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Stories related to गया क्या होता है

RUPESH Kr SINHA

#हसना भी मजबूरी बन गया है

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- Arun Aarya

#Krishna #भूल गया है

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मेरे हिस्से में तुम्हारा साथ लिखना भूल गया है भगवान !

- अरुन आर्या

©- Arun Aarya #Krishna #भूल गया है

हिमांशु Kulshreshtha

क्या रिश्ता है..

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नहीं जानता क्या रिश्ता है
मेरी रूह से तुम्हारी रूह का
जो भी है ये, मगर खूब है
ये अधूरा सा रिश्ता हमारा
तन के रिश्ते,
ना थे पहचान कभी
मेरे इश्क की….
रूहों के मिलन से से होगा नायाब
ये अधूरा सा रिश्ता हमारा

©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..

Radhe Radhe

सच हमेशा कड़वा होता है

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Unsplash मेरी बात बहुत कड़वी है 
लोग अक्सर नाराज हो जाते हैं 
कही मैंने सुना है
सच हमेशा कड़वा होता है। 
🤭🤭🤭

©Radhe Radhe सच हमेशा कड़वा होता है

अनिल कसेर "उजाला"

वक़्त का होता नहीं ठिकाना है।

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Anuj Ray

# नफ़ा नुकसान तो होता रहता है "

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Unsplash नफ़ा नुकसान तो होता रहता है"

जर ज़मीन जोरू ,पसंद आने पे 
आदमी पैसों की जरा भी फ़िक्र नहीं करता। 

उसकी मनपसंद मुराद जो मिल 
जाती है उसको नफ़ा नुकसान तो होता रहता है।

पसंद आई चीज़ हाथ से निकल 
जाए तो उम्र भर दिल में मलाल होता रहता  है।

लोग सयाने कहते हैं पसंद आई वस्तु 
मुंह मांगे दम पर लो, नफ़ा नुकसान तो होता रहता है।

©Anuj Ray # नफ़ा नुकसान तो होता रहता है "

RUPESH Kr SINHA

क्या यह सही नहीं है

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neelu

#sad_quotes #लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़न

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White लिखने का समय अलग होता है
 पढ़ने का समय अलग होता है
 और 
समझने का समय और भी अलग होता हैi

लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़ना है
कहते रहिए पता नहीं.. किसको क्या सुनना है

©neelu #sad_quotes #लिखने का समय अलग होता है
 पढ़ने का समय अलग होता है
 और 
समझने का समय और भी अलग होता हैi

लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़न

नवनीत ठाकुर

#ये दौर कितना बदल गया है

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White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया,
हर इंसान अपने ही साए से जल गया।
इज्जत अब बस नामों तक रह गई है,
असलियत झूठ की चादर में ढह गई है।

जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे,
अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं।
हर ख्वाब जो आँखों में पलता था,
उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है।

मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा,
हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा।
ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी,
और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी।

©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है

Parasram Arora

आखिर ये धर्म है क्या?

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White धर्म!

आखिर ये धर्म है क्या? 
 
मैंने तो  सिर्फ जीवन को ही जाना है 
जीवन के अलावा 
मैंने किसी को नहीं 
जाना  है.

और मेरी दृष्टि मे जीवन 
 का अर्थ है.
खेत   हल कुवा और  
लहल्हाती फसल 
जीवन का अर्थ है  पत्नी 
बच्चे और सुखद सफल 
दाम्पत्य

©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?
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