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संजीव निगम अनाम

भक नहीं होगा - संजीव निगम "अनाम" #शायरी

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Manni Kumar *

भागो मत दुनिया को बदलो।भक बुरबक क्या मजाक करते हो।आपन बिहार।

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Sarita Shreyasi

वह भक से जल उठती है, धप्प से बुझ जाती है, क्यूँकि उसे अच्छा नहीं लगता, गीली लकड़ियों-सा सुलगते रहना, मिथ्या दंभ और टूटे स्वाभिमान, के कड़वे #Fire #Woman #Hindi #yqbaba #yqdidi #Flame

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वो भक से जल उठती है,
धप्प से बुझ जाती है,
क्यूँकि उसे अच्छा नहीं लगता,
गीली लकड़ियों-सा सुलगते रहना,
मिथ्या दंभ और टूटे स्वाभिमान,
के कड़वे निवाले निगलते रहना। वह भक से जल उठती है,
धप्प से बुझ जाती है,
क्यूँकि उसे अच्छा नहीं लगता,
गीली लकड़ियों-सा सुलगते रहना,
मिथ्या दंभ और टूटे स्वाभिमान,
के कड़वे

Harshita Dawar

#Zindagi #lifequotes #lifelessons #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat सिलवटों में सिमट रही है ज़िन्दगी है कमाल कर रही है एक

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
सिलवटों में सिमट रही है
ज़िन्दगी है कमाल कर रही है

एक झटके के उलट से पलट कर रही है
सोचते  कुछ करवाती कुछ नज़र आ रही है

भरोसा कुछ होता पल में एक धक्का दे रही है
धक से भक रह कर आंखों से ओझल कर रही है

कुछ उम्मीदों के समुद्र में ऐसे धकेला करती नज़र भर यहीं कर रही है
यूं सपनों को हकीकत भी बुनते पर खुली आंखों में धूल झोंक कर मुस्कुरा रही है

ए ज़िन्दगी , ए ज़िन्दगी क्या कमाल कर रही है
 #zindagi #lifequotes #lifelessons #yqbaba #yqdidi 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
सिलवटों में सिमट रही है
ज़िन्दगी है कमाल कर रही है

एक

Kumar Deprive

यह कोई साधारण दिवस नही दिन बहुत खास है अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस आज है हिंदी विकास के आज पिटेगा ढिंढोरा हिंदी बोलने में लड़खड़ाएंगे शहरी लड़

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यह कोई साधारण दिवस नही
दिन बहुत खास है
अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस आज है
हिंदी विकास के आज पिटेगा ढिंढोरा
हिंदी बोलने में लड़खड़ाएंगे शहरी लड़के
हिंदी में फटाफट जुबान चलाएगा गांव का छोरा
हिंदी मुल्क ए हिंद की मातृभाषा है
अपने ही मुल्क में क्यों हो रही दुर्दशा 
अंग्रेज चले गए पर अंग्रेजियत नहीं गई
हिंदी भाषी ही बन गए इंग्लैंड वाले गोरा
आपस में सब हिंदी में ही बतियाते हैं
आगंतुकों के सामने इंग्लिश सुनाते हैं
हिंदी कोई साधारण ताड खजूर के पेड़ नहीं 
यह सैकड़ों वर्ष पुराने  वटवृक्ष के समान है
तना है मगही भोजपुरी पहाड़ी राजस्थानी,
मैथिली बंगाली पंजाबी हिंदी के डाल हैं
जड़ है इसकी संथाली कश्मीरी डोगरी,
गुजराती मराठी अवधी ब्रज इसके भाल हैं
हिंदी है अनूठी भाषा जो चाहो दे दो परिभाषा
हिंदी हम गरीबों की रोटी भी है और दाल भी
बोली अनेक हो सकती है पर हिंदी सब की खाल है
कुछ लोग सवाल उठाते हैं हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं
उनसे पूछो होली दीपावली ईद क्रिसमस
वर्ष में कितने दिन आते हैं
हिंदी हमारा त्योहार है सिर्फ भाषा नहीं व्यवहार है
हम करते हैं इसका अकीदत 
इसलिए वर्ष में एक दिन हिंदी दिवस मनाते हैं
हिंदी के प्रसार पर अगर किसी की हो शक
उन्हें लंदन सिंगापुर मॉरीशस घुमा लाइए
हिंदी की विस्तार देखकर दिमाग हो जाएगा भक
हिंदी का अनुकरण करते हैं सभी भाषा वाले
फिर क्यों हीन भावना पालते हैं हिंदी के बोलने वाले

 
यह कोई साधारण दिवस नही
दिन बहुत खास है
अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस आज है
हिंदी विकास के आज पिटेगा ढिंढोरा
हिंदी बोलने में लड़खड़ाएंगे शहरी लड़

Jaswant Kumar DJ

क्यों कि मै तुम्हें भुलने लगा हूँ यार सुनो तुम तो कहती थी तुम मेरे जान हो तुम नही तो ये जहां नही फिर मै इतना बुरा क्यों लगने लगा तुम तो क #nojotoshortlovestory

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क्यों कि मै तुम्हें भुलने लगा हूँ यार ।।

(Read in caption) क्यों कि मै तुम्हें भुलने लगा हूँ यार

सुनो तुम तो कहती थी
तुम मेरे जान हो
तुम नही तो ये जहां नही 
फिर मै इतना बुरा क्यों लगने लगा

तुम तो क

Divyanshu

"अब तो बस मैं जा रहा हूँ"a diary of kota student!!(full poem im caption) वो उठतीं उँगलियाँ, कुटिल मुस्कान, चीरते शब्द और व्यंगात्मक कटाक्ष, #Poetry #Hindi #heartbroken #nojotohindi #urdu #nojotophoto #NojotoPhotos

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 "अब तो बस मैं जा रहा हूँ"a diary of kota student!!(full poem im caption)
वो उठतीं उँगलियाँ, कुटिल मुस्कान,
चीरते शब्द और व्यंगात्मक कटाक्ष,

RAJ SINGH ✔️

*नाकाम आशिक़* पार्ट २- “निवेदन दिवस” “एक मोटी जीन्स ख़रीद लो विशाल..” (लक्षमण ने अपने जूते का फ़ीता खोलते हुए कहा) “क्यूँ क्या हुआ?” (विशाल #Books

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*नाकाम आशिक़*
पार्ट २- “निवेदन दिवस”

“एक मोटी जीन्स ख़रीद लो विशाल..” (लक्षमण ने अपने जूते का फ़ीता खोलते हुए कहा)
“क्यूँ क्या हुआ?” (विशाल
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