Nojoto: Largest Storytelling Platform

New 'mahabharat चाहिए हमको' Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about 'mahabharat चाहिए हमको' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'mahabharat चाहिए हमको'.

Stories related to 'mahabharat चाहिए हमको'

SumitGaurav2005

मैं सूर्यपुत्र होते हुए भी,
सूत पुत्र कहलाया थ। 
कुंती माँ मुझे जना तू ने, 
परन्तु राधेय कहलाया था। 
कर्ण दानवीर होते हुए भी,
सबसे तिरस्कार पाया था।
ऐसी क्या तेरी विवशता थी,
जो तूने मुझे ठुकराया था।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005 #कर्ण  #karna #महाभारत #Mahabharat #Mahabharata #Sumitgaurav2005 #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana #Epic

Akash gautam s n

#covidindia करना चाहिए था

read more
हमे इकरार करना चाहिए था मुकम्मल प्यार करना चाहिए था ये सोचा था कि मर जायेंगे तुम बीन जो सोचा था तो मरना चाहिए था

©Akash gautam s n #covidindia करना चाहिए था

Rahul Prajapat

#sad_qoute एक मिलनी चाहिए

read more
White चाँदनी चांद से होती ह सितारो से नही मोहब्बत एक से होती ह हजारो से नही

©Rahul Prajapat #sad_qoute  एक मिलनी चाहिए

Anukaran

#बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही,

read more
Unsplash बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए,
झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए,
जिद्द आगे बढ़ने की है, कोशिश करने वाला चाहिए,
जीत तो तुम्हारी होगी ही, मेहनत करने वाला होना चाहिए।

©Anukaran #बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए,
झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए,
जिद्द आगे बढ़ने की, कोशिश करने वाला चाहिए,
जीत तो तुम्हारी होगी ही,

NOTHING

unique writer

हमेशा खुश रहना चाहिए

read more

RAVI PRAKASH

#sad_quotes हमेशा खुश रहना चाहिए,

read more
White हमेशा खुश रहना चाहिए, क्योंकि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नही होती बल्कि.... आज का सुकून भी चला जाता

©RAVI PRAKASH #sad_quotes हमेशा खुश रहना चाहिए,

Uttam Bajpai

हिंदी कॉमेडीगर्लफ्रेंड कैसी होनी चाहिए

read more

Broken heart

#hunarbaaz मुझको मेरा अक्श चाहिए

read more

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile