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चाँदनी
White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ और मेरे कविता के बहते नासूर से फिर एक जिस्म तैयार होता है हर बार हृदय काग़ज के आर पार बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म की तूरपाई मे कागज के सिलवटों को नोच देता है दर्द नासूर का नही, जिस्म का नही काग़ज का होता मौत तीनों को कैद करता है रूह अकेला चित्कारता है कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है ©चाँदनी #रोग
Anjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreVijayjay Vijayjay
"भारतीय माता-पिता की बस एक ही प्रॉब्लम है... अगर बेटा डॉक्टर बन जाए तो कहते हैं, 'कभी-कभी इंजीनियर भी सोच लेता!' और इंजीनियर बन जाए तो कहते हैं, 'MBBS ही करना था!'" ©Vijayjay Vijayjay "भारतीय माता-पिता की बस एक ही प्रॉब्लम है... अगर बेटा डॉक्टर बन जाए तो कहते हैं, 'कभी-कभी इंजीनियर भी सोच 'कॉमेडी जोक्स'
"भारतीय माता-पिता की बस एक ही प्रॉब्लम है... अगर बेटा डॉक्टर बन जाए तो कहते हैं, 'कभी-कभी इंजीनियर भी सोच 'कॉमेडी जोक्स'
read moreashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreDev
वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।। ©Dev दिल का अहसास
दिल का अहसास
read moreVinod Mishra
Anjali Singhal
"यादें हैं थकी हुईं और एहसास पड़ा निढाल है, टूट रहा मुझमें कुछ आज दिल उदास है। साँसों का बिखरना लाज़िमी और दर्द का रुकना मुहाल है, दिल के इ
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