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Anukaran
Unsplash बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की है, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही, मेहनत करने वाला होना चाहिए। ©Anukaran #बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही,
#बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही,
read moreRAVI PRAKASH
White हमेशा खुश रहना चाहिए, क्योंकि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नही होती बल्कि.... आज का सुकून भी चला जाता ©RAVI PRAKASH #sad_quotes हमेशा खुश रहना चाहिए,
#sad_quotes हमेशा खुश रहना चाहिए,
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
#संशय Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
read morepramod malakar
मैं हिन्दू हूं ........... मुझे खुशहाली नहीं भ्रष्टाचारी चाहिए , मुझे सुरक्षा नहीं अत्याचारी चाहिए । सनातन और संस्कृति से क्या लेना , मुझे जेहादी विचार चाहिए ।। अकबर से कटा , औरंगजेब से कटा , 1947 का फिर से खून कि धार चाहिए । स्तन काटा , गुप्तांग काटा , हमें कटता - तड़फता परिवार चाहिए । मैं सो रहा हूं गहरी नींद में , मुझे जगाने के लिए सर पर तलवार चाहिए । दफ़न होने के लिए मुझे , श्मशान नहीं कब्रिस्तान चाहिए ।। मैं हिन्दू हूं ........... मुझे भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं मुस्लिमिस्तान चाहिए , मुझे खुशहाली नहीं , अत्याचारी सरकार चाहिए । मुझे जेहादी विचार चाहिए ।। @@@@@@@@@@@@@ प्रमोद मालाकार की कलम से 24.11.24 ©pramod malakar #मुझे जेहादी विचार चाहिए।
#मुझे जेहादी विचार चाहिए।
read moreF M POETRY
White नहीं आता यक़ीन हमको किसी पर.. तुम्हारे बाद अब हम किसको चाहें.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #नहीं आता यक़ीन हमको.....
#नहीं आता यक़ीन हमको.....
read moreShiv Narayan Saxena
हर बच्चे को चाहिए, सिर पर हो इक हाथ। खेल-कूद पढ़वाइये, अनुशासन के साथ।। हर बच्चे को चाहिए, ऊॅंची उड़े उड़ान। खूंटी मगर न छोड़िये, राखि दूर अभिमान।। बच्चे प्यार-दुलार हैं, मन बगिया के फूल। देखो उनकी राह में, रहे न कोई शूल।। HAPPY CHILDREN'S DAY. ©Shiv Narayan Saxena #बालदिवस हर बच्चे को चाहिए
#बालदिवस हर बच्चे को चाहिए
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