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Aditya Neerav
White रैन को चैन नहीं है दिन फिर भी गुजर जाता है वह बोलता बहुत कुछ है ऐन मौके पर मुकर जाता है ©Aditya Neerav #रैन
Devesh Dixit
क्रूर (दोहे) किसी बात का हल नहीं, हो स्वभाव ये क्रूर। अपने ही सब हों खफा, बाकी भी सब दूर।। देख क्रूर को मन बड़ा, होता है बैचेन। हर क्षण उसका खौफ हो, हो चाहे दिन-रैन।। कहते हैं सज्जन सभी, दुख भोगे है क्रूर। कुछ पल का आनंद है, मिटता वही जरूर।। बने क्रूर वो ही सुनो, जिसको है अभिमान। अन्धकार में है वही, जिसे नहीं है ज्ञान।। मत पालो ये क्रूरता, होते सब हैरान। जीवन को ही कोसते, कहते सभी सुजान।। जो बनते हैं क्रूर वो, उन्हें कहाँ सम्मान। हर क्षण ही सब कोसते, पाता वह अपमान। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #क्रूर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry क्रूर (दोहे) किसी बात का हल नहीं, हो स्वभाव ये क्रूर। अपने ही सब हों खफा, बाकी भी सब दूर।।
#क्रूर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry क्रूर (दोहे) किसी बात का हल नहीं, हो स्वभाव ये क्रूर। अपने ही सब हों खफा, बाकी भी सब दूर।। #Poetry #sandiprohila
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क्रूर (दोहे) किसी बात का हल नहीं, हो स्वभाव ये क्रूर। अपने ही सब हों खफा, बाकी भी सब दूर।। देख क्रूर को मन बड़ा, होता है बैचेन। हर क्षण उसका खौफ हो, हो चाहे दिन-रैन।। कहते हैं सज्जन सभी, दुख भोगे है क्रूर। कुछ पल का आनंद है, मिटता वही जरूर।। बने क्रूर वो ही सुनो, जिसको है अभिमान। अन्धकार में है वही, जिसे नहीं है ज्ञान।। मत पालो ये क्रूरता, होते सब हैरान। जीवन को ही कोसते, कहते सभी सुजान।। जो बनते हैं क्रूर वो, उन्हें कहाँ सम्मान। हर क्षण ही सब कोसते, पाता वह अपमान। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #क्रूर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry क्रूर (दोहे) किसी बात का हल नहीं, हो स्वभाव ये क्रूर। अपने ही सब हों खफा, बाकी भी सब दूर।।
#क्रूर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry क्रूर (दोहे) किसी बात का हल नहीं, हो स्वभाव ये क्रूर। अपने ही सब हों खफा, बाकी भी सब दूर।। #Poetry #sandiprohila
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
hanuman jayanti 2024 जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी लगाकर ध्यान ।। खुश होकर वर दे यही , जीवन हो उजियार । मंगल ही मंगल रहे , सुखी रहे परिवार ।। राम-नाम प्यारा लगे , भजते हैं दिन रैन । बोले प्रभु का दास हूँ , भजकर मिलता चैन ।। राम-नाम मिश्री यहां , चख ले जो इक बार । व्यंजन सब फीके लगे , चाहे चखो हजार ।। हृदय चीर दिखला दिए , सियाराम का वास । ऐसे उनके भक्त थे, कहते प्रभु का दास ।। जन्म उसी का है सफल , ले जो प्रभु का नाम । राम-राम जप कर यहाँ , मिले सदा आराम ।। मिट्टी का मानव यहाँ , मिट्टी से ही दूर । मिट्टी में मिलना उसे , फिर भी मद में चूर ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी
जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी #शायरी
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लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया , बीत गई फिर रैन ।। रूप मोहिनी देखकर , ठहर गये दो नैन । लब बेचारे मौन थे , कह न सके दो बैन ।। जिनकी सुन तारीफ में , निकल न पाये बैन । कजरारे वह नैन अब , लूट रहें हैं चैन ।। इतना तो अब ध्यान रख , भोर नही ये रैन । झूठ बोलते आप हैं , बोल रहे दो नैन ।। अमृत कलश पिला दिए , तेरे ये दो नैन । झूम-रहा हूँ देख लो , पीकर अब दिन रैन ।। लाकर होठों पर हँसी , पीर छुपाये कौन । दो नैना यह देखकर , रह न सकेंगे मौन ।। दो नैना जो चार हो, खिले अधर मुस्कान धीरे-धीरे हो गया , देख हृदय का दान ।। ०४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया ,
लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया , #कविता
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