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Saurabh Singham
जिस दौर से मै गुजरा हूँ .. शायद कोई और होता तो गुजर ही जाता... ☹☹☹ जिस दौर से मै...☹☹☹
vimal kumar
जिस दौर से हम गुजरे है उस दौर से तुम गुजरे होते तो, बेटा कब के गुजर लिए होते। ©vimal kumar #KiaraSid जिस दौर से हम गुजरे h
Deepali Singh
ज़माने के ताने वो जब पूछते मुझसे... ये आता जो तेरे इन ख्यालों का सिलसिला है कहाँ इसे पढ़ा है,क्या कहीं ऐसा लिखा मिला है क्या ख़ुद ही इसे गढ़ा है या बस देख कर लिखा है या जो दिखा न कभी ये उस दर्द का सिला है क्या कोई गम बड़ा बहुत मिला है या किसी से कोई गहरा शिकवा- गिला है तो कहती यही उनसे ... जो मन में है मेरे वही तो रचा है ये सब उसका ही तो निकला है यूँही नहीं इन पन्नों पर ये उभरा है ये तो यहाँ दबे शोलों की बस हवा है एक झोंके में तो नहीं निकल सका है खुलकर कहें तो...अभी सब अंदर ही भड़क रहा है ©Deepali Singh ज़माने के ताने
Ek villain
बीते दिनों में लेश्या में 1 दिन में महीने भर कितनी बारिश हुई है उसके बाद बाहर से पूरी तरह से दवाई मच गई है तुर्की से खबर आई है कि वह तूफान और बारिश ने तबाही मचा दी अमेरिका के कैलिफोर्निया का उदाहरण भी डरने वाला है जहां कब भीषण गर्मी कब तूफान और कब बारिश से जूझना पड़ जाए पता ही नहीं चलता दुनिया में तेजी से बढ़ते जलवायु परिवर्तन के ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जो बड़ी चिंता का विषय है भारत से संबंधित एक या हालांकि रिपोर्ट ने भी विशेषज्ञों को परेशानी में डाल दिया यूनिवर्सिटी आफ लीड्स यूके के अनुसार अन्य देशों की तुलना में हिमालय की गली सिर पिछले कुछ दशकों में 10 ज्यादा गुना तेजी से पिघल रहे हैं इससे भारत समेत कई एशियाई देशों में पानी की कमी और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है सबको पता है कि यह सब ग्लोबल वार्निंग की दुष्परिणाम है ग्रीस में इस साल गर्मी में जंगलों में आग लगने के हजारों मामले सामने आए तुर्की स्पेन और इटैलियन में भी आकर भीषण घटनाएं लगातार बढ़ी है आशंका यही है कि जलवायु परिवर्तन के कारण जंगलों में आग लगने की घटनाएं बहुत सामान्य हो जाएंगी जलवायु परिवर्तन की समस्या के लिए मुख्य रूप से मनुष्य ही जिम्मेदार है इस बीच डरने वाली बात यह है कि ग्लोमिन गोली के चलते विश्व में 19वीं सदी के मुकाबले तापमान 1 2% बढ़ गया है इस दौरान वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 50% बढ़ गई है यह जलवायु परिवर्तन के बहुत बड़े कारण माने जा रहे हैं हमारा खान-पान और खेती का तरीका भी तमाम तरह के प्रदूषण का कारण बनता है वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जलवायु परिवर्तन नहीं दिया गया तो भयंकर परिणाम होंगे गुलों में रंग की सदी में 1 डिग्री सेल्सियस रखना होगा कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है उससे इस सदी के अंत तक तापमान किधर 2 पॉइंट 4 डिग्री से ज्यादा पहुंच जाएगी यदि समय रहते उपाय नहीं किया गया तो वार्निंग 4 डिग्री की दर बढ़ा जाएगी और उसके महाविनाश समान होंगे यह बड़ी संख्या में गले सर पे करना समुद्री नदियों के पानी का स्तर बढ़ना बाढ़ का प्रकोप बढ़ना हरियाली खत्म हो जाएगी ©Ek villain # खतरे के दौर से गुजरती दुनिया #sagarkinare