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Vedantika
रहना ज़रा संभल कर इश्क़ की गलियों में तिलिस्म-ए-औहाम हैं यह ना सुलझने वाला औहाम- धोखे, भ्रांति #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #औहाम #उर्दुकीपाठशाला #wordoftheday #writinggyan
ashutosh anjan
फ़रेब से निकलकर चला था ईमान को ख़ुदा बनाने लेकिन, ज़िंदगी क्या निकलीं अंजान बस औहाम का आशियाना निकलीं। (औहाम-धोखा, भ्रांतियां) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #उर्दूशायरी #उर्दू_की_पाठशाला #yourquotedidi #yqdidi #yqbaba #आशुतोष_अंजान
Shekhar
मुझे खुद से ज़ियादा आज अपनो पर भरोसा है, मगर क्यों पीठ पर अपना ही कोई वार करता है।(1) हमारे मुल्क में अक्सर ही ऐसा होता रहता है, जिसे कुछ भी नहीं आता है वो सत्ता पे बैठा है।(2) अगर ये ख़ाकी वर्दी वाले रक्षा करते है सबकी, तो फिर हर आदमी क्यों इन पुलिसवालो से डरता है।(3) हमारे बच्चों ने छोड़ा हमें तब जाके हम समझे, परिंदा पर निकलने पे शज़र को छोड़ जाता है।(4) किसी के प्यार में तुम ज़िन्दगी बर्बाद मत करना, किसी के वास्ते कोई न अपनी जान देता है।(5) यहाँ इंसान की कीमत नहीं औहदे की है कीमत, "ये दुनिया है ये दुनिया है इसी का नाम दुनिया है।"(6) न हो मायूस अब तू "अक्स" तू
Md Khurshid
प्रिय दोसतो माफी चाहता हूं हमारे घर में एक दुखद घटना हो गई है इस लिए लाईव नही हो सकता हूं ©Md Khurshid #औह #humantouch
Rimjhim Kashyap
ज़रा गौर से! दो Lines हैं मगर हज़ारों कहानियाँ इससे जुड़ी हैं। ✍अर्ज़_किया_है के (इश्क़) रंग, रूप,पैसा,औहदा..... सब कुछ होगया इस ज़माने में। बस इश्क़, इश्क़ ही ना रहा इस ज़माने में। ©Rimjhim Kashyap ज़रा गौर से! दो Lines हैं मगर हज़ारों कहानियाँ इससे जुड़ी हैं। ✍अर्ज़_किया_है के (इश्क़) रंग, रूप,पैसा,औहदा..... सब कुछ होगया इस ज़माने
Somya Tiwari (Poetic_Girl_Somu)
दोस्तों के संग कोई ट्रिप दोस्त के साथ एक ज़िन्दगी की ट्रिप (कृपया कैप्शन में पढ़े)✍️✍️❤️❤️ #friends #December दोस्ती है अनमोल रत्न; नहीं तोल सकता जिसे कोई धन, सच्ची दोस्ती जिसके पास है;
Parul Sharma
कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है । छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है बस देखना है कौन किससे डरता है। औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है। कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं। बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है। कलयुग में ..........................ढलता है। पारुल शर्मा #NojotoQuote कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भा
Parul Sharma
झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है । छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है बस देखना है कौन किससे डरता है। औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है। कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं। बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है। कलयुग में ..........................ढलता है। पारुल शर्मा #NojotoQuote झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में