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aditi the writer

#Newyear2025 Kumar Shaurya Raj Sabri Raman आगाज़

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New Year 2025 नव वर्ष में नया दिन
ओर नया वक्त नई खुशियां लाया है
बस पकड़ो हाथ में 
ओर जाने न दो।
बना के अफसाना आज सब बटोर लाना है।।

©aditi the writer #Newyear2025  Kumar Shaurya  Raj Sabri  Raman  आगाज़

Anuj Ray

# कलेजे की आग"

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White कलेजे की आग"


किसी के कलेजे की आग बुझते ही,
किसी की रात की चूल्हे की आग जल गई। 

मिला किसी को कुछ भी नहीं फ़िर भी ,
दोनों की  एक पल के लिए तबियत बहल गई।

©Anuj Ray # कलेजे की आग"

Parasram Arora

#library आग और बाबुल

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Unsplash ये अच्छी बात हैँ कि 
बबुल इस किनारे पर था 
और आग दूसरे किनारे 
पर भड़की थीं 

वरना बाबुल   को  
आग निगल जाती 
अगर दोनों एक ही
 किनारे पर रहे होते

©Parasram Arora #library आग और बाबुल

Kavi Himanshu Pandey

आग.. #beingoriginal Hindi

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White प्रिय,आग लगाने से मिलेगा क्या, 
जज़्बातों को भड़काने से मिलेगा क्या, 
एक बार देखो नज़ारा आग बुझाकर, 
फ़िर सोचना, तुम्हें मिलेगा क्या! 
...... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey आग.. #beingoriginal #NojotoHindi

aditi the writer

#sad_quotes Rj..... आगाज़ R Jain @it's_ficklymoonlight

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White रंग बदलता, रूप बदलता,
हर पल खुद में उलझता।

क्या हूं वक्त का एक अंश,
या अनंत आकाश का हिस्सा अदृश्य।
खोज रहा हूं आज भी जवाब मैं,
रोशनी हूं या अंधेरों का स्रोत मैं।

आशाओं में बंधी सांसों की डोर हूं मैं,
कौन हूं मैं, आया नहीं आज तक समझ मैं।
आरंभ हूं या अंत हूं,
किसी सवाल का मंत हूं।

कौन हूं मैं, आज तक न खुद को जान पाया,
सृष्टि का कौन-सा मैं रंग हूं बनाया।
कसक हूं, प्यास हूं,
प्रेम की मिठास हूं।

उलझते रिश्तों की बनती आस हूं,
बदलते लम्हों का झिलमिल प्रकाश हूं।

©aditi the writer #sad_quotes  Rj.....  आगाज़  R Jain  @it's_ficklymoonlight

Nina

आग

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मैं को मैने...  

आंसुओं से मैंने मुझको विदा है किया।
सुखा कर उन्हे जेब में रुमाल सा सजा लिया।
मुस्कुराते हुए मैंने मुझको देख तो लिया,
मैं जान न पाया मैंने मुझे दिल था दिया।
मैं रोया चमकती आंखों से, नूर बना लिया।
मुस्कुराया बुझे अरमानों से, सुख बना लिया।
जल उठी वो धरती, वहां मरुस्थल बना लिया।
कांटों में फूल खिलाए, नदी से पानी बहा लिया।
मैं जाता मुझसे दूर कि सुख से रहना हो लिया।
मुझको दूर करना मुझसे ही उचित बना लिया।


मैं जान न पाया कब मैंने खुद को शत्रु बना लिया।
अजातशत्रु मैने अपना ही प्राण ले लिया।।


 मेरी दुनिया उजली करने मैने खुद को जला दिया!!

©Nina आग

aditi the writer

#ख्याल Raman आगाज़ m raj. g vineetapanchal

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White तेरी शोहरत है,
मेरी जिंदगी की वो रोशनी,
जो अंधेरों में भी रास्ता दिखा जाए।
तेरी मुस्कान है,
मेरे ख्वाबों का वो फूल,
जो हर सुबह को महका जाए।

तेरी बातें,
मेरी सोच की गहराई,
जिन्हें सुनकर दिल
हर दर्द भूल जाए।

तेरी शोहरत,
सिर्फ तेरा नाम नहीं,
ये मेरी पहचान बन गई है।
तेरा होना,
जैसे खुदा ने मेरे लिए
हर खुशी लिख दी है।

©aditi the writer #ख्याल  Raman  आगाज़  m raj. g  vineetapanchal

harshit tyagi

दिल कि बात जबां पर आगयी... #Sad_Status

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White हँस लेने दे जी भरकर आज मुझको "त्यागी" ऐसे लम्हे ज़िंदगी में अब बेहद कम ही आते है।

...त्यागी...

©harshit tyagi दिल कि बात जबां पर आगयी...
#Sad_Status

aditi the writer

#युद्ध Kumar Shaurya आगाज़ m raj. g vineetapanchal

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White 
बज उठी रणभेरी,जाग गया रक्त वीरों का आज,
हुआ समर का आरंभ,गूंज उठी वीरों की तलवार आज।
ज्वाला धधक रही नैनों में, और हाथों में है शस्त्र आज।
भालों और तलवारों से दुश्मनों की चीत्कारों से गूंज रहा रणक्षेत्र आज।
जन्मभूमि की खातिर समर है,   प्रशस्त वीरों की गाथा से आज।
वीरों का बलिदान व्यर्थ न जाएगा ,
स्वर्णाक्षरों में  नाम वीरों का  इतिहास में लिखा जाएगा।
समर रहेगा याद यह,बस याद करने वाला बदल जाएगा।
जब जब इतिहास खुद को दोहराएगा,
वीरों को याद अभिमान से किया जाएगा।।

©aditi the writer #युद्ध Kumar Shaurya  आगाज़  m raj. g  vineetapanchal

नवनीत ठाकुर

#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा

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वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा

दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है,
काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है।

दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल,
अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल।
ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार,
आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार।

तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम,
इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है,
नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है।

वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ,
किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां?
पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान,
 जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान।

©नवनीत ठाकुर #वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
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