Find the Latest Status about हैण्ड एम्ब्रायडरी डिजाईन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हैण्ड एम्ब्रायडरी डिजाईन.
lavanyabeauti
2023 में रक्षा बंधन के लिए 25 नवीनतम मेहंदी डिजाइन भारत में हर त्योहार यहां के लोगों के दिलों में महत्वपूर्ण महत्व रखता है। उत्सव उन लोगों के लिए भावनाओं से कम नहीं हैं जो बड़े धूमधाम और शो के साथ उत्सव का आनंद लेने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक रक्षा बंधन है जो भाइयों और बहनों के मजबूत और बिना शर्त बंधन का प्रतीक है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक है जहां वे सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते ©lavanyabeauti #Connections #मेहंदी डिजाईन #दुल्हनमेहंदी #nojotovairal#nojotoshort
lavanyabeauti
सामने वाले हाथों के लिए सरल मेहंदी डिज़ाइन 1. पारंपरिक पुष्प अरबी ट्रेल एक भव्य अरबी बेल-आर्ट मेहंदी डिज़ाइन कभी भी शैली से बाहर नहीं जाता है। हमें यह पसंद आया कि इसे बाउंड्री और फिलिंग के लिए छोटे-छोटे स्ट्रोक्स के साथ कितनी सफाई से बनाया गया है। पारंपरिक तत्वों को शामिल करते हुए, यह वास्तव में एक सरल मेहंदी डिज़ाइन है! ©lavanyabeauti #UskeHaath #mehandi डिजाईन #दुल्हन mehandi#nojoto vairalshort#nojotovairalvideo#
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी-बहुत चीजें थीं वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं और पिछले दो दिनों से वो पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था..., वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घंटों में अगर उसे कहीं से पानी नहीं मिला तो उसकी मौत पक्की है पर कहीं न कहीं उसे ईश्वर पर यकीन था कि कुछ चमत्कार होगा और उसे पानी मिल जाएगा..., तभी उसे एक झोपड़ी दिखाई दी! उसे अपनी आँखों यकीन नहीं हुआ पहले भी वह मृगतृष्णा और भ्रम के कारण धोखा खा चुका था पर बेचारे के पास यकीन करने के आलावा को चारा भी तो न था आखिर ये उसकी आखिरी उम्मीद जो थी..., वह अपनी बची-खुची ताकत से झोपडी की तरफ रेंगने लगा जैसे-जैसे करीब पहुँचता उसकी उम्मीद बढती जाती और इस बार भाग्य भी उसके साथ था, सचमुच वहां एक झोपड़ी थी..., पर ये क्या? झोपडी तो वीरान पड़ी थी! मानो सालों से कोई वहां भटका न हो। फिर भी पानी की उम्मीद में आदमी झोपड़ी के अन्दर घुसा अन्दर का नजारा देख उसे अपनी आँखों पे यकीन नहीं हुआ…, वहां एक हैण्ड पंप लगा था, आदमी एक नयी उर्जा से भर गया पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता वह तेजी से हैण्ड पंप चलाने लगा। लेकिंग हैण्ड पंप तो कब का सूख चुका था आदमी निराश हो गया उसे लगा कि अब उसे मरने से कोई नहीं बचा सकता…वह निढाल हो कर गिर पड़ा..., तभी उसे झोपड़ी के छत से बंधी पानी से भरी एक बोतल दिखी! वह किसी तरह उसकी तरफ लपका! वह उसे खोल कर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल से चिपका एक कागज़ दिखा उस पर लिखा था..., इस पानी का प्रयोग हैण्ड पंप चलाने के लिए करो और वापस बोतल भर कर रखना नहीं भूलना..., ये एक अजीब सी स्थिति थी, आदमी को समझ नहीं आ रहा था कि वो पानी पिए या उसे हैण्ड पंप में डालकर उसे चालू करे..., उसके मन में तमाम सवाल उठने लगे अगर पानी डालने पे भी पंप नहीं चला अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई और क्या पता जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो लेकिन क्या पता पंप चल ही पड़े क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे..., फिर कुछ सोचने के बाद उसने बोतल खोली और कांपते हाथों से पानी पंप में डालने लगा। पानी डालकर उसने भगवान् से प्रार्थना की और पंप चलाने लगा एक-दो-तीन और हैण्ड पंप से ठंडा-ठंडा पानी निकलने लगा..., वो पानी किसी अमृत से कम नहीं था… आदमी ने जी भर के पानी पिया,उसकी जान में जान आ गयी, दिमाग काम करने लगा। उसने बोतल में फिर से पानी भर दिया और उसे छत से बांध दिया। जब वो ऐसा कर रहा था तभी उसे अपने सामने एक और शीशे की बोतल दिखी। खोला तो उसमे एक पेंसिल और एक नक्शा पड़ा हुआ था जिसमे रेगिस्तान से निकलने का रास्ता था..., आदमी ने रास्ता याद कर लिया और नक़्शे वाली बोतल को वापस वहीँ रख दया। इसके बाद वो अपनी बोतलों में पानी भर कर वहां से जाने लगा कुछ आगे बढ़ कर उसने एक बार पीछे मुड़ कर देखा फिर कुछ सोच कर वापस उस झोपडी में गया और पानी से भरी बोतल पे चिपके कागज़ को उतार कर उस पर कुछ लिखने लगा..., *उसने लिखा- मेरा यकीन करिए ये काम करता है!