती 
पलटती रही है ज़िन्दगी 
उमंग संग झूमती 
झुलसती प्रेम प्रपात 
खोज़ में भरपूर की 
भटकती रही है ज़िन्दगी 
रीत प्रीत से छली
पहने काजल कोर 
मेघ को पुकारती  
सुलगती रही है ज़िन्दगी

©shalini jha रिस रिस घावों से 
गुज़रती रही है ज़िन्दगी 
आक्रोश में पलती  
पिघलती रही है ज़िन्दगी
समय संदर्भ पर 
उफनती मौन उबाल 
नयनों से बूंद बूंद 
ढ़लकती रह

Er.Shivampandit

#प्रिया राईटर है, शांत समंदर है सोलह कलाएं छूपी हुई जिसके अन्दर है सुन्दर प्रभात सी पिघलती बर्फ से गिरता हुआ प्रपात सी #poem #nojotophoto

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 #प्रिया 
राईटर है, शांत समंदर है
सोलह कलाएं
छूपी हुई जिसके अन्दर है
सुन्दर प्रभात सी
पिघलती बर्फ से
गिरता हुआ
प्रपात सी

Foundation Persnickety (Rishav Bhardwaj)

कातर प्रणय विराग (A neo - romantic poem : छायावाद) -: Erotica .......................................................... कातर स्वर में प्रेम #erotica

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कातर प्रणय विराग (A neo - romantic poem : छायावाद) -: Erotica कातर प्रणय विराग (A neo - romantic poem : छायावाद) -: Erotica
..........................................................
कातर स्वर में प्रेम

Sujata Darekar

Improve ur urdu By following Md writer.. हाज़िर हूँ आपकी ख़िदमत में एक औऱ आसान से लफ्ज़ "आबशार" के साथ, चलिये शुरुआत करते हैं एक छोटे से Coll #Collab #YourQuoteAndMine #MorningTea #mdwriter #cinemagraph #mdwriterurdu #अबशार_md

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प्यासी हूँ, चली आती हूँ आबशार के पास....
पर इसे कौनसी प्यास है जो गिरता और बहता है दूर दूर तक.... Improve ur urdu By following Md writer..
हाज़िर हूँ आपकी ख़िदमत में एक औऱ आसान से लफ्ज़ "आबशार" के साथ, चलिये शुरुआत करते हैं एक छोटे से Coll

अरफ़ान भोपाली

भोपाल रियासत का हूँ नही पर लिखता भोपाली हूँ रीवा रियासत का रहने वाला सफ़ेद शेरों के शहर से हूँ यही रियासत है जिसने दुनिया को पहला सफ़ेद शेर #Poetry #Life #story #shayri #gazal #hindipoetry #madhyapradesh #रीवा_रियासत #सफ़ेद_शेर #rewa #rewariyasat

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भोपाल रियासत का हूँ  नही  पर लिखता  भोपाली  हूँ
झरनों  और  सफ़ेद  शेरों  के शहर रीवा रियासत से हूं भोपाल रियासत का हूँ नही पर लिखता भोपाली हूँ
रीवा रियासत का रहने वाला सफ़ेद शेरों के शहर से हूँ 


यही रियासत है जिसने दुनिया को पहला सफ़ेद शेर

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

Streak हमने देखा है,ये*तजुर्बा करके,इश्क़ देता है सज़ा किसी को*इंतेखाब करके//*knowladge*चुनाव इश्क में कौन,किसे कैसे,हासिल हुआ है,कोई #nojotohindi #trend #nojotonews #NojotoFilm #Nojotovideoprompt #shamawritesBebaak #NojotoWritingPrompt #NojotoStreak

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Vijay Tyagi

"पेड़ की ठूँठ से" पेड़ की ठूँठ से निकली हैं कोंपले देने को संदेश नव उद्गम का नव आशा का, सृजन की नवभाषा का प्रकृति की प्रदत प्रकृति #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqbhaijan #yqhindi #yqquotes #maasharatti #माशारत्ती

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"पेड़ की ठूँठ से...
 निकली है कोंपले
  देने को संदेश...."

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🙏🙏
Vijay Tyagi     "पेड़ की ठूँठ से"
पेड़ की ठूँठ से 
निकली हैं कोंपले 
देने को संदेश 
नव उद्गम का
नव आशा का,
सृजन की नवभाषा का
प्रकृति की प्रदत प्रकृति

pushpraj singh RANA

गंगा के निश्चल जल सा स्वचंद हूँ मैं मन का मस्तिष्क से जो होता हैं वो द्वंद हूँ मैं रंग हूँ मैं भगवे की अग्नि के लपट सा खूंखार हूँ कीसी मासूम

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गंगा के निश्चल जल सा स्वचंद हूँ मैं
मन का मस्तिष्क से जो होता हैं वो द्वंद हूँ मैं
रंग हूँ मैं भगवे की अग्नि के लपट सा
खूंखार हूँ कीसी मासूम
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