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New ज़माने के जिस दौर से Quotes, Status, Photo, Video

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Kiran Chaudhary

Instant messaging के इस दौर में मुझे खत लिखना पसन्द है।।

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Unsplash Instant messaging के इस दौर में मुझे
खत लिखना पसन्द है।।

©Kiran Chaudhary Instant messaging के इस दौर में मुझे
खत लिखना पसन्द है।।

SANIR SINGNORI

'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'#Book

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Unsplash 'कल' की डोली उठाने के लिए, 
'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के
 अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'












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©SANIR SINGNORI 'कल' की डोली उठाने के लिए, 
'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के 
अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'#Book

आधुनिक कवयित्री

ये वक्त ओर ज़माने.......

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Anjuu

L♥️ve दिल की जिस गहराई में आके बस गए हो तुम, तुम्हें वहां से निकालने के लिए मुझे एकबार तो मरना होगा!

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Unsplash ए मोहब्बत सुन! आज फिर तेरे नाम पे रोना आया।
 कुदरत का फैसला था इश्क के अंजाम पे रोना आया।

जो गुजरे थे साथ तेरे, वो लम्हें तमाम पे रोना आया।
जंचते थे नाम हमारे साथ में, उस नाम पे रोना आया।

©Anjuu #L♥️ve 
दिल की जिस गहराई में आके बस गए हो तुम,
तुम्हें वहां से निकालने के लिए मुझे एकबार तो मरना होगा!

Bobby(Broken heart)

जिस की नुमाइश करने में कौन सा फैशन है

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नवनीत ठाकुर

"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

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"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी,
हम वहां से नई शुरुआत करते हैं।
जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे,
हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी,
हम वहां से नई शुरुआत करते हैं।
जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे,
हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

Praveen Jain "पल्लव"

#love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है

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White पल्लव की डायरी
अंधो को भी सुबह का एहसास हो
अंतिम छोर तक हर्षोउल्लास हो
गैर बराबरी शिक्षा से मिटे
सबको जीने का एक सा अधिकार हो
हुनर पनपे  सभी प्रतिभा का सम्मान हो
मगर गला काट कर, मर्यादा भंग 
दायरे के बहार प्रशासन के सब अंग
अनैतिकता के दिखते सियासती रंग
नही बचा अब जनता पर जीने का ढंग
मायूसी से चेहरे बिगड़ रहे है
रोजगार व्यापार मेहनत का फल नही दे रहे है
अराजकता की पीके भंग
लूट पाट के दिखते सत्ताओ के ढंग
                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है

नवनीत ठाकुर

#ये दौर कितना बदल गया है

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White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया,
हर इंसान अपने ही साए से जल गया।
इज्जत अब बस नामों तक रह गई है,
असलियत झूठ की चादर में ढह गई है।

जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे,
अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं।
हर ख्वाब जो आँखों में पलता था,
उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है।

मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा,
हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा।
ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी,
और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी।

©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है

neelu

White कभी कभी इंसान चलते हैं 
दौर को चलाने के लिए...

कभी कभी दौर चलते हैं
इंसानों को चलाने के लिए..

©neelu #life_quotes #कभी #कभी #दौर #चलते हैं

harikesh

आज के युवाओं से पूछो तो यही जवाब होता है

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