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Satish Kumar Meena
जिनके घर शीशे के होते हैं जिनके घर शीशे के होते हैं उनके दिल भी शीशे के ही होते हैं जो छोटे से कंकर की आवाज से ही चटक जाया करते हैं। ©Satish Kumar Meena जिनके घर शीशे के
जिनके घर शीशे के
read moreRAMLALIT NIRALA
Red sands and spectacular sandstone rock formations माँ शब्द देखने और सुनने में बहोत छोटा लगता है पर है नही दुनिया का सारा दौलत एक तरफ़ माँ एक तरफ़ फिर भी दौलत माँ के सामने कम ही रहैगा सबसे बडा दौलत माँ है जिसके पास माँ है दुनियां का सबसे बडा अमिर है मेरी दौलत तो मूझसे बहोत दूर है आप बताओ ©RAMLALIT NIRALA सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं
सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं
read moreM.K Meet
मिटा सको तो मिटा दो मेरी हस्ती निकाल फेंको मुझे अपने घर से बाहर मगर कैसे जी सकोगे अपने दिल के बिना यार उसी घर में तो ,मै अपना घर बनाया हूं!!! . ©M.K Meet #घर
Himanshu Prajapati
वह मिला ही नहीं फिर, जो साथ रहने का वादा किया था, ..💔 #36gyan #hpstrange ©Himanshu Prajapati #lovetaj वह मिला ही नहीं फिर, जो साथ रहने का वादा किया था, ..💔 #36gyan #hpstrange
#lovetaj वह मिला ही नहीं फिर, जो साथ रहने का वादा किया था, ..💔 #36gyan #hpstrange
read moreRAMLALIT NIRALA
White झूठ बोल कर चुनाव जीत सकते है किसी का दिल नहीं ओ मुर्ख होते है जो दुसरो के कन्धो पर बंदुख रखकर चलाते है कभी दुःख मे अकेले रहना जिंदगी क्या होती है पता चल जायेगी ©RAMLALIT NIRALA कभी भी ईशान को बिना जाने नहीं कुछ कहना चाहीये
कभी भी ईशान को बिना जाने नहीं कुछ कहना चाहीये
read moreRAMLALIT NIRALA
White दिन गुजर गये रात गुजर गये गुजरगये सब बाते। ख्याल रखना तुम अपना मां बाप नहीं समझायेगे जीवन भर बाते। मां ईस दुनिया में एक ऐसा शब्द है जो दुनिया के सारे दौलत एक तरफ मां एक तरफ फिर भी दुनिया के दौलत कम पड जायेगी फिर भी लोग एक दूसरे के चक्र में उस दौलत को भुल जा रहै हैं आज कल मै देखा हूँ कि एक मा सारा दुख दर्द सह कर बेटा और बेटी को पालती है बीना उम्मीद के बस एक उमीद के सहारे एक दिन मेरे बुढापे का सहारा बनेगा मेरा बेटा पर कहते हुये मूझे दुख ही नहीं रोना पड रहा है ओही बेटा बीबी के साथ और मा को किनारे कर देरहा है सोचो कितना दूख से ओ मा अपनी जीवन को बिताती है बाकी बाद मे लिखुगा यार आशु नहीं रूक रहा है मेरा ©RAMLALIT NIRALA मां को कभी दुखी नहीं करना चाहिए
मां को कभी दुखी नहीं करना चाहिए
read moredr.rohit sarswati
White ( घर लौट चलूँ ) मन करता है छोड़ शहर की चका चौंद को घर अपने में लौट चलूँ ! मन करता है तोड़ नौकरी की जंजीरें इस शहर को तनहा छोड़ चलूँ । छोड़ चलूँ इस चँचल मन को इस शहर की भीड़ में रोता बिल्कता ! पीछे मुड़के ना देखूँ में चला जाउँ बस आगे बढ़ता । झुटी दिखावटी इस दुनिया से अब में नाता तोड़ चलूँ ! घर अपने मे लौट चलूँ घर अपने में लौट चलूँ । ©dr.rohit sarswati #घर लौट चलूँ
#घर लौट चलूँ
read moreAshtvinayak
कोई "हालात" को नहीं समझता, तो कोई "जज़्बात" को नहीं समझता.. ये तो बस अपनी-अपनी "समझ” है... कोई "कोरा कागज़” भी पढ़ लेता है, तो कोई पूरी "क
read moreTara Chandra
मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ ही घर की बुनियाद नहीं होते, ... ... माता–पिता, दादा–दादी आदि के अनगिनत सपने, मेहनत तथा प्यार भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।। ©Tara Chandra #Home #घर