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Sushma
जमीन से हमेशा जूड़े रहना पड़ता है.. क्योंकि चाहे कितनी भी उचाई पर चढ़ जाओं , जरा सा पैर डगमगाया कि गिरना निश्चित है... चाहे आसमां भी छू लो , पर थक कर शाम में घर हि लौटना है... ©Sushma #adventure जमीन से हमेशा जूड़े रहना पड़ता है.. क्योंकि चाहे कितनी भी उचाई पर चढ़ जाओं , जरा सा पैर डगमगाया कि गिरना निश्चित है... चाहे आ
S. Bhaskar
अंधेरी रात का साहिल बनना मुकर्रर था, तो मैंने भोर का रास्ता करार कर दिया। रहा तिमिर के गर्भ में डूबा हुआ, रौशनी को मैंने खबरदार कर दिया। कई पर्वतों की उचाई मापी है, गहराई को मैंने आत्म निर्वाण कर दिया। उच्छल जल में पखेरू भी गोते लगाते है, मैंने तह में जा कर गला तर कर दिया। तुम साहिल की बाट जोहते हो उतरन को, मैंने लहरों पे अपना आशियाना आबाद कर दिया। तुम पारस खोजते हो स्वर्ण में ढलने को, मैंने तो पत्थर छु के पारस कर दिया है। मेरी समझ से देखो हर कोई नासमझ मिलेगा, परिस्थितियों ने मुझे बेजार कर दिया है। चांद की सिथिलिता का परिचय हूं, सूरज सा तेज का प्रमाण कर दिया है। अंधेरी रात का साहिल बनना मुकर्रर था, तो मैंने भोर का रास्ता करार कर दिया। रहा तिमिर के गर्भ में डूबा हुआ, रौशनी को मैंने खबरदार कर दिया।
Jyoti choudhary
आसमान बहुत ऊपर है परे है हमारी पहुंच से पर अगर किसी का साथ मिल जाऐ तो नसीब बन जाए। #आसमान #परिंदा # आसमान #उचाई #लव #दूरियां #मजबूरियां #YourQuoteAndMine Collaborating with Mɽ BhÃtï
Srinivas
जीवन के सफर में बहुतों का साथ चलना पड़ता है परंतु समय के साथ साथ चलने से उचाई छू पाते है ©Srinivas Mishra जीवन के सफर में बहुतों का साथ चलना पड़ता है परंतु समय के साथ साथ चलने से उचाई छू पाते है #changetheworld
Vaibhav Saraswat
Millionaire ©Vaibhav Saraswat पकड़ो मेरा हाथ कुंदे हम उचाई पर! जाएंगे नीचे नहीं और भी ऊंचाई पर। Nitesh Kumar Ravi namo namo Praveen Storyteller Prem Lata Solanki
Sandeep Kothar
बंदिशें... मुझे क्यों इस वक़्त ने बांध रखा है, क्या किसी पिंजरे में कैद रखा है, इसे ताला नहीं, ना कोई उचाई पर टांग रखा है, मेरे कदम सैर को निकले आसमां की तरफ, मगर जमीं ने क्यों थाम रखा हैं..? आज से पहले बेपरवाह थी ज़िंदगी, अब हालात ने परवाह से क्यों रूबरू रखा हैं..? अपनों की फ़िक्र कभी आज से ज्यादा नहीं हुई, फिर क्यों आज अपनों से बिछड़ने का डर, दिलों में संजोए रखा हैं.... मेरे ज़हन में एक सवाल उठता हैं; क्या फिर कभी ज़िंदगी आसां हो पाएंगी? ना अनजाना सा डर होगा, ना पैरों में कोई बंदिशों की बेड़ियां होंगी.. किसे जिम्मेदार ठहराएंगे हम इन हालातों के लिए? क्या कभी अपने गिरेबान तक भी कोई बात आएंगी..? जरूर पूछिएगा ये सवाल कभी अपने आप से... संदीप मनोहर कोठार ३१-०७-२०२० बंदिशें... मुझे क्यों इस वक़्त ने बांध रखा है, क्या किसी पिंजरे में कैद रखा है, इसे ताला नहीं, ना कोई उचाई पर टांग रखा है, मेरे कदम सैर को
Rutuja Ghume
उडान जिंदगी की. 🌍 जहाँ खुद से ज्यादा खुदको को साबित करना पडे, वहाँ रेहेना जरुरी ना समजो. ! जहाँ कोई आपकी कदर ना कर पाता हैं. वहाँ आप उसे क्यू अपना महत्व बताते हो. जिंदगी खुदसे रखो.. काबिलीयत जरूर आपकी होगी! जिंदगी की उडान. 🌍... #inspiration #उचाई #dreamgoal #support #nojotohindi #nojotoworld #happiness
ARZ-ए-SAYED
अपने मुल्क की अज़मत को हर उचाई पर रोशन कर दूं मेरे अल्लाह मुझे इतनी ताक़त अता करना हिन्दुस्तान मेरी हिम्मत Arz- ए-Sayed #Letter_To_Republic_India अपने मुल्क की अज़मत को हर उचाई पर रोशन कर दूं मेरे अल्लाह मुझे इतनी ताक़त अता करना हिन्दुस्तान मेरी हिम्मत Ar
Dear diary
...........तन्हा मन........ ....क्या तुम लौट आओगे .... जब कभी सफर पर जाना हो । या कभी स्याह रात में डर से हाथ थामना हो । क्या तुम लौट आओंगे ....।। पहली बारिश में प्यार का इजहार करना हो । बालकनी में खड़े होकर साथ में अगर कॉफ़ी पीना हो । कांधे पर सर रखकर तकलीफ को कम करना हो । क्या तुम लौट अाओंगे ......।। बादलों की गड़गड़ाहट की तेज आवाज से डरकर तुम्हरे गले लगाना हो । पहाड़ियों की उचाई को तुम्हारा हाथ पकड़कर चड़ना हो । और देर शाम तक सूर्य अस्त देखना हो । तो क्या तुम लौट आओंज..... ।। मेरा मन तुमसे लगता था अब तुम है नहीं तो इस मन को केसे समझाऊं । तुम्हरे चले जाने के बाद सब कुछ अधूरा रह गया, तुमको गए आज पूरे 2 साल 7 महीने और हो गए, अब अब तो ये बारिश भी जेसे काटने लगती है ।नफरत सी हो गई है मुझे खुद से और तुम्हरे चले जाने के बाद इस ज़िन्दगी से । तुम्हरे इस कदर छोड़ कर चले जाना, मानो किसी ने दीपक से सुकी बाती चुरा ली हो, कहने को बहुत सी बाते है ,पर अब मुझसे कहीं नहीं जाती । .......…..... ...........तन्हा मन........ ....क्या तुम लौट आओगे .... जब कभी सफर पर जाना हो । या कभी स्याह रात में डर से हाथ थामना हो । क्या तुम लौट आओंगे