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N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} कई लोग मुझे गिराने में लगे हैं, मेरा चिराग बुझाने में लगें है, वो यह समझ ले में एक सिर्फ कतरा नही हूँ,एक पूरा समुद्र हूँ, डूब गए वो लोग, जो डुबाने में लगे थे, यह सभ सम्भव हुआ भगवान श्री हरि इच्छा से, होना तो वही था, जो मेर श्री कृष्ण जी चाहेगे।। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} कई लोग मुझे गिराने में लगे हैं, मेरा चिराग बुझाने में लगें है, वो यह समझ ले में एक सिर्फ कतरा नही हूँ,एक
Writer @143
White हवा से कहा दो की,,, खुद को आज़मा के दिखाये । बहुत चिराग बुझाती है। एक चिराग जला के दिखाये। ©Writer @143 #nightthoughts चिराग
AbhiJaunpur
मेघालय भारत के असम राज्य के भीतर 2 अप्रैल 1970 को स्वायत्त राज्य बना था। ©AbhiJaunpur #मेघालय #असम #AbhiJaunpur
Deep isq Shayri #lover
हार भी है, जीत भी है पीर भी है, प्रीत भी है अनवरत इक शोर भी है आपदा घनघोर भी है किन्तु अन्तस् में अमर आह्लाद जीवित है होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है मानता हूँ उत्सवों का दौर थोड़ा कम हुआ है आंधियों से आम्रवन का बौर थोड़ा कम हुआ है किन्तु कलरव ने चहकने की प्रथा त्यागी नहीं है मांगलिक वेला अभी सब हार कर भागी नहीं है कोयलों का आम से संवाद जीवित है होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है दृष्टि की सीमा तलक अनजान वीराना पड़ा है कान के उस पार सीमाहीन सन्नाटा खड़ा है किन्तु हाथों पर तनिक रंगीन-सा एहसास भी है ‘पीर का भी अंत होगा’ -एक ये उल्लास भी है मौन का आनंद अंतर्नाद जीवित है होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है धीर टूटेगा लखन की चेतना को लुप्त पाकर मन विकल होगा किसी अभिमन्यु को समिधा बनाकर किन्तु द्रोणाचल किसी संजीवनी को जन्म देगा शौर्य को अमरत्व युग-युग तक समूचा धर्म देगा सत्य का यश मौत के भी बाद जीवित है होलिका की गोद में प्रह्लाद जीवित है © चिराग़ जैन ©Deep isq Shayri #lover #holikadahan by चिराग jain
Virendra Singh Diwakar
यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है चंद खून की छींटे लज्जित कर देती है उसको कोई क्यों नहीं सोचता कितना दर्द होता होगा उसको नारी होना आसान नहीं समझाओ उन नसमझो को रूह कांप जाती जब चोट लगती हैं मर्दों को मंदिर और रसोई में भी जाने को रोक लगाते हैं कुछ लोग पास में बैठने से भी मुँह बिगाड़ लेते है न जाने क्यों लोग इसे बीमारी समझते हैं *उसे दर्द से ही तो घरों में चिराग जलते है* यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है VS.Diwakar ©Virendra Singh Diwakar #Women #womenempowerment #Women_Special यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है चंद खून
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