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Kalpana Srivastava
कुछ मां यशोदा जैसी होती है जो दूसरे के संतान को भी अपने गले से लगाए रहती है। और कुछ मां कैकई की तरह अपने बच्चों में ही फर्क करती है। ©Kalpana Srivastava #मां
Parasram Arora
Unsplash मन अगर संवेदबमनाओ के संवेनद से भरा हो तों अनर्थ क़ी झड़ मे से भी अर्थ डुंडा जा सकता है ©Parasram Arora अर्थ अनर्थ
अर्थ अनर्थ
read moreNair Ara
जो ये कहते है कि मां तो सिर्फ एक ही है बीवियों का क्या एक जाएंगी. . .दस मिल जाएंगी जरा सोचिए अगर उनके अब्बा हुजूर ने भी गर यही सोचा होता तो आज वो भी 🫣🤗😂 ©Nair Ara मां का हक अपनी जगह बीवियों का हक भी अपनी जगह
मां का हक अपनी जगह बीवियों का हक भी अपनी जगह
read moreनवनीत ठाकुर
मां की ममता का कोई हिसाब नहीं होता, उसका हर आँसू भी बेवजह नहीं होता। दुआएं उसकी साये की तरह होती हैं, मां के कदमों तले ही तो जन्नत होती है। ©नवनीत ठाकुर #मां
Mayuri Bhosale
❣️❣️ ... प्रेमाचा खरा अर्थ...❣️❣️ मी उभी इथे🙋 तू पाहशील मला जिथे🤷 दूर झाल्या आपल्या वाटा साऱ्या मिळुनी तिथे.🛣️ मी आकाशातील धुके 🌨️ तू न बोलताच शब्द पडले मुके 🤫 ढगांचे हे आज कालचे असे वागणे वाऱ्याला सारखे खूपे. मी सागरातील लाट 🌊 तू न संपणारी वाट 🛣️ सुंदर स्वप्न वेडी प्रेमाची होईल एक दिवस पहाट.🌅 मी बासरीतील सूर 🎶 तू गीत बोलती मधुर 🎵 किमया सारी सप्तसुरातील स्वरांची गेली कुठे निघूनी दूर. मी तुला रागावणे 🤨 तू त्यावर काहीच न बोलणे🤫 भासते जणू आभाळाचे सावलीला काहीसे बिलगणे. 🌫️ मी नात्यातला दुरावा💔 तू कृष्ण राधेच्या प्रेमातील पुरावा 👩❤️👨 आंबट गोड नातं फुलूनी तो हृदयात निरंतर मुरावा.❤️🩹 मी जपला नात्यात निस्वार्थ 🤷 तू दिलास प्रेमाचा खरा अर्थ💓♥️ लोक त्याला उपमा देऊनी साधून घेती स्वतःचा स्वार्थ.😔 ©Mayuri Bhosale # प्रेमाचा खरा अर्थ
# प्रेमाचा खरा अर्थ
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
White मेरी बीबी को मेरी माता खलकती है जब मेरे दुखों को मेरी मां परखती है मेरे कहने को टालती रही है सदा वे जब माता दुआओं का हाथ फेरती है ©DANVEER SINGH DUNIYA #sad_shayari मां का आशीर्वाद...
#sad_shayari मां का आशीर्वाद...
read moreनवनीत ठाकुर
White माँ के आँचल में बसी है जन्नत की खुशबू, उसके प्यार में हर दर्द की दवा बाकी है। लोरी की धुन से सजे हैं बचपन के नगमें, उसकी ममता का हर रंग-ओ-हवा बाकी है। उसके आशीर्वाद से रोशन है ये दुनिया, हर कठिन राह में उसका साया बाकी है। माँ की दुआओं में वो असर है छुपा, जो हर ठोकर पे हमें संभाल लेता बाकी है। माँ के आँचल की ठंडी छाँव है रहमत, जिसमें सुकून-ओ-अमन का जहाँ बाकी है। उसकी ममता में बसी है खुदा की रहमत, माँ का हर एहसास बेमिसाल बाकी है। जब भी गिरते हैं, उठाने को वो तैयार रहती है, उसकी ममता का हर पल हमें सहारा बाकी है। उसकी आँखों में दुआओं का एक समंदर है, हर लम्हा उसके प्यार का दरिया बाकी है। उसकी मुस्कान में छुपा है सुकून का जहाँ, उसकी बातों में जन्नत का सफ़र बाकी है। दूर रहकर भी उसके साये का एहसास मिलता है, माँ की ममता का वो अमर रिश्ता बाकी है। ©नवनीत ठाकुर #मां