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Ankur tiwari
White दिल को कैसे समझाऊं ये दिल भी बड़ा कमीना हैं धक धक धक करने लगता जब आता जून महीना है अंजान रोज उतर कर ख्वाबों जो आता चेहरा मेरे हैं तेरे चेहरे से मिलता जुलता वो एक नायाब नगीना हैं @mr_master__sab ©Ankur tiwari #love_shayari दिल को कैसे समझाऊं ये दिल भी बड़ा कमीना हैं धक धक धक करने लगता जब आता जून महीना है अंजान रोज उतर कर ख्वाबों जो आता चेहरा मेरे
Seema Rai
Black ये मई का महीना हैं साहब यहाँ लू में जलना भी होगा और बारिश का इंतजार करना भी होगा ठीक उसी तरह ये जिंदगी है साहब यहाँ जीना भी पड़ेगा और रोज घुट - घुट कर मरना भी पड़ेगा ©Seema Rai #मई का महीना
Mohit Gupta
Black यह थो सच है मेरे लिए अप्रैल का महीना बहुत बुरा है क्योंकि आज तीन साल हो गए आज के दिन ही उस श्क्स से आखरी बार बात हुई उस दिन उससे सारे रिश्ते खत्म हो चुके ते जिसको मैं अपना सब कुछ मान चुका था बंदर कहके बोलती मुझे हालाकि इतने वक्त साथ नहीं ते पर जितने दिन ते बहुत अच्छे से गुजरे ते ,आज जब उस गली को देखा जिसमें मैं उससे मिला था , पता नही क्यों वो पुराने दिन सामने आगया,अब थो उससे देखे हुऐ भी काफी टाइम हो गए (🥰टू बंदरी 🥰) और इस अप्रैल के महीने मे एक खास दोस्त से जो मेरी हिम्मत थी उससे दोस्ती का रिश्ता कुछ इस तरह टूटा जो अब कभी दुबारा नही बन सकता , पर अब कोई बात नही जिसमे उसकी खुशी उसमे मेरी,मुझे कहती थी मैं दुनिया की सबसे अमीर लड़की हूं की मेरे पास तुझ जैसा दोस्त है , इतना कहना चाहता हु कभी उस मोड़ पर मत जना जिस जगह तुझको दर्द और मम्मी पापा को दुख हो।। अब सब कुछ मैने उस महाकल पर छोड़ दिया है जैसी उसकी मर्जी मुझे मंजूर है ।।। ©Mohit Gupta अप्रेल का महीना सबसे बुरा है ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Village Life ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं उनकी की चाहत का महीना है ।।२ चुनावी हो रहे दंगल गली घर में लगे पर्चे । करो मतदान तुम बस अब सियासत का महीना है ।।३ लड़ेगी आँख तेरी भी किसी दिन तो हसीनों से । जिगर तू थाम लेना बस मुहब्बत का महीना है ।।४ अभी आयी जवानी है सँभलकर तुम जरा चलना । कदम बलखा न जाये अब नज़ाकत का महीना है ।।५ खिले जो फूल गुलशन में उन्हें कच्ची कली मानों भँवर को भी बता दो अब हिफ़ाज़त का महीना है ।।६ प्रखर से सीख लो कुछ इल्म झूठी इन रिवायतों के । बता देगा तुम्हें वो भी तिज़ारत का महीना है ।।७ २८/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं
Ashok Topno
कैलेंडर हमेशा तारीखों को बदलता है पर एक दिन ऐसी तारीख भी आती है जो कैलेंडर को ही बदल देता है इसलिए सब्र रखें वक़्त हर किसी का आता है ©Ashok Topno कैलेंडर#longdrive #Ashok
N S Yadav GoldMine
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशाख का महीना हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं. वैशाख अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म :- 🌿प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। वैशाख अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं. 🌿इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 🌿पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। 🌿वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। 🌿अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। 🌿निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। पौराणिक कथा :- 🌿वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी एक कथा पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण हुआ करते थे। वे बहुत ही धार्मिक और ऋषि-मुनियों का आदर करने वाले व्यक्ति थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है। धर्मवर्ण ने इस बात को आत्मसात कर लिया और सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन घूमते हुए वह पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है। साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई। ©N S Yadav GoldMine #wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा