Find the Latest Status about talne ka kida book from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, talne ka kida book.
Ankit Rajput
Unsplash तुम कई बार मिल चुके होते, तुम जो मिलते अगर दुआओं से. ©Ankit Rajput #Book Aaj Ka Panchang
#Book Aaj Ka Panchang
read moreTanuuJ6198
Unsplash हौसलों में उड़ान है तो मंजिल मिल ही जाएगी तो खुद पर भरोसा तो रख नहीं तो कर आज नहीं तो कल सफलता मिल ही जाएगी Meri Kalam Se #TM@ ©TanuuJ6198 #Book success ka Mantra
#Book success ka Mantra
read moreParidhi chaubey
Unsplash Kya likha hai en kitabo me agar kuchh shikhna hai to jindgi se shikho ©Paridhi chaubey #Book Aaj Ka Panchang
#Book Aaj Ka Panchang
read moreVijay Kasyap
Unsplash ab hum dikhayege dil or jaan sab laynge khud se jung hai meri ye duniya ko bataynge ©Vijay Kasyap #Book #Ka #kaadhal #padai 'अच्छे विचार'
Anas Malik
Unsplash Bhikra hu kitabo ka pano ki thra Mujko koi padna wall nahi Phadta ha kitab ko Koi kirdar ki thra mujko koi samajhna wall Nahi ©Anas Malik #Book kitab ka panna
#Book kitab ka panna
read moreBiswajit Paul
Unsplash good morning friends ©Biswajit Paul #Book Aaj Ka Panchang
#Book Aaj Ka Panchang
read moreVIMALESH YADAV
Unsplash The Hindu Akhabar ka Itihas वर्ष 1878 में मद्रा स हा ई को र्ट की जजों की बेंच में सर टी मुथुस्वा मी अय्यर को , शामिल करने के खिलाफ एंलो इंडियन अखबार विरोध कर रहा था । इस विरोध के खिलाफ कानून की पढ़ाई करने वाले चार छात्रों और दो शिक्षकों ने चेन्नई से साप्ताहिक पत्रिका द हिंदू अखबार की शुरुआत की इस अखबार के संपादक जी . सुब्रमण्यम अय्यर और मैनेजिंग डायरेक्टर एम.वी . राघवाचार्य थे। अखबार की शुरुआत केवल एक रुपये 12 आने से हुई 1905 में एस. कस्तूरी ने इसे अपने अंतर्गत ले लिया । तब से इसका संचा लन कस्तूरी परिवार ही कर रहा है। द हिंदू समाचार पत्र का मुख्यालय चेन्नई में है। इसकी शुरुआत साप्ताहिक पत्रिका के रूप में हुई, जो आगे चलकर 1829 में दैनिक समाचार पत्र बन गया । यह भारत के शीर्ष दैनिक अंग्रेजी समाचा र पत्रों में से एक है, जो ज्यादातर दक्षिण भारत में पढ़ा जा ता है। ©VIMALESH YADAV The hindu newspaper ka itihas #Book #TheHindu #vimaleshyadav
The hindu newspaper ka itihas #Book #Thehindu #vimaleshyadav
read moreDeepali Singh Chauhan
Unsplash 15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन, सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन। 20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा, उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा। शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था, 1965 को संगठन को मिला नया नाम था। ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा, देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा। देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात, जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता भविष्य प्रभात । विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में। चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की, 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की। विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है, शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है। राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है , छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है। तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है, भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है। आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण, शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो भारत का कण कण। ©Deepali Singh Chauhan #Book Kendriya Vidyalaya Sangathan ka Safar
#Book Kendriya Vidyalaya Sangathan ka Safar
read moreADiL KHaN (शहज़ादा)
Unsplash आशिक़ ए किताब की सज़ा न पूछियो आसमां पे बिठा देती है ज़मीं पर पटकते पटकते ©ADiL KHaN (शहज़ादा) #Book Aaj Ka Panchang
#Book Aaj Ka Panchang
read moreKishore
Unsplash kishorekumar ©Kishore #Book kishorekumar Aaj Ka Panchang
#Book kishorekumar Aaj Ka Panchang
read more