* *शिक्षा* दोस्तों, ये कहानी संपूर्ण जीवन के बारे में है। ये हमे सिखाती है कि बुरी से बुरी स्थिति में भी अपनी उम्मीद नहीं छोडनी चाहिए और इस कहानी से ये भी शिक्षा मिलती है कि कुछ बहुत बड़ा पाने से पहले हमें अपनी ओर से भी कुछ देना होता है। जैसे उस आदमी ने नल चलाने के लिए मौजूद पूरा पानी उसमे डाल दिया।देखा जाए तो इस कहानी में पानी जीवन में मौजूद अच्छी चीजों को दर्शाता है, कुछ ऐसी चीजें जिसकी हमारी नजर में कीमत है। किसी के लिए ये ज्ञान हो सकता है तो किसी के लिए प्रेम तो किसी और के लिए पैसा! ये जो कुछ भी है उसे पाने के लिए पहले हमें अपनी तरफ से उसे कर्म रुपी हैण्ड पंप में डालना होता है और फिर बदले में आप अपने योगदान से कहीं अधिक मात्रा में उसे वापस पाते हैं....! अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की
Vinay Mali
SanJeeV KuMar
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 उस दिन सबेरे आठ बजे मैं अपने शहर से दूसरे शहर जाने के लिए निकला । मैं रेलवे स्टेशन पँहुचा , पर देरी से पँहुचने के कारण मेरी ट्रेन निकल चुकी थी । मेरे पास दोपहर की ट्रेन के अलावा कोई चारा नही था । मैंने सोचा कही नाश्ता कर लिया जाए..., बहुत जोर की भूख लगी थी । मैं होटल की ओर जा रहा था । अचानक रास्ते में मेरी नजर फुटपाथ पर बैठे दो बच्चों पर पड़ी । दोनों लगभग 10-12 साल के रहे होंगे .।बच्चों की हालत बहुत खराब थी..., कमजोरी के कारण अस्थि पिंजर साफ दिखाई दे रहे थे ।वे भूखे लग रहे थे । छोटा बच्चा बड़े को खाने के बारे में कह रहा था और बड़ा उसे चुप कराने की कोशिश कर रहा था । मैं अचानक रुक गया ।दौड़ती भागती जिंदगी में पैर ठहर से गये..., जीवन को देख मेरा मन भर आया । सोचा इन्हें कुछ पैसे दे दिए जाएँ । मैं उन्हें दस रु. देकर आगे बढ़ गया तुरंत मेरे मन में एक विचार आया कितना कंजूस हूँ मैं ! दस रु. का क्या मिलेगा ? चाय तक ढंग से न मिलेगी ! स्वयं पर शर्म आयी फिर वापस लौटा । मैंने बच्चों से कहा - कुछ खाओगे ? बच्चे थोड़े असमंजस में पड़ गए ! जी । मैंने कहा बेटा ! मैं नाश्ता करने जा रहा हूँ , तुम भी कर लो ! वे दोनों भूख के कारण तैयार हो गए । मेरे पीछे पीछे वे होटल में आ गए । उनके कपड़े गंदे होने से होटल वाले ने डांट दिया और भगाने लगा..., मैंने कहा भाई साहब ! उन्हें जो खाना है वो उन्हें दो , पैसे मैं दूँगा ।होटल वाले ने आश्चर्य से मेरी ओर देखा..! उसकी आँखों में उसके बर्ताव के लिए शर्म साफ दिखाई दी..., बच्चों ने नाश्ता मिठाई व लस्सी माँगी । सेल्फ सर्विस के कारण मैंने नाश्ता बच्चों को लेकर दिया । बच्चे जब खाने लगे , उनके चेहरे की ख़ुशी कुछ निराली ही थी । मैंने भी एक अजीब आत्म संतोष महसूस किया । मैंने बच्चों को कहा बेटा ! अब जो मैंने तुम्हे पैसे दिए हैं उसमें एक रु. का शैम्पू ले कर हैण्ड पम्प के पास नहा लेना..., और फिर दोपहर शाम का खाना पास के मन्दिर में चलने वाले लंगर में खा लेना ।मैं नाश्ते के पैसे चुका कर फिर अपनी दौड़ती दिनचर्या की ओर बढ़ निकला..., वहाँ आसपास के लोग बड़े सम्मान के साथ देख रहे थे । होटल वाले के शब्द आदर में परिवर्तित हो चुके थे । मैं स्टेशन की ओर निकला , थोडा मन भारी लग रहा था । मन थोडा उनके बारे में सोच कर दु:खी हो रहा था..., रास्ते में मंदिर आया । मैंने मंदिर की ओर देखा और कहा - हे भगवान ! आप कहाँ हो ? इन बच्चों की ये हालत ! ये भूख आप कैसे चुप बैठ सकते हैं..., दूसरे ही क्षण मेरे मन में विचार आया , अभी तक जो उन्हें नाश्ता दे रहा था वो कौन था ? क्या तुम्हें लगता है तुमने वह सब अपनी सोच से किया ? मैं स्तब्ध हो गया ! मेरे सारे प्रश्न समाप्त हो गए ..., ऐसा लगा जैसे मैंने ईश्वर से बात की हो ! मुझे समझ आ चुका था हम निमित्त मात्र हैं । उसके कार्य कलाप वो ही जानता है , इसीलिए वो महान है ..., भगवान हमें किसी की मदद करने तब ही भेजता है , जब वह हमें उस काम के लायक समझता है ।यह उसी की प्रेरणा होती है । किसी मदद को मना करना वैसा ही है जैसे भगवान के काम को मना करना..., शिक्षा :- खुद में ईश्वर को देखना ध्यान है - दूसरों में ईश्वर को देखना प्रेम है ,ईश्वर को सब में और सब में ईश्वर को देखना ज्ञान है...! अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" सर्वधर्म समाधान ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 उस दिन सबेरे आठ बजे मैं अपने शहर से दूसरे शहर जाने के लिए निकला